राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द करने और अडानी मामले को लेकर कांग्रेस एक महीने तक करेगी देशव्यापी विरोध प्रदर्शन, कांग्रेस ने बताया रूपरेखा

आदिल अहमद

डेस्क: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता रद्द करने और अदानी मामले पर कांग्रेस अपना विरोध प्रदर्शन महीने भर करेगी। कांग्रेस का यह प्रदर्शन देशव्यापी होगा जिसकी रूप रेखा कल कांग्रेस ने पेश की है। जिसके तहत कल मशाल जुलूस निकला और आज विभिन्न प्रदेशो के राजधानी में पत्रकार वार्ता हुई है।

कल मंगलवार को कांग्रेस ने घोषणा की कि ब्लॉक स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक प्रदर्शन किया जाएगा। इसमें अप्रैल के दूसरे सप्ताह में ‘जय भारत महा सत्याग्रह’ का आयोजन भी शामिल है। पूरे देश में 35 बड़े शहरों में 28 और 29 मार्च को प्रेस कांफ्रेंस की श्रंखला चलाई जाएगी। इस क्रम में कल मगलवार को कांग्रेस ने लाल क़िले से ‘लोकतंत्र बचाओ’ मशाल शांति मार्च भी निकाला था।

घोषणा के अनुसार, 29 मार्च से 30 अप्रैल तक सभी राज्यों में ब्लॉक और ज़िला स्तर पर ‘जय भारत सत्याग्रह’ का आयोजन होगा। अप्रैल के दूसरे सप्ताह में नई दिल्ली में ‘जय भारत महा सत्याग्रह’ का आयोजन होगा। एक अप्रैल को पार्टी के एससी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यक मोर्चे के कार्यकर्ता राज्यों की राजधानियों में प्रदर्शन करेंगे। तीन अप्रैल को भारतीय युवा कांग्रेस और छात्र विंग एनएसयूआई पोस्ट कार्ड अभियान चलाएंगे।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश और केसी वेणुगोपाल ने कहा कि मोदी-अदानी साठगांठ से राष्ट्रीय संपत्ति और जनता की लूट के ख़िलाफ़ राहुल गांधी गैर-समझौतावादी लड़ाई के समर्थन में कांग्रेस पार्टी ने 26 मार्च को दिल्ली में राजघाट पर एक दिवसीय संकल्प सत्याग्रह किया था। उन्होंने कहा कि पार्टी के सांसद और विधायकों ने अपने-अपने सदनों में काले कपड़े पहनकर तानाशाही सरकार के ख़िलाफ़ अपना विरोध दर्ज कराया।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की अगुवाई में 24 मार्च को हुई कोर कमेटी के नेताओं से बैठक में ये फैसला लिया गया था। दूसरी ओर, बीजेपी नेता और केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कांग्रेस के विरोध-प्रदर्शन पर पलटवार करते हुए कहा कि क्या गांधी परिवार खुद को कानून से ऊपर मानता है। उन्होंने कहा, “राहुल जी सही जगह पर आ गए हैं, यही जगह उनके लिए उचित है।आज वे मशाल यात्रा निकाल रहे हैं। उनसे पूछना चाहता हूं कि मशाल यात्रा किसके खिलाफ है? उन्होंने कहा, “क्या ये न्यायालय के खिलाफ है? दुर्भाग्यपूर्ण है कि गांधी परिवार अपने आपको सभी संस्थाओं से, कानून से, संविधान से ऊपर मानता है।”

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