उत्तर प्रदेश विधानसभा में उठा मणिपुर हिंसा का मुद्दा, बोले अखिलेश ‘भाजपा के मुख्यमंत्री के तौर पर उनकी मजबूरियां है, मगर हम सच्चे योगी के तौर पर बयान देने को कह रहे है’

शाहीन बनारसी

डेस्क: उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने आज (सोमवार को) उत्तर प्रदेश विधानसभा में मणिपुर का मुद्दा उठाया। अखिलेश यादव ने कहा कि इस मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बोलना चाहिए। इस पर विधानसभा स्पीकर सतीश महाना ने उन्हें नियमावली देखने को कहा।

अखिलेश यादव ने कहा कि दुनिया में कोई ऐसी जगह नहीं बची, जहां पर मणिपुर की घटना की निंदा न हुई हो। उन्होंने कहा, ‘अमेरिका जैसे देश में राष्ट्रपति के ऑफ़िस ने निंदा की है। यूरोप के तमाम देशों ने निंदा की। इंग्लैंड ने निंदा की। क्या हम अपेक्षा नहीं कर सकते कि नेता सदन इस पर कुछ बोलें।” इस पर स्पीकर ने कहा, “वो जहां बोलना होगा बोलेंगे।’ अखिलेश यादव ने आगे कहा, ‘हम जानते हैं कि भाजपा के मुख्यमंत्री के रूप में आपकी बहुत मजबूरियां हैं। लेकिन हम एक सच्चे योगी के रूप में आपसे बोलने की अपेक्षा करते हैं।’

इस पर स्पीकर ने कहा, ‘किसी की कोई मजबूरी नहीं है।’ उन्होंने अखिलेश यादव को विधानसभा नियमावली को पढ़ने की सलाह दी और कहा ‘हर विषय पर यहां बात नहीं हो सकती है।’ इसके बाद अखिलेश यादव ने कहा, ‘भाजपा शासित हर प्रदेश की बहन-बेटियों के मन में डर बैठ गया है।’ इसके पहले विपक्ष के विधायक तख्तियां लेकर पहुंचे थे। उन्होंने विधानसभा के अंदर तख्तियां लहराते हुए नारेबाज़ी की।

बताते चले कि मणिपुर में बीती तीन मई को शुरू हुई हिंसा में 140 से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और कई लोग विस्थापित हुए हैं। विपक्ष के सांसद इस मामले को लगातार संसद के मॉनसून सत्र में उठाते रहे हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बयान देने की मांग कर रहे हैं।

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