हरियाणा: नुह हिंसा के बाद पलवल में आयोजित ‘हिन्दू महापंचायत’ की मीडिया रिपोर्ट्स में हुआ दावा कि ‘पुलिस की मौजूदगी में हुवे भड़काऊ भाषण, हिंसा की अपील के साथ लगाये गए नारे’

मो0 सलीम  

डेस्क: हरियाणा में नुह हिंसा के बाद कल रविवार को हरियाणा के पलवल में ‘हिन्दू महापंचायत’ के आयोजन में आज जमकर भड़काऊ भाषण दिए गए। मुस्लिम समाज के खिलाफ भी जमकर नारेबाजी हुई, मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस महापंचायत में पुलिस के मौजूदगी में नफरती नारे लगे और भड़काऊ भाषण हुआ। हालिया नूह हिंसा का जिक्र कर मुसलमानों के साथ हिंसा की अपील के नारे लगाए गए। ध्यान देने वाली बात ये रही कि ये सब तब हुआ जबकि हरियाणा पुलिस ने हेट स्पीच ना फैलाने देने की शर्त पर महापंचायत की अनुमति दी थी। हालांकि पुलिस ने इससे साफ़ साफ़ इंकार किया है।

खबरिया चैनल आज तक की एक रिपोर्ट के अनुसार पंचायत में हरियाणा के ‘गोरक्षक दल’ के नेता आचार्य आजाद शास्त्री ने युवाओं को भड़काने वाले बयान दिए। आजाद शास्त्री ने महापंचायत में कहा कि ‘यह करो या मरो की स्थिति है। युवाओं को कह रहा हूं, खून को गरम रखना पड़ेगा। इस देश का विभाजन हिंदू और मुसलमान के आधार पर हुआ था। गांधीजी के कारण ही ये मुसलमान मेवात में रुके रहे। हमें एफआईआर से नहीं डरना चाहिए। मेरे खिलाफ भी एफआईआर हैं, लेकिन हमें डरना नहीं चाहिए। आज गाय को काट रहे हैं, कल आपको काटेंगे, आपको जागना होगा।’

आज तक की खबर के अनुसार इस तरह की भड़काऊ बातें पुलिस की मौजूदगी में की गईं। आजाद शास्त्री ने मेवात के लोगों को हथियार उठाने के लिए भी उकसाया। उन्होंने कहा, कि ‘हमें यह तुरंत सुनिश्चित करना चाहिए कि मेवात में 100 हथियारों के लाइसेंस दिए जाएं। बंदूकों के नहीं, बल्कि राइफलों के लाइसेंस मिलने चाहिए। क्योंकि राइफल लंबी दूरी तक फायरिंग कर सकती है।’ रिपोर्ट के मुताबिक, पंचायत में कहा गया कि यदि आप उंगली उठाएंगे, तो हम आपके हाथ काट देंगे। हालांकि महापंचायत के आयोजकों का दावा है कि मीटिंग में नफरत भरे भाषण न देने की चेतावनी दी गई थी, लेकिन कुछ लोगों ने इसे नहीं माना।

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जब पुलिस से न्यूज एजेंसी ANI ने भड़काऊ भाषणों को लेकर बात की तो पंचायत में तैनात ASP कुलदीप सिंह ने कहा, ‘हमने सब प्लान किया हुआ था। पुलिस और एजेंसी यहां अलर्ट थे। महापंचायत में सब शांतिपूर्वक निकला और उन्होंने अपने कुछ फैसले लिए। कोई भी अप्रिय घटना नहीं हुई। जितना मैंने सुना, किसी का कोई भड़काऊ भाषण सुनने में नहीं आया। सभी ने अपनी भाषा पर कंट्रोल रखा।’ वहीं महापंचायत में लगे भड़काऊ भाषणों को लेकर हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि ‘किसी दूसरे समाज के खिलाफ कोई बात करना उचित नहीं है क्योंकि सामाजिक सौहार्द तभी बना रह सकता है जब हम भाईचारे के साथ रहें, यही अपील मैंने की है। बाकी महापंचायत के बाद शोभायात्रा के लिए वे जैसी अनुमति लेंगे उस पर विचार किया जाएगा।’

पलवल में इस ‘हिंदू महापंचायत’ को विश्व हिंदू परिषद की बृजमंडल यात्रा को फिर से शुरू करने की तैयारियों पर चर्चा करने के लिए अनुमति दी गई थी। महापंचायत से पहले पलवल के एसपी लोकेंद्र सिंह ने बताया था ‘कई शर्तों पर अनुमति दी गई है। घृणास्पद भाषण नहीं देने की शर्त है। हमारी टीम हर व्यक्ति पर नजर रखेगी और किसी भी गलत हरकत पर लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।’

महापंचायत में रखा हिन्दू संगठन ने कई मांगे

वहीं, महापंचायत में हिंदू संगठनों ने कई मांगे भी रखीं। पंचायत में मांग की गई कि दंगे के दोषियों की पहचान कर उनके घर की कुर्की की जाए। कहा गया कि नूह हिंसा की जांच NIA से कराई जाए। साथ ही हिंसा में मारे गए लोगों के परिवार वालों को 1 करोड़ रुपए और सरकारी नौकरी दी जाए। वहीं घायलों के परिवार को 50 लाख रूपये दिए जाएं। दंगे में जिनका नुकसान हुआ, उनका सर्वे करके मुआवजा मिले।

पंचायत में मांग की गई कि “अवैध घुसपैठियों” को प्रदेश से बाहर किया जाए, जिनमें कथित तौर पर बांग्लादेशी और रोहिंग्या शामिल हैं। वहीं नूह जिले और आसपास के गांव के लोगों को आर्म्स लाइसेंस देने की भी मांग की गई। हरियाणा सरकार से मांग की गई कि मेवात इलाके में अर्धसैनिक बलों की तैनाती की जाए, साथ ही मेवात में ही हेडक्वार्टर बनाया जाए। पहले ये पंचायत नूह में की जानी थी, लेकिन मंजूरी नहीं मिलने से स्थान बदला गया। नूह की सीमा से सटे पलवल जिले के पोंडरी गांव में यह कार्यक्रम हुआ था। नूह हिंसा को देखते हुए मौके पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था रही। पुलिस की तरफ से पूरी बैठक की रिकॉर्डिंग की गई।

इससे पहले, 11 अगस्त को भी हिंदू संगठनों ने फैसला किया था कि 28 अगस्त को एक बार फिर शोभायात्रा निकाली जाएगी। पहले 31 जुलाई को नूह जिले के नंदगांव के पास यात्रा को रोक दिया गया था। हरियाणा सरकार में मंत्री देवेंदर सिंह ने न्यूज एजेंसी ANI को बताया कि ‘हिंदू संगठनों ने 28 अगस्त को यात्रा पूरी करने का फैसला किया है। उम्मीद है कि यात्रा शांति और उत्साह के साथ पूरी होगी।’ 31 जुलाई को हरियाणा के नूह में तब हिंसक भड़क गई थी, जब विश्व हिंदू परिषद की तरफ से बृज मंडल जलाभिषेक यात्रा निकाली जा रही थी। पथराव और बवाल में दो होम गार्ड और एक मौलवी समेत छह लोगों की मौत हो गई थी। बड़ी संख्या में लोग घायल हो गए थे।

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