ज्ञानवापी मस्जिद ASI सर्वे प्रकरण: मस्जिद कमेटी के अधिवक्ताओं की ज़बरदस्त दलील के बाद जिला जज ने दिया ASI को महज़ 4 सप्ताह और सर्वे करने की मोहलत, रखी शरायत, बोले अवाम से एसएम यासीन ‘वर्गालाने वालो से रहे होशियार

ईदुल अमीन

वाराणसी: वाराणसी स्थिति ज्ञानवापी मस्जिद में चल रहे एएसआई सर्वे प्रकरण में आज पत्रावली जिला जज अदालत में पेश हुई। इस दरमियान जिरह एएसआई ने मुकम्मल सर्वे करने के लिए 8 सप्ताह का वक्त मांगा था। मगर ज्ञानवापी मस्जिद की देख रेख करने वाली संस्था अंजुमन इन्तेज़ामियां मसाजिद कमेटी के अधिवक्ताओं ने जमकर इसके ऊपर एतराज़ जताया। पहले से दाखिल आपत्ति पत्र पर भी इस दरमियान सुनवाई हुई और दोनों पत्रों 374(ग)/3 और 375 का निस्तारण आज अदालत द्वारा किया गया।

अदालत में मस्जिद पक्ष के अधिवक्ताओं ने ज़बरदस्त दलील दिया और अदालत को अवगत करवाया कि एएसआई सर्वे के दरमियाना मस्जिद की 2 ट्रक मिटटी ले गई है। ऐसे में एएसआई अपने उस हलफनामे का खुला उलंघन कर रही है जो वह जिला जज अदालत में, हाई कोर्ट में और सुप्रीम कोर्ट में दाखिल करके आई है। इस वायदे को तोड़ने के बाद आखिर कैसे एएसआई पर सवाल न उठाया गया।

सुनवाई के दरमियाना एएसआई के तरफ से जवाब दिया गया, और यह दावा किया गया कि वह अपने शपथपत्र के अनुरूप ही काम करेगी। ऐसे में काम अधिक होने के कारण उसको अतिरिक्त 8 सप्ताह का वक्त और दिया जाए। इस पर अदालत पूरी तरह मुतमईन नही नज़र आई। जिसके बाद अदालत ने देर शाम अपना निर्णय देते हुवे एएसआई को 4 सप्ताह का समय दिया गया है। साथ ही अदालत ने साफ साफ़ कहा कि किसी प्रकार की कोई भी खुदाई अथवा संरचना से छेड़छाड़ नही होनी चाहिए और सिर्फ वैज्ञानिक पद्धति से सर्वे करेगी। इसके साथ ही दोनों पत्र संख्या 374(ग)/3 और 375(ग) का निस्तारण हुआ।

क्या बोले एसएम यासीन  

इस फैसले के बाद ज्ञानवापी मस्जिद की देख रेख करने वाली संस्था अंजुमन इन्तेज़मियां मसाजिद कमेटी के संयुक्त सचिव एसएम यासीन ने एक पत्र जारी कर कहा है कि ‘गुज़शता कई दिनों से हमें न्यायालय के साथ साथ एएसआई को समय देना पड़ रहा था। इसके साथ ही चन्द ऐसे अनासिर जिनका समाज में कभी कोई स्थान नहीं रहा न ही कोई योगदान रहा, लेकिन लोगों को वरग़लाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। मस्जिद में नमाज़ के लिए कम अपनी मानसिकता का परिचय देने आते हैं। मेहरबानी करके हमें मस्जिद के हित में यकसूई से काम करने दें।’

उन्होंने कहा कि ‘इन विपरीत परिस्थितियों में भी हमारे अधिवक्ताओं ने अपना काम बख़ूबी अंजाम दिया है। हमें उन पर गर्व महसूस हो रहा है। जिसका नतीजा आज का ज़िला जज का आदेश है। जिसमे उन्होंने हुक्म दिया है कि एएसआई को केवल 4 सप्ताह में अपना काम सर्वे का खत्म करना है। साथ ही कहा कि एएसआई अपने हलफनामा जो वह ज़िला जज, हाईकोर्ट तथा सर्वोच्च न्यायालय में दे चुकी है, के आदेशानुसार ही कार्य करेगी। केवल साइंटिफिक तरीका से सर्वे करेगी, कोई खुदाई नहीं करेगी, मिट्टी, ईंट, पत्थर तक नहीं हटा सकती है।‘

बताते चले कि विगत कुछ समय से कुछ अफवाहबाज़ अफवाहों का दौर फैलाने की कोशिश में लगे है।जिसके तहत कभी अफवाह फैलाते है कि एएसआई खुदाई कर रहा है तो कभी अफवाह फैलाते है कि एएसआई द्वारा कब्रों को तोडा जाने वाला है। अज्ञात मकसद के तहत इन अफवाह फैलाने वालो की बातो का खंडन हमने भी किया है और साथ ही साथ अंजुमन मसाजिद इंतेजामिया कमेटी ने भी किया है।

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