सुप्रीम कोर्ट ने जेलों में जाति-आधारित भेदभाव को बढ़ावा वाले जेल मैनुअल पर केंद्र सरकार सहित 11 राज्यों से तलब किया जवाब

फारुख हुसैन

डेस्क: सुप्रीम कोर्ट ने जेलों में जाति-आधारित भेदभाव को बढ़ावा वाले जेल मैनुअल को लेकर दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दरमियान अदालत ने केंद्र, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल सहित 11 राज्यों से जवाब तलब किया है।

एनडीटीवी के अनुसार, महाराष्ट्र के कल्याण की सुकन्या शांता द्वारा दायर जनहित याचिका में कहा गया था कि कई राज्यों के जेल मैनुअल जेलों में जाति-आधारित भेदभाव को बढ़ावा देते हैं, जहां जेलों के अंदर काम के आवंटन में भेदभाव किया जाता और जाति उन स्थानों का निर्धारण करती है जहां कैदियों को रखा जाता है।

याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि कुछ गैर-अधिसूचित जनजातियों और आदतन अपराधियों के साथ अलग व्यवहार होता है और उनके साथ भेदभाव किया जाता है। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने केंद्रीय गृह मंत्रालय और अन्य को नोटिस जारी करते हुए पीठ ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि वह उठाए गए मुद्दों से निपटने में अदालत की सहायता करें।

अदालत ने याचिकाकर्ता के वकील को राज्यों से जेल मैनुअल संकलित करने को कहा और याचिका को चार सप्ताह के बाद सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है। इन 11 राज्यों में उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल के अलावा मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, पंजाब, ओडिशा, झारखंड, केरल, तमिलनाडु, महाराष्ट्र शामिल हैं।

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