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वाराणसी – रेलवे स्टेशन व परिसर के चल रहे कार्यो की प्रगति देखने पहुचे महाप्रबंधक


प्रह्लाद गुप्ता 

वाराणसी.भारतीय रेल मंत्रालय की ओर से पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के रेलवे स्टेशनों व आस-पास परिसर क्षेत्र में चल रहे विकास कार्यो की समीक्षा करने पहुंचे उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक ए. के.पुठिया ने निरीक्षण के बाद मीडिया से मुखातिब होते हुए रेल मंत्रालय द्वारा किये जा रहे और आगामी योजनाओं पर विस्तार से प्रकाश डाला।

मीडिया से बातचीत में पुठिया ने कहा कि बनारस के रेलवे स्टेशन व उसके परिसर क्षेत्र में चल रहे  प्रगति की समीक्षा करने के लिए आया हूं। बताया कि बनारस में पैसेंजर एम्युनिटी के काम चल रहे है और यात्री सेंटर के कार्य दिसंबर में पूरा हो जाएंगे जिसके तहत एक नंबर प्लेटफार्म पर, एक स्लेटर और लिफ्ट का काम भी किया जा रहा है। आगे डबलिंग का काम इलाहाबाद से सेवापुरी,लोहता चौखंडी रेलवे सेक्शन नवम्बर में खोल दिया जाएगा। दूसरा महारानी पश्चिम के दोनों तरफ दिसंबर में खोल देंगे जिससे सुल्तानपुर रुट और जंघई वाले रुट के डबलिंग का कार्य आगे बढ़ेगा। डबलिंग के साथ साथ इलेक्ट्रिफिकेशन का काम भी जोरो पर है। प्लेटफार्म नंबर1,6,7,8 व 9 का इनोवेशन होना है जैसा एयरपोर्ट पर देखते है उसी प्रकार यहाँ भी यात्रियों को सुविधा मिल सकेगी जिसका काम हमने राइट्स को दे रखा है ।मुगलसराय स्टेशन पर भी एक दूसरे प्लेटफार्म को आपस में जोड़ने के लिए उसका विस्तारीकरण किया जाएगा जिससे वहां भी यात्रियों को एक प्लेटफार्म से दूसरे पर पहुँचने में आसानी हो सके। रेल मंत्रालय,रक्षा मंत्रालय और पीएमओ से परमिशन के बाद अब जल्द ही वाराणसी के कैंट स्टेशन के दूसरी छोर छावनी परिषद् की ओर भूमि लेने की योजना बन रही है जिससे स्टेशन का विस्तारीकरण किया जा सके और आमजन को अधिक से अधिक सुविधा पहुंचाई जा सके।
शीत ऋतु में कोहरे के कारण अक्सर ट्रेनों के विलम्ब होने और दुर्घटनाओं को रोकने को लेकर पुठिया ने कहा कि ड्राइवर को कोहरे के लिए बोला गया कि जितनी विजिबिल्टी हो उतना ही स्पीड रखे उससे अधिक न रखे। साथ ही भारतीय रेलवे में सोलर एनर्जी को व्यापक रूप देने की बात करते हुए उन्होंने कहा कि फिलहाल इसका प्रयोग पांच सौ ट्रेनों में चल रहा है और हम आगे अभी डेढ़ हजार तक ले जाने की योजना है। इसके साथ ही हम रेलवे परिसरों में बने आवासीय मकानों व्बिल्डिंगों में भी सोलर एनर्जी का इस्तेमाल करने की योजना कर रहे है जिससे प्रदुषण पर रोकथाम लग सके और रेलवे को भी कुछ लाभ हो सके। यार्डों के रिमॉडलिंग के सवाल के जवाब में पुठिया ने कहा कि आरआरआई आगामी जनवरी 17 तक पूरा होगा और यार्ड रिमॉडलिंग के लिए लगभग डेढ़ से दो साल का समय लगेगा। इसके अलावा जो अन्य कार्य है यात्रियों के सुविधा को ध्यान में रखते हुए उसका काम चलता रहेगा।
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