वाराणसी – अवैध निर्माण करे, फिर हज़ार, दो हज़ार जुर्माना देकर बात ख़त्म हो जायेगी – चौक इस्पेक्टर

तारिक आज़मी.

वाराणसी. शहर के दालमंडी में हुवे अवैध निर्माणों का मुद्दा राष्ट्रीय स्तर पर गर्म है. सभी अचंभित है कि इतना बड़ा कटरा कैसे बन गया और इस अवैध निर्माण के समय कहा था विकास प्राधिकरण. अवैध निर्माण करने और करवाने वाले इस इलाके के भूमाफियाओ को चौक इस्पेक्टर ने एक बड़ा तोहफा दे दिया है. उनके कहने का तात्पर्य यह है कि आप जितना चाहे अवैध निर्माण कर ले, कोई बड़ा अपराध नहीं होगा और न ही कोई दिक्कत आयेगी आप आराम से काम करे, अवैध निर्माण पर हज़ार या दो हज़ार जुर्माना सिर्फ लगेगा और सब कुछ सामान्य हो जायेगा. यह बयान चौक इस्पेक्टर ने सरे बाज़ार दालमंडी क्षेत्र में आम जनता और झुण्ड बना कर खड़े मीडिया विरोधी भूमाफियाओ के लोगो के बीच चौक इस्पेक्टर ने लाऊडस्पीकर पर कही. समाचार के साथ संलग्नक वीडियो में आप उनका उस समय का बना वीडियो देख सकते है जो सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है.

चौक इस्पेक्टर साहब मै कल से कह रहा हु कि साहब बात निकलेगी तो बहुत दूर तक जायेगी. अब जब बात निकल गई है तो बात की बात है साहब कुछ सवाल हमारे दिमाग में भी कूद पड़े है. साहब आपने जब खुल्लम खुल्ला कह दिया कि मीडिया के खिलाफ आप लोग मुकदमा कर दो, क्यों मुक़दमा कर दो ? क्योकि मीडिया ने कड़वा सच दिखा दिया है जिसको अब प्रशासन द्वारा छुपाया जा रहा है, साहब सवाल ये है कि क्या आप खुली छुट दे रहे है अवैध निर्माण के लिये. क्या आप कहना चाहते है कि निर्माण करवाने के पहले विकास प्राधिकरण से आप अनुमति न ले, बस निर्माण करवा ले और फिर क्या होगा ज्यादा से ज्यादा हज़ार दो हज़ार जुर्माना लगेगा और वापस अवैध निर्माण करवाने वाला वाइट कालर हो जायेगा.

चौक इस्पेक्टर साहब तो फिर ये आप दालमंडी क्षेत्र में नक्शा पास करवाने के कार्य को ख़त्म कर दीजिये, एक काम और हो सकता है सरकार का काफी फायदा होगा इससे और कई कर्मचारियों का समय सरकार बचा कर उनको अन्य कार्यो में लगा देगी. वो काम ऐसे कर ले कि अपने थाने पर ही एक विकास प्राधिकरण के जुर्माने की रसीद बुक रखवा ले. कोई जितना चाहे उतना निर्माण कर ले आये आपके पास हज़ार छोडिये साहब आप हज़ार दो हज़ार कह रहे है इसको राउंड फिगर में कर देते है पांच हज़ार की रसीद आपसे कटवा ले. न हाय हाय न किट किट.

जनता भी खुश, सरकार को आपके हिसाब से जहा हज़ार दो हज़ार मिलना था फिर पांच हज़ार मिलेगा और तो और आप भी खुश. फिर आपको अवैध निर्माण के पीछे भागना नहीं होगा. मेहनत नहीं करना होगा और निर्माण होता रहेगा. वैसे भी आपने कहा है कि कोई हिलियस क्राइम नहीं है तो फिर क्या दिक्कत है सरकार के पास आप प्रपोज़ल भेज दे. आपकी बात को सुनकर सरकार इस नियम को पास कर देगी और उसको फायदा भी होगा,

साहब क्या बताऊ हम पत्रकार भी बड़े विचित्र होते है सवाल आ ही जाता है कभी दिमाग में तो कभी कभी सवाल कलम में भी आ जाता है. अब सवाल आ गया तो पूछ ही लेता हु, सोचा था सामने से पूछ लू मगर क्या करू साहब डर लगता है थोडा थोडा, जब आप बीच बाज़ार खड़े होकर कह सकते है कि मीडिया वालो पर मुकदमा कर दो मै आप लोगो के साथ हु तो कही ऐसा न हो कि मै आपसे सवाल पूछने आऊ और आप नाराज़ होकर कही दालमंडी के उन लोगो को बुला ले कि लो इसका फैसला आप लोग यही कर दो अदालत में बाद में जायेगे. तो साहेब सवाल ऐसे ही पूछ लेते है.

साहब सवाल ये है कि अगर आपने जैसा कि लाऊडस्पीकर पर जोर जोर से कहा सार्वजनिक रूप से आप वीडियो में खुद देख सकते है कि ये अवैध निर्माण कोई हिलियस क्राइम नहीं है, कोई फांसी नहीं हो जायेगी, हज़ार दो हज़ार जुर्माना लगेगा और बात खत्म हो जायेगी. तो साहब वो जो बंशीधर कटरे के प्रकरण में दो गिरफ़्तारी आपने किया वह कैसे कर लिया. वो तो आपने आरोपियों को अदालत में पेश भी कर दिया और अदालत ने उनको जेल भी भेज दिया. तो साहब वह गिरफ़्तारी किस आधार पर हुई. क्या बंशीधर कटरे में आपके बयान के मुताबिक बना बेसमेंट कटरा हिलियस क्राइम है और बाकी लोगो ने अकबर की गुफा के तरह इस पार से उस पार तक का बेसमेंट में मार्किट बसा दिया वह हिलियस क्राइम नहीं है. क्या आपका यह बयान अदालत की अवमानना की श्रेणी में नहीं आती है क्योकि प्रकरण तो अब अदालत में है. कही ऐसा तो नहीं किसी विशेष रणनीति के तहत आरोपियों की आसानी से ज़मानत हो जाने के लिये दिया गया एक इशारा है.

फिर कहता हु साहब … बात निकलेगी तो बहुत दूर तक जायेगी. साहब कहा हम मीडिया वालो के लिये मुश्किल के लम्हे खड़े कर रहे है क्या ? क्योकि आप खुल्लम खुल्ला कह रहे है मीडिया पर मुकदमा कर दो हम आपके साथ है. क्या आपका बयान अवैध निर्माणकर्ताओ को खुला न्योता तो नहीं है. सवाल बहुत है साहब…. क्या करा जाये……

 

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