बड़ा खुलासा – बचिए, इस गैंग से…! वर्ना झूठें रेप या पाक्सो में पिसेंगे जेल में चक्की,  भाग – 2

तारिक आज़मी

वाराणसी। ऐसे ही झूठे रेप केस को दर्ज करवाने वाले सिंडिकेट में एक का खुलासा विगत वर्ष चेतगंज पुलिस ने किया था। जब पुरोहित दंपत्ति हत्याकाण्ड में मुख्य चश्मदीद गवाह के ऊपर कानपुर के निकट उन्नाव जनपद स्थित शुक्लागंज की निवासिनी एक युवती ने रेप की तहरीर थाना चेतगंज में दिया। इस मामले की गंभीरता को तत्कालीन थाना प्रभारी प्रवीण सिंह ने समझा और प्रकरण के सम्बन्ध में  तत्कालीन एसएसपी वाराणसी को अवगत करवाया। इस मामले की गंभीरता को समझते हुवे एसएसपी वाराणसी ने प्रकरण में छानबीन कर केस दर्ज करने का निर्देश स्थानीय चेतगंज पुलिस को दिया।

तफ्तीश हुई और मामले में आखिर रेप का झूठा आरोप लगाने पहुची युवती ने महज़ चंद घंटो में ही पुरे साजिश का खुलासा कर डाला। खुलासे में पता चला कि पुरोहित दंपत्ति हत्याकाण्ड में जेल में बंद आरोपियों के इशारे पर हनी ट्रैप जैसा मामला बनाया गया था और घटना को झूठी तरीके से दिखाते हुवे झूठा रेप का केस दर्ज करवाने का प्रयास किया गया था। पुलिस ने उस आरोप लगाने वाली महिला के तहरीर और इकबाल-ए-जुर्म के तहत मुकदमा दर्ज षड्यंत्रकारियो और उसके सहयोगियों पर दर्ज किया। इस प्रकार एक बड़ी मुसीबत में फसने से पहले ही पुलिस ने सुझबुझ के साथ मामले को हल कर लिया।

दालमंडी के षड्यंत्रकारियो ने बिछाया है बड़ा जाल

कुछ ऐसा ही मामला है आदमपुर पुलिस के पास जिसका आज हम खुलासा कर रहे है। प्रकरण में बेनियाबाग़ स्थित भीखाशाह गली निवासी एक युवक पर अपराध संख्या 66/2019 दर्ज हुई। इसमें वादी मुकदमा ने शिकायत दर्ज करवाई कि अमुक युवक उसके घर आया और उसकी नाबालिग 13 साल की बेटी के साथ दुष्कर्म किया। प्रकरण में पुलिस ने 376 AB, 354, 354(A) सहित पाक्सो की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया। कथित पीडिता का मेडिकल करवाया, उसका 164 का बयान करवाया। इस दरमियान पुलिस को प्रकरण के खिलाफ कुछ ऐसे साक्ष्य मिले जिसमे पुलिस को मामला पूरा झूठा लगा। विवेचक ने इस प्रकरण में ऍफ़आर लगा दिया। (मेडिकल रिपोर्ट और 164 के बयानों को पढ़ा जा सकता है)

बड़ा खुलासा – बचिए, इस गैंग से…! वर्ना झूठें रेप या पाक्सो में पिसेंगे जेल में चक्की – भाग – 1

इस ऍफ़आर के लगने के बाद अदालत में वादी के तरफ से पुनरविवेचना का आदेश करवा कर दुबारा विवेचना हेतु वापस आदमपुर थाना भेजा गया। हमारी जानकारी में प्रकरण दालमंडी के एक कथित समाजसेवक महोदय ने लाया और बताया कि आदमपुर पुलिस ने पाक्सो के केस में ऍफ़आर लगा दिया था। हमने उसमे पुनरविवेचना का आदेश करवा लिया है। हमारे लिए खबर बड़ी हो सकती थी कि आखिर इतने गंभीर आरोपों के बाद भी कैसे फाइनल रिपोर्ट लगी। इस प्रकरण में हमारी मुलाकात वादी मुकदमा से हो गई। वादी मुकदमा ने जो कुछ बताया वह वाकई चौकाने वाला मामला था। सुनकर कानो पर विश्वास नही हो रहा था कि कोई इतना भी गिर सकता है कि खुद के नफरत के लिए किसी पर झूठा आरोप वह भी ऐसा घिनौना लगा दे ?

क्या कहा वादी मुकदमा ने

वादी मुकदमा यानी कथित पीडिता की माँ ने हमसे बात करते हुवे साफ़ साफ़ बताया कि ऐसी कोई घटना तो हुई नही थी। जिस युवक पर आरोप लगा है मैं अथवा मेरी बेटी उसको जानती भी नही है और न ही कभी मिली है। हमारे दामाद के भाई राशिद ने हमसे ऐसा केस करवाने के लिए दबाव बनाया था। उसने कहा था कि केस करोगी तो डेढ़ लाख रुपया तुम्हारी बेटी को मिलेगा। साथ ही साथ ढाई लाख मात्र में तुम्हे एक ज़मीन हम दे देंगे। जिसके बाद हमने उसके दबाव में और बड़ी बेटी के घर बसे रहने के लिए ऐसा केस किया। वही राशिद को ढाई लाख रुपया दे दिया ताकि वो हमको ज़मीन दे दे। मगर राशिद वो पैसा भी हमारा खा गया। न हमको ज़मीन मिली और न ही सरकार के तरफ से डेढ़ लाख रुपया।

वादी मुकदमा का ये बयान हमारे पास वीडियो के रूप में सुरक्षित है। जिसके आधार पर खबर का प्रकाशन किया जा रहा है। प्रकरण में उक्त अपराध संख्या की वादी ने हमसे ये भी बताया कि राशिद के घर पर एक महिला किराए पर रहती है। वह राशिद के कहने पर कुछ भी कर सकती है और किसी पर भी कोई इलज़ाम लगा सकती है। मगर राशिद को केवल नाबालिग से ही ये केस करवाना था जिसके लिए उसने हमारे ऊपर दबाव डाला। हम लोग दबाव में टूट गए और ऐसा केस कर दिया। मगर हम अब केस नही करना चाहते है। हम वापस लेना चाहते है।

कौन है राशिद ?

राशिद दालमंडी क्षेत्र का एक युवक है। इसका नाम आज से दो वर्ष पहले तक लाटरी खिलवाने के लिए काफी चर्चा में रहता था। एक कटरे के अन्दर राशिद खुल्लम खुल्ला लाटरी खिलवाता था। क्षेत्रीय नागरिको के कड़े विरोध और फिर चौक थाने पर प्रभारी निरीक्षक आशुतोष तिवारी के आने के बाद उसका ये गोरखधंधा बंद हुआ। उसने इस दरमियान पड़ाव स्थिति साहुपुरी रोड पर एक मकान ले लिया और वही निवास करता है।

पहला मामला नही और भी है केसेस

इस गुट द्वारा ये कोई पहला मामला नही है जिसको झूठे तरीके से प्रस्तुत किया गया है। क्षेत्रीय नागरिको के चर्चाओं को आधार माने तो इसके पहले भी कई मामलो में लोगो को इनके द्वारा दबाव बनाने के लिए ऐसे आरोप लगवाया गया है। बाद में दबाव बन जाने के बाद मामले को ठन्डे बसते में डाल दिया जाता है। एक क्षेत्रीय नागरिक ने अपना नाम न छापने के शर्त पर बताया कि एक विवाद में राशिद और उसके मामा के द्वारा एक महिला से क्षेत्र के ही निवासी एक व्यक्ति संजय सहगल पर बलात्कार का आरोप लगवाते हुवे तहरीर दिया गया था। जबकि मामला केवल ये था कि संजय सहगल के द्वारा राशिद के मामा के ऊपर धोखाधड़ी से सम्बन्धित गंभीर धाराओं में मुकदमा स्थानीय चौक थाने पर दर्ज करवाया गया है।

जब हमने इस प्रकरण की पुष्टि करने के लिए संजय सहगल से संपर्क किया तो इस मामले में संजय सहगल का कहना था कि प्रकरण में मैं समझौता कर लू इसलिए ऐसा घिनौना आरोप लगाया गया था। मगर स्थानीय क्षेत्राधिकारी ने प्रकरण में जांच कर दूध का दूध और पानी का पानी कर दिया है। संजय सहगल ने बताया कि एक दूकान के विवाद में मेरे ऊपर क्षेत्र के एक बिल्डर के षड़यंत्र से आरोप लगाये जा रहे है ताकि धोखाधड़ी के मामले में मैं समझौता कर लू। मगर मुझको न्यायपालिका पर पूरा विश्वास है। देश के न्याय तंत्र तथा अपने प्रदेश के पुलिस तंत्र पर पूर्ण विश्वास है। मैं सत्य हु और सत्य परेशान तो हो सकता है मगर पराजित नही।

अगले अंक में हम बतायेगे इन्ही लोगो के माध्यम से बिहार के एक भाजपा नेता पर भी दर्ज हुआ था रेप का केस। जुड़े रहे हमारे साथ। — जारी – भाग 3

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