नही रहे कथक नृत्य के महागुरु बिरजू महाराज, मौसिकी के आशिको में ग़म की लहर, बनारस से था गहरा रिश्ता

ए0 जावेद

डेस्क। मुल्क के मशहूर कथक नृत्य महागुरु पंडित बिरजू महाराज नहीं रहे। रविवार देर रात उन्होंने दिल्ली में अंतिम सांस ली। पद्म अलंकारों से सम्मानित कथक सम्राट पं0 बिरजू महाराज के निधन से एक युग का अंत हो गया है। उनके निधन की सूचना से देश के साथ ही बनारस में संगीत प्रेमियों में शोक की लहर है। धर्म-अध्यात्म, नृत्य एवं संगीत की नगरी काशी से उनका गहरा लगाव था।

कथक सम्राट बिरजू महाराज संकट मोचन मंदिर में 1989 से आ रहे हैं। इधर के कुछ वर्षों में तबीयत खराब होने के चलते वह अपनी बेटी सश्वति के साथ समारोह में आते थे। पिछले साल वह संकट मोचन संगीत समारोह में आए थे तो उम्र की थकान के बावजूद चेहरे के विविध भावों और हाथों की अनूठी मुद्राओं की जीवंत प्रस्तुतियों से अपने प्रशंसकों को रिझा कर मंच पर छाए रहे। संकट मोचन में कई बार ऐसा दृश्य आया है की सामने किशन महाराज, पंडित जसराज और राजन-साजन मिश्र और पूर्व महंत स्वर्गीय वीरभद्र मिश्र कथक सम्राट बिरजू महाराज के नृत्य कौशल को देखने के लिए बैठे रहते थे।

रिश्तों की बात करें तो प्रसिद्ध ठुमरी गायिका गिरिजा देवी के गुरु पंडित श्रीचंद्र मिश्र की पुत्री लक्ष्मी देवी पंडित बिरजू महाराज की पत्नी बनीं। वहीं, पंडित साजन मिश्र के साथ कथक सम्राट की बड़ी बेटी कविता का विवाह हुआ। पंडित बिरजू महाराज के एक भाई ने बनारस घराने के पंडित रामसहाय के सानिध्य में तबला वादन में निपुणता हासिल की।

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