सुशासन बाबु के राज में शर्मसार इंसानियत, सिहर उठेगे आप भी यह जानकर कि पोस्टमार्टम हाउस से  बेटे की लाश लेने के लिए एक पिता को देनी है 50 हज़ार घुस, तो मांग रहा है भीख

तारिक़ आज़मी

समस्तीपुर: आइये साहब थोडा शर्मसार हो लेते है। वैसे अब तो शर्मसार होने के लिए कोई दिन और तारीख मुक़र्रर करने की ज़रूरत नही है। शर्मनाम है, शर्मसार है, इंसानियत शर्मिंदा है जैसे लफ्ज़ अब तो लग रहा है कि रोज़ ही दो चार पर खबरों में पढ़ लेते है। अब तो ऐसा लगता है कि शर्मसार रोज़ ही खबरों को पढ़ कर दिन भर में दो चार बार हो जाते होंगे। मगर सरकारी तंत्र भी अक्सर शर्मसार कर देता है। उदहारण के तौर पर इसी मामले को समझे जिसको जानकार आपका मन विचलित हो जाएगा। इंसानियत पर से भरोसा आपका खत्म होने लगेगा। क्यों न हो जब इंसानियत को शर्मसार कर देने वाली खबर उस राज्य से आ रही हो जिसके मुखिया नीतीश कुमार को लोग सुशासन बाबु कहकर पुकारते है।

वैसे तो स्वास्थ व्यवस्था के नाम पर बिहार कुछ ज्यादा ही पिछड़ा हुआ है। जहा कुछ थोड़ी बहुत सुविधा है भी वहा घूसखोरी ने अपने परचम लहरा रखा है। ताज़ा मामला एक सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो से सामने आया है जहा एक पिता को अपने जवान बेटे की लाश लेने के लिए घुस देना है। क्योकि पोस्टमार्टम हाउस में खुल्लम खुल्ला अब सौदा होता है ये किसी से छिपा नही है। वीडियो तक ऐसे सौदों के वायरल हो चुके है। जांच के बाद कार्यवाही का बयान आता है। मगर शायद जांच इतनी तेज़ रफ़्तार से चलती है कि कार्यवाही पिछड़ जाती है और वह रस्ते में पीछे कही छुट जाती है।

हम समझते है, आप हमारे पाठक है और आपकी याददाश्त काफी तेज़ है। आप समझ चुके होंगे कि समस्तीपुर के सदर अस्पताल के पोस्टमार्टम हाउस ने फिर कांड कर दिया होगा। जी सही समझा आपने, इस बार इतनी शर्मनाक हरकत हुई है कि इंसानियत पर से विश्वास ही खत्म हो जाए। NDTV ने इस खबर को प्रमुखता से उठाया है। एक पिता को उसके बेटे की लाश देने के लिए पोस्टमार्टम के नाम पर मोटी रक़म की मांग की गई। रुपया नही देने के कारण पोस्टमार्टम कर्मी ने शव देने से इंकार कर दिया। लाचार पिता शहर में घूम घूम कर लोगो से भीख मांग रहा है। भीख मांगते पिता का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। यूज़र्स इस हरकत के लिए सरकारी कर्मचारियों के साथ साथ सरकार को भी जमकर सुना रहे है।

मामला कुछ इस तरह है कि समस्तीपुर जिले के ताजपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत कस्बे आहार गांव के महेश ठाकुर का 25 वर्षीय पुत्र जो मानसिक रूप से विक्षिप्त था 25 मई से घर से लापता हो गया था। परिजन ने पहले तो अपने स्तर से काफी खोजबीन की। बाद में फेसबुक और व्हाट्सअप के माध्यम उसे ढूंढने की कोशिश की। 7 जून को उन्हें जानकारी मिली कि मुसरीघरारी थाना क्षेत्र में एक अज्ञात युवक के शव को पुलिस ने बरामद किया है। जिसके बाद वो मुसरीघरारी थाना पहुंचे। थाना से उन्हें जानकारी दी गई कि शव को पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया गया है। जिसके बाद वो सदर अस्पताल पहुंचे। महेश ठाकुर का कहना है कि पहले तो पोस्टमार्टम कर्मी ने शव दिखाने से आनाकानी किया, लेकिन बाद में काफी गुहार के बाद उसे शव दिखाया गया। शव देखकर उसने अपने बेटे संजीव ठाकुर के रूप में पहचान किया।

इसके बाद जब मृतक के पिता ने कर्मी से शव को उनके हवाले करने की बात कही तब कर्मी के द्वारा 50 हजार रुपये की मांग की गई। इतनी मोटी रकम देने से असमर्थ जताई तब पोस्टमार्टम कर्मी ने पिता को शव देने से इनकार कर दिया। रुपये के लिए बेटे का शव पोस्टमार्टम कर्मी के द्वारा देने से इनकार किये जाने के बाद लाचार माँ-बाप रुपया इकट्ठा करने के लिए भीख मांगने को विवश है। माँ-बाप मुहल्ले में घूम-घूमकर आँचल फैलाये भीक्षाटन कर रहे है। वहीं इस लाचार माता-पिता को देखकर हर कोई सिस्टम और सरकार को कोस रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि परिवार इतना गरीब है कि बेटे के अंतिम संस्कार तक करने में असमर्थ है। ऐसे में मुहल्ले के लोग थोड़ी बहुत रुपये देकर मदद के लिए हाथ बढ़ा रहे है।

ऐसा नही है कि सदर अस्पताल के पोस्टमार्टम कर्मी का पोस्टमार्टम के नाम पर रुपया मांगने का यह कोई पहला मामला हो। इससे पहले भी पोस्टमार्टम के लिये पीड़ित परिजन से रुपया मांगने का वीडियो तक वायरल हुआ था। वीडियो वायरल होने के बाद जाँच कर कार्यवाही का बयान सामने आया और फिर जाँच की रफ़्तार इतनी तेज़ थी कि कार्यवाही कही पीछे छुट गई, या फिर जाँच की रफ़्तार ऐसी सुस्त है कि अभी तक जाँच पूरी ही नही हुई। आज तक तो कोई कार्यवाही हुई नही है। अब ये एक और कांड सामने आया है। पहले मामले में कोई कार्रवाई नही हुई तो मनोबल बढ़ता गया और अब ये सब आपके सामने है। एक बार फिर बयान आया है कि जाँच करके कार्यवाही करेगे।

सिविल सर्जन डॉ0 एस0के0 चौधरी का कहना है कि मीडिया के माध्यम से उन्हें जानकारी मिली है। यह मानवता को शर्मसार करने वाली घटना है। इसपर जांच के बाद अवश्य कार्रवाई की जाएगी। चलिए कम से कम उन्होंने ये तो माना कि ये घटना मानवता को शर्मसार करने वाली है। अब देखना होगा कि जाँच कब शुरू होगी और कार्यवही कब होगी। आज तक तो हर मामले में शिकायत मिलने पर स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन के द्वारा जांच और कार्रवाई की बात कही जाती है। ऐसे में अब देखना है कि इतने संवेदनहीन कर्मी पर कब तक और क्या कार्रवाई होती है।

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