मदनपुरा के सदानंद बाज़ार स्थित राम-जानकी मंदिर बिक्री प्रकरण: का जुबैर के सुपुत्रों, माफिया तारिक़ के भाई और मुन्ना बजरंगी के नाम का बल लेकर गुंडा-उंडा बन रहे हो क़ा ? सुना है केहू पत्रकार के धक्का-ओक्का दे दिए हो…..!

तारिक़ आज़मी

वाराणसी के मदनपुरा स्थित सदानंद बाज़ार में राम जानकी मंदिर बिक्री प्रकरण में हमने आपको बताया कि कैसे दशको के षड़यंत्र करने के बाद जुबैर मियाँ तो अल्लाह को प्यारे हो गये और उनकी औलादों ने अपने पिता की मेहनत पर जमकर नोट खीची। मंदिर की संपत्ति को षड़यंत्र के तहत कागजों की नुरा कुश्ती खेलते हुवे खरीद लिया। यहाँ भी चैन न पड़ा तो जुबैर के पुत्रो ने इलाके के बाहुबली और खुद को जेल में मारे गए दुर्दांत अपराधी मुन्ना बजरंगी और उसके दाहिने हाथ के तरीके से रहे लखनऊ में मारे गये तारिक का दाहिना हाथ बताने वाले आमिर मलिक का साथ पकड़ा और कागज़ी नुरा कुश्ती के बाद समस्त फर्जीवाड़ा करते हुवे अपने नाम इस मंदिर की संपत्ति पर दर्ज करवाते हुवे इस संपत्ति को एक धनबली महमूद के हाथो बेच डाला।

सर्वे रिपोर्ट की प्रति और सर्वे कमिश्नर द्वारा प्रस्तुत नक्शा

हमने अपने पिछले अंको में बताया था कि आखिर किस तरह से मंदिर की इस संपत्ति जिसके अन्दर 8 किलो वज़न की एक बड़ी अष्टधातु से बनी राम जानकी की मूर्ति और दूसरी छोटी मूर्ति को गायब कर दिया गया और अब महमूद इसके ऊपर एक शानदार हवेली का निर्माण करवाना चाहता है और मंदिर का अस्तित्व खत्म कर दिया। हमने आपको बताया था कि घूसखोरी में जेल जा चूका दरोगा महेश सिंह कैसे हिस्ट्रीशीटर आमिर मलिक जिसने महेश सिंह की ज़मानत करवाई थी से अपनी दोस्ती निभाते हुवे खुद खड़े होकर यहाँ निर्माण करवा रहा है और पुलिस को इस सम्पत्ति के बगल में स्थित मंदिर को दिखाते हुवे उस मंदिर के पुजारी जगदीश दीक्षित को अपने साथ मिला कर बयान दिलवा रहा है कि मंदिर पूरी तरह सुरक्षित है।

जबकि हम उस मंदिर की बात ही नही कर रहे है जो उक्त संपत्ति डी 43/73-74 के बगल में स्थित है, हम तो बात उस मंदिर की कर रहे है जो उस भवन में स्थित है जिसके मौजूद होने का दस्तावेज़ हमारे पास वर्ष 1965 से लेकर 2007 तक का सुरक्षित है। मगर जगदीश दीक्षित शायद स्वहित के लिए इसको नज़रअंदाज़ कर रहे है अथवा कुख्यात हिस्ट्रीशीटर अमीर मलिक से खौफ खाकर ऐसे बयांन दे रहे है। जबकि मंदिर का अस्तित्व इस भवन से महमूद के द्वारा खत्म कर दिया गया है। या फिर शायद जगदीश बाबु को खौफ महेश सिह दरोगा ने दिया होगा अथवा आमिर मलिक के सम्बन्ध जो आमिर मलिक लोगो से बातचीत में बताता है कि मुन्ना बजरंगी के सभी शूटर उसको जानते है से खौफ खा रहे हो।

बहरहाल, हम मुद्दे की बात पर आते है। हम तनिक दो-चार दिन व्यस्त क्या हुवे मेढकी को भी ज़ुकाम होने लगा है। मिल रही जानकारी के अनुसार शुक्रवार को दोपहर में एक पत्रकार युगल इस भवन का वीडियो बनाने गया था जिसके साथ जुबैर के पुत्रो ने अभद्रता किया और धक्का मुक्की भी किया। अब इसको मेढकी को ज़ुकाम होना न कहेगे तो और क्या कहेगे कि इतना हिम्मत बढ़ा हुआ है कि कलम के नोक पर रोक लगाना चाहते है। हम का कह रहे थे कि जुबैर मिया तनिक आप स्वर्ग से बैठ कर अपने पुत्रो से पूछे कि क़ा गुंडा-उंडा बन रहे है क़ा। मजाक बना रखा है कि किसी को लिखने से ऊ रोक देंगे।

खुदही बताये कि जईसा हमको समाचार इलाके के चर्चाओं से मिल रहा है आपके लड़का लोग गुंडागर्दी पर उतर आये है। समाचार कवरेज करने वाले पत्रकारो को सुना धक्का ओक्का दे दिए थे। तो जुबैर मरहूम साहब तनिक स्वर्ग से एक बार अपने पुत्रो से पूछे कि गुंडा उंडा है क़ा। देखे डराने की कोशिश न करे। पत्रकारों के पास कलम होती है। बन्दुक तो गुंडा उंडा रखते है। वैसे भी हमारी कलम के लिए लोग कहते है कि बहुते कस के चोट पहुचाती है। डाक्टर की नही फिर रफूगर की ज़रूरत पड़ेगी। अरे कऊनो बात हो तो बताओ। खबरिया तो हम लिख रहे है और जबरा वाला अपने नामे से लिख रहे है। पुलिस सूत्र बताया ई बतिया। ई सब गलत बात है न? अगर रोकना है तो हमको डराओगे ?

देखो भाई जुबैर के पुत्रो हम साफ़ साफ़ कहते है कि हम तुम्हारे डॉन वान से डरते वरते नही है। जो लिखना होगा लिखेगे। ऊ तो ऊ वाले पत्रकार सब थोडा सीधे साधे रहे होंगे। कऊनो खबर नही लिखे, केहू को बताये भी नाही। शुक्रवार की घटना हो गई मगर पता नाही चल पाया। ऊ तो हम तनिक थाना दशाश्वमेघ गये रहे तो बहरे हमारा एक सूत्र मिल गवा और हमका कुल बता दिया। देखो भाई साफ साफ़ बात कहे है जुबैर के पुत्रो, गुंडा उंडा न बनो। कलम की लड़ाई है, कलम से लड़ो। अईसा करो कि रायता तो देखो हमही फईला दिया है। तो एक ठे काम करो। सिविल केस कर दो हमरे ऊपर। हमहू के थोडा आसान हो जायेगा कुल सबुतवा हम पेश कर देवेने फिन जनबे करे हो क़ा होगा। तो तसल्ली से जीने तो काहे गुंडा उंडा बन रहे हो? गन्दी बात है मेया अईसा नाइ करा जावेते। समझेतो न।

देखो हमको डर नही लगता है। न तो महेश सिंह से, न उ बड़का वाला गुंडा उंडा से और न ही जुबैर मियाँ के बेटवा लोगो से। तो हमको डराओ मत। तसल्ली से जीने दो, केहू गया खबर ओबर के लिए तो उन्हें परेशान करके का हासिल हो जाएगा। हम तो इतना साक्ष्य यानी साबुत रखे है कि पूरा का पूरा मामला जिंदा कर दिया जिसको लोग ठन्डे बसते में डाल कर चौकस धुल जमा दिए थे। पूरा मदनपुरा कह रहा है कि हम ठीक लिख रहे है। बढ़िया वाला लिखे है हम। बस तुम्ही लोग हो जो मेरी भावनाओं को नही समझ रहे हो। तो भैया तसल्ली से जुड़े रहो हमारे साथ हम तो ऊ रिपोर्ट भी रखे है जो एलआईयु ने दिया था। समझ रहे हो न कऊने रिपोर्ट की बतिया कर रहे है। अगला अंक में हम दिखायेगे उहो रिपोर्ट तो जुड़े रहे हमरे साथ।

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