कानपुर नशे का कारोबार: एक था रिजवान अत्ता, अब एक है……, मगर जगह वही है सीटीआई, तरीका वही है, बस नाम बदल गए, आज भी बिकता है जमकर गांजा

आदिल अहमद

कानपुर के गोविन्द नगर थाना क्षेत्र की पुलिस चौकी रतनलाल का इलाका सीटीआई। हमेशा से पुलिस के लिए सरदर्द था। रईस बनारसी के मारे जाने के बाद रिजवान अत्ता पर भले दर्जनों केस था, मगर पुलिस के हत्थे रिजवान नही पडा था। हद तो तब थी कि रिजवान को पकड़ने के नाम पर कई बार छापेमारी होती थी और रिजवान अत्ता सरक जाता था।  कानपुर में अलग-अलग थानों पर हत्या, डकैती, बलात्कार, जानलेवा हमला, एनडीपीएस एक्ट, शस्त्र अधिनियम, गुण्डा और गैंगेस्टर के लगभग ढाई दर्जन मुकदमे पंजीकृत थे। रिजवान केवल कानपुर में ही नही बल्कि अपने साथी रईस बनारसी के कारण बनारस और आसपास के इलाकों में भी पैठ बना चूका था।

रिजवान अत्ता को लोग समीर नाम से भी पुकारते है। इसने अपना खुद का घर भी अलग अलग ठिकानों पर बना रखा था। इसके नशे के कारोबार की चाबी हमेशा महिलाए रहती थी। जगह वही सीटीआई। पुलिस आती थी और जाती थी। जब तक पुलिस इसके ठिकानों तक पहुचे तब तक रिजवान अत्ता फरार हो जाता था। हमने इसके कारोबार के सम्बन्ध में खबरों के माध्यम से

अपराध से करता है जिसका पूरा परिवार प्यार, रवि श्रीवास्तव के हाथो हुआ रिजवान अत्ता गैंग के दो अन्य सदस्यों सहित गिरफ्तार, जाने रिजवान अत्ता के का अपराधिक कुनबा

ऐसा नही था कि अत्ता पुलिस के चंगुल में नही आया। इस्पेक्टर रवि श्रीवास्तव चकेरी में पोस्टेड हुआ करते थे। बात वर्ष 2018 के आसपास की थी जब रवि श्रीवास्तव और रिजवान अत्ता की आमने सामने मुठभेड़ भी हुई थी। बताते चले कि रिजवान अत्ता गैंग के साथ रवि श्रीवास्तव की इसके पहले मुठभेड़ हो चुकी है। जिसमे रिजवान अत्ता का साथी रणजीत घायल हुआ था और पुलिस के हत्थे चढ़ गया था। वही दूसरी तरफ इस मुठभेड़ में रिजवान अत्ता अँधेरे का फायदा उठा कर फरार हो गया था।

फिर समय बदला और वर्ष 2021 की जनवरी में यही इस्पेक्टर रवि श्रीवास्तव रेलबाज़ार इस्पेक्टर थे और आखिर हिसाब बराबर हुआ और इस बार रिजवान अत्ता अपने एक पुरुष और महिला साथी के साथ उनके हत्थे 3 किलो 600 ग्राम चरस के साथ चढ़ गया। रिजवान अत्ता के गैंग की सरगना उसकी माँ रुखसाना बेगम थी। रुखसाना बेगम के ऊपर कुल 21 अपराधिक मामले पंजीकृत है। इसके अलावा पूरा कुनबा ही इस गैंग के सदस्यों के तौर पर है। जिसमे रुखसाना बेगम की बहु और रिजवान अत्ता की पत्नी रुकैया, रिजवान अत्ता का ससुर नूर मुहम्मद, सास ज़रीना सहित रेशमा, इरफ़ान उर्फ़ छोटे आदि गैंग के अन्य सदस्य है।

इसके बाद से रिजवान अत्ता जेल में बंद है। इसके जेल जाने के बाद इसके गैंग की कमान रिजवान की अम्मा सभाल रही थी। मगर शायद इस अपराधिक गैंग को नया लीडर चाहिए था। सूत्रों की माने तो लीडर अब इस गैंग को मिल गया है वह है राजेंद्र। वीडियो में आप महिलाओं को देख सकते है गांजा भरते हुवे। नियम एकदम वैसे ही रिजवान अत्ता के तरह। रिटेल यानी फुटकर गांजा और हिरोईन की बिक्री महिलाओं के हाथ और होलसेल खुद राजेंद्र के हाथो में। सवाल ये है कि इस कारोबार के बारे मे आम नागरिक जानता है, मगर सिर्फ नही पता तो स्थानीय थाने को आखिर कैसा कैसे संभव है। देखते है अत्ता के गैंग की कमर जैसे रवि श्रीवास्तव ने तोड़ी क्या वैसे इस गैंग की भी कमर कोई तोड़ पायेगा?

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