दगाबाज़ क़ातिल शौहर: नसरीन एक फर्माबरदार बीबी थी उसने अपनी जान देकर साबित कर दिया, मगर फारुख एक दगाबाज़ शौहर है ये उसको पता नही था, इश्क की खातिर ले लिए शौहर ने ही जान

तारिक़ खान

वह अपने शौहर से बेइन्तेहा मुहब्बत करती थी। शायद नसरीन अपनी ज़िन्दगी की आखरी सांस अपने शौहर फारुख के सामने ही गुजारना चाहती थी। तभी तो उसके क़त्ल के पहले जब फारुख ने उससे पूछा कि वह उसके लिए क्या कर सकती है, तो उसने साफ़ दिल से जवाब दिया कि “वह उसके लिए अपनी जान भी दे सकती है।” फारुख के हाथो खुद का क़त्ल अपनी आँखों से देख कर भी शायद वह तडपी नही होगी।

मगर उसकी रूह तो तब तडपी होगी जब उसको इस बात का पता चला होगा कि जिस फारुख के ख़ुशी की खातिर उसने अपनी जान दिया वह फारुख किसी और के इश्क में मुब्तेला होकर उसका कातिल बना है। अब शायद नसरीन की रूह अपने बेसहारा हुवे बच्चो को देख कर तड़प रही होगी, तो फिर फारुख को देख कर यह सोच कर तसल्ली कर लेती होगी कि उसने अपने शौहर की ख़ुशी के खातिर अपनी जान दिया और अपना वायदा पूरा कर दिया। अपने वालिदैन और भाई बहनों को रोता देख कर उस रूह को तकलीफ हो रही होगी, मगर शायद इसलिए इत्मिनान कर लेती होगी कि उसने एक अच्छी बीबी होने का फ़र्ज़ अदा कर दिया।

बताते चले कि बरेली जनपद के पदारथपुर में 13-14 फरवरी की रात को एक झोलाछाप चिकित्सक के घर कथित डकैती और उसकी पत्नी नसरीन की हत्या के मामले में एक दिल और इंसानियत को दहला देने वाला खुलासा कर लिया है। नसरीन के क़त्ल को इन्साफ दिलवाने के राह पर पुलिस ने उसके क़त्ल के आरोपी उसके पति फारुख को जहा गिरफ्तार कर लिया है वही उसकी निशानदेही पर कथित रूप से डकैती में लुटे गए जेवरात उसी फारुख के घर में स्थित किचेन से बरामद कर लिया जहा उसने इस क़त्ल को डकैती साबित करने के लिए छिपा रखे थे।

इस मामले में लापरवाही बरतने वाले दरोगा रामअवतार को अधिकारियो ने निलंबित कर दिया है। दरोगा जी के पास इस क़त्ल की जानकारी रात 2 बजे पहुच गयी थी और मौके पर डायल 112 की पीआरवी भी आई थी। मगर पुलिस कितनी मुस्तैदी से काम करती है इसका भी नमूना दिखाई दिया और डायल 112 की पीआरवी आकर वापस चली गई और दरोगा जी फोन पर घटना जान कर मोबाइल रख कर दुबारा सो गए। घटना रात में 2 बजे ही पुलिस के संज्ञान में आने के बावजूद भी पुलिस सुबह 6 बजे मौके पर पहुची थी। जिसके बाद जांच पड़ताल शुरू हुई और पुलिस को बताया गया कि फारुख के घर में डकैतों ने घुस कर उसकी पत्नी का कत्ल कर जेवर लूट लिए है।

पुलिस को अपने बयान में फारुख ने जो बताया वह सुन कर इंसानियत की भी रूह काँप जायेगी। फारुख ने बताया कि उसको अपने रिश्तेदारी की एक लड़की से इश्क हो गया था। उस लड़की ने उससे कहा था कि अगर उसकी ज़िन्दगी में नसरीन न होती तो वह उससे शादी कर लेती। इसके बाद भी फारुख ने नसरीन को रस्ते से हटाने का प्लान बनाना शुरू किया था। इस प्लान के तहत वेलेंटाइन नाईट को फारुख ने अपने बच्चो को खाने में बहाने  से नींद की गोली दे दिया। उसके बाद नसरीन से अपनी झूठी मुहब्बत का इज़हार करते हुवे उससे पूछा कि वह उसके लिए क्या कर सकती है।

फारुख के दगाबाजी से बेखबर नसरीन ने साफ़ साफ़ कहा कि वह फारुख के लिए अपनी जान भी दे सकती है। इसके बाद फारुख ने उसके मुह में उसका ही दुपट्टा ठूस कर उसका क़त्ल गला दबा कर कर दिया। क़त्ल के बाद मामले को डकैती के दरमियान हत्या का रूप देने के मकसद से घर के सारे जेवरात किचेन में छिपा दिए और इस घटना को डकैती का रूप दिखाने की कोशिश किया। पुलिस की लापरवाही ने भी इस केस के खुलासे में देरी किया। मगर देर आये दुरुस्त आये के तर्ज पर पुलिस ने फारुख को गिरफ्तार कर जेवरात बरामद कर लिए। अब फारुख की स्थिति ऐसी है कि “न खुदा ही मिला, न विसाल-ए-सनम, न इधर के रहे, न उधर के रहे।”

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