उमेश पाल ट्रिपल मर्डर केस: अतीक के नाबालिग बेटो को लेकर हुई सुनवाई, अदालत ने वापस किया पुलिस द्वारा पेश किया गया सील बंद लिफाफा, कहा साफ़-साफ़ बताये कहाँ है अतीक के दोनों नाबालिग बेटे

तारिक खान

प्रयागराज: उमेश पाल ट्रिपल मर्डर केस मामले में पुलिस से आज सीजेएम कोर्ट ने उसके द्वारा दिए गए बंद लिफाफे को वापस करते हुवे लेने से इंकार करते हुवे साफ़ साफ़ कहा है कि आप सील बंद लिफाफा न दे और साफ़ साफ़ बताये कि इस मामले में अतीक अहमद के दोनो नाबालिग बेटे कहा है ? पुलिस को अपनी स्पष्ट रिपोर्ट 17 मार्च को अदालत में पेश करना है. अदालत इस मामले में अब 17 मार्च यानी शुक्रवार को सुनवाई करेगी.

बताते चले कि अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की थी। शाइस्ता ने अपने दोनों नाबालिग बेटे एजम और अबान को पेश करने के लिए हाईकोर्ट में अर्जी डाली थी। शाइस्ता ने अपने दोनों नाबालिग बेटों को हाजिर करने की मांग की है। आरोप है कि उनके दोनों बेटों को पुलिस ने गायब कर दिया है।

बताते चले कि 24 फरवरी को उमेश पाल और उनके 2 सुरक्षाकर्मियों संदीप निषाद और राघवेंद्र की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में उमेश पाल की पत्नी जया पाल ने अतीक अहमद, उसके भाई अशरफ, पत्नी शाइस्ता परवीन, 2 बेटों, अतीक के साथी गुड्डू मुस्लिम, गुलाम मोहम्मद और 9 अन्य साथियों पर केस दर्ज कराया था। मामले में पुलिस की कार्रवाई जारी है।

इस बीच अतीक की पत्नी का आरोप है कि पुलिस उसके दो नाबालिग बेटे एजाम और अबान को लेकर गई है और उनका कही पता नही चल रहा है. जिस पर पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि दोनों नाबालिग बेटो को बाल संरक्षण गृह में रखा गया है. मगर अतीक की पत्नी के जानिब से दाखिल एक अन्य अर्जी में अदालत से दरख्वास्त किया गया कि उसके बेटे पुलिस द्वारा बताये गए बाल संरक्षण गृह में उसके बेटे नही है. जिसके बाद इस मामले में हाई कोर्ट में भी बंदी प्रत्यक्षण याचिका भी दाखिल हुई, जिसके बाद इस मामले में प्रयागराज पुलिस ने अपनी सील बंद रिपोर्ट सीजेएम कोर्ट में पेश किया था. इस सील बंद लिफाफे को आज अदालत ने वापस करते हुवे कहा है कि पुलिस साफ तौर पर बताए कि आखिर बच्चे कहां है? 17 मार्च को सीजेएम कोर्ट में मामले की अगली सुनवाई होगी।

क्या हुआ है अभी तक इस मामले में जिससे अदालत है नाराज़

अतीक की पत्नी ने अदालत में याचिका दाखिल कर कहा था कि उसके नाबालिग बेटों एजम और अबान को पुलिस ने 24 फरवरी को ही अतीक के चकिया वाले घर से उठा लिया था। यह याचिका अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन ने 27 फरवरी को सीजेएम कोर्ट में दाखिल किया था। इसमें इस बात का भी ज़िक्र किया गया था कि पुलिस उन्हें नहीं बता रही है कि उसके नाबालिग बच्चों को कहां रखा गया है। जिला न्यायालय में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में इस मामले की सुनवाई हुई। अदालत ने धूमनगंज पुलिस से रिपोर्ट मांगी थी। पहले तो धूमनगंज पुलिस ने रिपोर्ट में कहा था कि न तो हमने अतीक के बच्चों एजम और अबान को हिरासत में रखा है और न ही गिरफ्तार किया है।

जिसके बाद अदालत ने दोबारा विस्तृत रिपोर्ट मांगी। जिसके बाद पुलिस ने अदालत में कहा कि दोनों नाबालिग बच्चे खुल्दाबाद में लावारिश हालत में घूमते मिले थे। जिन्हें बाल सुधार गृह में रखा गया है। इस रिपोर्ट के बाद जिला प्रोबेशन अधिकारी पंकज मिश्रा ने कहा कि बाल सुधार गृह में अतीक के बेटे नहीं रखे गए हैं। जिसके बाद सवाल पुलिस पर दुबारा उठने शुरू हो गए। इसके बाद आज बुधवार को कोर्ट ने धूमनगंज थानाध्यक्ष को अस्पष्ट रिपोर्ट होने का हवाला देकर लौटा दिया है। 13 फरवरी को हुई सुनवाई में पुलिस ने सीलबंद रिपोर्ट दो दिन बाद खोलने का निवेदन किया था। कोर्ट ने इस मामले में पुलिस की कार्यप्रणाली पर सख्त नाराजगी जाहिर की और सील बंद लिफाफा वापस करते हुवे 17 मार्च को अगली तारिख मुकर्रर किया और कहा कि आप साफ़ साफ़ बताये कि अतीक के दोनों नाबालिग बेटे कहा है?

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