बेनतीजा रही विद्युत कर्मियों और उर्जा मंत्री ए0के0 शर्मा के बीच हुई वार्ता, आन्दोलनरत कर्मियों ने कहा साफ़ साफ़ ‘अगर हुई कोई गिरफ़्तारी या बर्खास्तगी, तो आन्दोलन होगा अनिश्चित कालीन, देखे उर्जा मंत्री का बयान

तारिक खान

डेस्क: उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री ए0के0 शर्मा के आवास पर आज विद्युत कर्मचारी संघर्ष समिति के अध्यक्ष शैलेंद्र दुबे और अन्य नेताओं सहित हुई बातचीत बेनतीजा समाप्त हुई। इस बैठक के संबंध में मिल रही सूचनाओं के अनुसार ऊर्जा मंत्री ए0के0 शर्मा कर्मचारी नेताओं की मांगों के लिए सहमत नहीं थे।

वही कर्मचारी नेता अपनी मांगों पर अडिग रहे। लगभग 3 घंटे चली यह बैठक बेनतीजा साबित हुई और कुछ भी इसमें निष्कर्ष नहीं निकल सका। हालाँकि कर्मचारी संघर्ष समिति के अध्यक्ष ने बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुवे इस बैठक को सकारात्मक कहा और कल रविवार की सुबह दुबारा बैठक होने की बात बताया है।

मिल रही जानकारी के अनुसार विद्युत् कर्मचारी संघर्ष समिति के पदाधिकारी अपनी मांग को लेकर अडिग है। वह लगातार चेयरमैन देवराज को हटाने व अन्य मांगों पर अड़े हुवे थे। जबकि सरकार की मंशा उनकी सभी मागो को मानने की नहीं दिखाई दी।, इसी दरमियान कर्मचारियों में इस बात की जानकारी हुई कि हजरतगंज थाने में एस्मा के तहत मामला दर्ज हुआ है। जिसके बाद डालीगंज स्थित होस्टल में विद्युत् कर्मचारी हज़ार की ताय्दात में आकर उन्होंने खुद पुलिस को फोन कर अपनी उपस्थिति के बारे में बताया और कहा कि उनको अगर गिरफ्तार करना है तो यही आकर कर ले। इसके बाद से कयास लगये जा रहे है कि बिजली कर्मचारियों की यह हड़ताल अभी और भी आगे जारी रह सकती है।

दूसरी तरफ बिजली कर्मचारियों की प्रदेश व्यापी 72 घंटे की हड़ताल के 48 घंटे गुजरने के बाद ही इस समाचार के प्रकशन के समय तक प्रदेश में बिजली व्यवस्था पूरी तरह चरमराई हुई है। भले ही लगभग हर जिला का प्रशासन लगातार ऐसे दावे कर रहा है ‘आल इज वेल’ मगर हकीकत ये है कि अधेरो का राज कायम है। बिजली की स्थिति के अनुसार ही पानी की भी किल्लत बढ़ गई है। एक तरफ आम जनता लगातार बिजली की समस्या से जूझ रही है, वही बिजली के कारण पानी की किल्लत लोगों को पड़ोस के सरकारी नल तक जाने अथवा हैण्डपम्प तथा कुआ तक जाने के लिए बाल्टी उठाने के लिए मजबूर कर रही है। वहीं प्रदेश में किराए के जनरेटर की मांगों के बढ़ने से जनरेटर सप्लाई करने वाले लोगों ने अपने दाम भी बढ़ा दिये है।

दूसरी तरफ आज लखनऊ में संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे सहित 22 कर्मचारी नेताओं के खिलाफ एस्मा के तहत कार्रवाई की गई है और हजरतगंज थाने में एक एफआईआर दर्ज करा दी गई है। इसके अलावा पूर्वांचल में 20 और दक्षिणांचल के 14 कर्मचारियों व हड़ताली इंजीनियरों के खिलाफ एस्मा के तहत मुकदमा दर्ज कराये जाने की भी जानकारी मिल रही है। इसके अलावा छह को निलंबित करने के साथ उनका तबादला लखनऊ से दूर करने का आदेश दिया गया है। इस बीच हड़ताली कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि बर्खास्त या गिरफ्तारी होने पर सांकेतिक हड़ताल को अनिश्चित कालीन हड़ताल में तब्दील कर दिया जाएगा। पूरे प्रदेश में जेल भरो आंदोलन चलेगा।

बताते चले कि इससे पहले ऊर्जा मंत्री ए0के0 शर्मा ने संविदा कर्मियों को 4 घंटे की मोहलत देते हुए उनको काम पर लौटने की चेतावनी दिया था। उनके द्वारा मीडिया को दिए गए बयान में जिस प्रकार से कर्मचारियों के भविष्य और उनके परिवार की चिंता करने की बात कही गई उसको लेकर सियासत ने भी रुख तेज़ कर दिया है और इसकी आलोचना भी होने लगी है। उन्होंने कहा था कि इस अवधि के बाद काम पर नहीं आने वालों की सेवाएं समाप्त करने की कार्रवाई तेज कर दी जाएगी। उन्होंने अपने बयान में ये भी आगे कहा कि नौकरी बड़ी मुश्किल से मिलती है। अपने परिवार की चिंता करे और वापस काम पर आ जाए। नौकरी चली जायेगी तक नौकरी की अहमियत समझ आएगी।

उन्होंने अगली व्यवस्था के लिए कहा था कि अगर संविदा कर्मी वापस नही आते है तो व्यवस्था के तहत आईटीआई तथा पॉलिटेक्निक पास छात्रों को सेवा में लिया जाएगा। उनकी ट्रेनिंग करवाई जाएगी। उसके बाद उनको संविदा के रूप में नियुक्ति दिया जाएगा। उर्जा मंत्री की प्रेस वार्ता में आये इस बयान के बाद विद्युत कर्मचारी संयुक्त समिति ने शाम को प्रेस वार्ता किया था और कहा था कि वह वार्ता के लिए हमेशा तैयार है और कोई दमनात्मक कार्यवाही हुई तो हड़ताल अनिश्चित कालीन चलेगी। इसके बाद डालीबाग स्थित हॉस्टल में बड़ी तादाद में आंदोलनकारी धरना स्थल पर इकट्ठा हो गये। यहाँ 1000 से अधिक की संख्या में आंदोलनकारी बिजली कर्मी एकत्रित हो गए और उन्होंने पुलिस को फोन करके इसकी सूचना भी दिया कि वह लोग यहाँ है और आकर उनकी गिरफ़्तारी कर लिए जाए।

इसी दरमियान एक कर्मचारी नेता को पुलिस को फोन आता है कि उनके खिलाफ ऍफ़आईआर पंजीकृत है और आकर वारंट ले ले। जिसके बाद आन्दोलनरत कर्मियों में फिर से एक बार आक्रोश फ़ैल गया और उन्होंने धरना स्थल से ही कई बार पुलिस को फोन करके कहा कि हम सब यही है और आकर वारंट दे दे अथवा गिरफ्तार कर ले। समाचार लिखे जाने तक किसी की गिरफ़्तारी नही हुई है।

वही वाराणसी में भी आन्दोलनरत कर्मियों ने देर रात तक अपना प्रदर्शन जारी रखा था। मध्य रात्रि लगभग 1 बजे संगठन द्वारा सबको घर जाने और सुबह 10 बजे दुबारा उपस्थित हो जाने की जानकारी साझा किया गया जिसके बाद धरनारत कर्मी अपने आवास के तरफ निकल रहे है।

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