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ज़ालिम इंसानियत और कातिल ममता: बेहोशी का इंजेक्शन देकर आशिक संग घोटा मासूम का गला, उसके बाद फिर….!

अनुराग पाण्डेय (इनपुट: सिद्धार्थ शर्मा)

मेरठ: तंत्र-मंत्र से मिलने वाली शक्तियों का फितूर इंसान के सर पर चढ़ कर ऐसा नशा करता है जिससे इंसान अपनी सूझ-बुझ खोकर सिर्फ इस तंत्र मंत्र के चक्कर में अपना सब कुछ बर्बाद करने पर तुल जाता है। ऐसा ही सवार हुआ कि उसने मां की ममता को भी मार दिया। उसके सामने ही उसके आशिक ने पड़ोसियों के साथ मिल कर उसकी बेटी की हत्या कर डाली।

मगर तंत्र मंत्र के जाल में फंसी निशा को इसकी भी सुध नही रही कि जिस मासूम की मौत हुई है वह मासूम उसके कोख में 9 महीने तक थी। उसको उसने दूध पिला कर बड़ा किया था। वह उसको खुद की जान से भी ज्यादा चाहती थी। इस सबको भूल कर निशा के सर पर तो सिर्फ तंत्र मंत्र का आडम्बर छाया हुआ था। यही नही इसके बाद बेटे को भी मार दिया, लेकिन उसे कुछ फर्क नहीं पड़ा। यह भी चर्चा है कि उसके पहले भी तीन बच्चों की मौत हो गई थी, कहीं इसमें भी तो उसका हाथ नहीं था।

दरअसल इस तंत्र क्रिया से निशा ऐसी शक्ति पाना चाहती थी कि सब उसके आगे-पीछे घूमें। वह भूत, वर्तमान और भविष्य बताने वाली बनना चाहती थी। लोगों से उसने कहना भी शुरू कर दिया था कि जल्द ही उसमें शक्तियां आ जाएंगी। घर में भी घंटों तक तंत्र-मंत्र करती थी। उसका बच्चों से लगाव कम होता जा रहा था। उसे लगता था कि यह उसकी शक्तियों में बाधक बन रहे हैं। इसके चलते ही दोनों बच्चों की कुर्बानी देनी की सोची और घटना को अंजाम दिया। पुलिस जांच में आया कि इन से पहले भी निशा के तीन बच्चे हुए थे। जिनकी अचानक ही मौत हो गई थी। रात में सभी सोते थे। सुबह उठते तो नाक-मुंह से खून निकलने लगता था। एक लड़की नौ साल की, एक बेटा चार साल और तीसरा बच्चा पैदा होने के कुछ समय बाद मर गए थे। लोगों को शक है कि कहीं उनकी मौत के पीछे भी तंत्र क्रिया तो नहीं।

इसके बाद मुसर्रत के घर में आरिफ ने लड़की के शव को, तो साद ने लड़के के शव को पेटी में डाला था। सभी को डर था कि गाड़ी आएगी और उसमें सब बैठकर जाएंगे तो शक हो जाएगा। इसलिए मुसर्रत के बीमार होने की अफवाह उड़ाई थी। रात नौ बजे वह शवों को लेकर आरिफ की वैगनआर से गंगनहर के लिए निकले थे। करीब दो घंटे में रात 11 बजे 25 किमी का सफर पूरा कर भोला झाल के पास पहुंचे और शवों को फेंक दिया था। पुलिस के हाथ वह सीसीटीवी फुटेज भी लग गई है, जिसमें आरोपित पेटियों को गाड़ी में रखते हुए दिख दे रहे हैं।

एसपी सिटी ने बताया कि 52 वर्षीय शाहिद का निकाह 36 वर्षीय निशा से 20 साल पहले हुआ था। दोनों की पहली ही शादी थी। करीब 15 साल से निशा तंत्र-मंत्र का काम करती थी। कुछ समय पहले पड़ोसन मुसर्रत के पति की मौत हो गई थी। बेटी का तलाक हो चुका है, जबकि बेटा कहीं काम नहीं कर रहा। निशा ने तंत्र-मंत्र की बातों से उसे झांसे में ले रखा था। निशा और प्रेमी सऊद ने तीन दिन पहले हत्या की योजना बनाई थी। इसमें निशा ने मुसर्रत और उसके परिवार को शामिल कर लिया। उससे कहा कि अपने बच्चों की कुर्बानी देने से उसकी शक्तियां बढ़ जाएंगी, वहीं ऐसा न करने पर सबसे पहले मौत तुम्हारे बेटे साद की होगी। यह सुनकर मुर्सरत डर गई थी। उसने बेटे और जेठानी को भी अपने साथ मिला लिया था।

एसपी सिटी ने बताया कि प्रेमी बच्चों को बेहोश करने के लिए इंजेक्शन लाया था। बच्चों को एलर्जी के नाम पर पड़ोसन कौसर ने इंजेक्शन लगाए। इसके बाद कोनान बेहोश हो गई, जबकि मेराब खेलता रहा। निशा ने बेटे को सामने कौसर के घर भेज दिया। बेहोश कोनान के हाथ कौसर व पैर उसकी देवरानी मुसर्रत ने पकड़े और प्रेमी ने नाक-मुंह दबाकर सांसें रोक दी। निशा पास ही खड़ी थी। इसके बाद तीनों कौसर के घर पहुंचे और मेराब की भी नाक-मुंह दबाकर हत्या कर दी।

मुसर्रत के बेटे साद ने शवों को गत्ते की पेटी में रख दिया। रात करीब नौ बजे मोहल्ला निवासी आरिफ की गाड़ी से शव लेकर चले और रात 11 बजे दोनों शवों को भोला झाल पर गंगनहर में फेंक दिया। पुलिस पूछताछ में सामने आया कि दोहरे हत्याकांड की आरोपित निशा का कहना है कि इसके बाद उसे शक्तियां मिल जातीं। सऊद फैजी इसके बाद निशा से शादी करना चाहता था। पुलिस के अनुसार शाहिद एक शू स्टोर में काम करते हैं। उनका वेतन करीब 15 हजार रुपये हैं। दोनों बच्चे बड़े निजी स्कूल में पढ़ते थे। उनकी फीस भी करीब पांच हजार रुपये महीना थी। उनको घर पर ही एक शिक्षक ट्यूशन पढ़ाने आता था, जो पांच हजार रुपये महीना फीस लेता था। 15 में से 10 हजार रुपये तो फीस में ही चले जाते थे, जबकि निशा के करीब 50 गज के घर में एसी, फ्रीज और अन्य सामान भी मौजूद हैं, निशा भी महंगा फोन चला रहा थी।

जांच के दौरान पता चला कि वह तंत्र-मंत्र के जरिये ही लोगों को रुकम दोगुने करने का झांसा दे रही थी। उस पर लोगों के लाखों रुपये हैं। पिछले कुछ समय से उस पर रुकम वापसी का तगादा भी हो रहा था। वहीं, बताया गया कि निशा के सऊद पर करीब 12 लाख रुपये थे, जो उसने किसी काम के लिए दिए थे। निशा के घर में कागज की गड्डी भी मिली थी। बताया गया कि कागज की गड्डी के ऊपर और नीचे असली नोट लगाकर साद, आरिफ, और दोनों अन्य महिलाओं को दिखाए थे। उनसे कहा था कि काम करने के बाद उनको रुपये भी मिलेंगे। जांच में पता चला कि निवर्तमान पार्षद सऊद सीएए दंगे के दौरान शामिल रहा था। देहली गेट थाना पुलिस उस पर एनएसए लगाने की तैयारी कर रही थी। उसे जेल भेज दिया था। फिलहाल वह जमानत पर चल रहा है। वह बदर अली की पार्टी से पार्षद का चुनाव लड़ा था और जीता था। एसपी सिटी ने बताया कि सऊद, आरिफ और साद देहली गेट थाने में हैं, जबकि निशा, मुसर्रत और कौसर महिला थाने में हैं।

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