अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ आया उत्तर प्रदेश के बिजली कर्मचारियों के समर्थन मे, उर्जा मंत्री ए0के0 शर्मा के बयान पर उत्तेजित हुवे बिजली कर्मचारी, दिया हड़ताल अनिश्चित करने की चेतावनी

अनुराग पाण्डेय

डेस्क: अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुभाष लांबा ने प्रदेश सरकार को चेतावनी दी है कि अगर यू0पी0 सरकार ने हड़ताली कर्मचारियों पर रासुका व एस्मा के तहत कोई दमनात्मक कार्रवाई की तो राज्य कर्मचारी सड़कों पर उतरने में देर नहीं करेंगे। वही इस दरमियान उर्जा मंत्री ए0 के0 शर्मा के आज आये बयान पर बिजली कर्मचारी और भी उत्तेजित हो गए है और उन्होंने अपनी हड़ताल अनिश्चित कालीन करने की चेतावनी भी दिया है. सभी जिले में चल रहे बिजली कर्मचारियों के के धरना प्रदर्शन में तेज़ी आ गई है.

वाराणसी के भिखारीपुर में चल रहे बिजली कर्मचारियों के प्रदर्शन में आज जैसे ही मंत्री ए0के0 शर्मा का बयान आया अचानक ही आक्रोश बढ़ गया। धरनारत कर्मियों ने तत्काल ही अपने व्हाट्सएप से संदेशो का आदान प्रदान किया और देखते देखते धरना स्थल पर भारी भीड़ इकठ्ठा होना शुरू हो गई।

इस दरमियाना कर्मियों ने सरकार के मुखालिफ और अपनी मांगो के समर्थन में नारे भी लगाये और सरकार को चेतावनी दिया कि जिस प्रकार की दमनात्मक कार्यवाही करने की बात हो रही है, अगर ऐसा हुआ तो हमारे आन्दोलन का दमन सरकार नही कर पाएगी उलटे हम सभी हड़ताल को अनिश्चित कालीन कर देंगे। बिजली कर्मियों के इस आह्वाहन को सुनकर जिला प्रशासन के हाथ पाँव फुल गये है।

अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुभाष लांबा ने उत्तर प्रदेश के बिजली कर्मचारियों और महाराष्ट्र के कर्मचारियों की 14 मार्च से शुरू हुई अनिश्चितकालीन हड़ताल के साथ एकजुटता प्रकट की और उत्तर प्रदेश व महाराष्ट्र सरकार से दमनात्मक कार्रवाई बंद करके बातचीत से मांगों का समाधान कर हड़ताल समाप्त करवाने की मांग की। इसकी जानकारी संगठन के द्वारा मीडिया को जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में दी गई।

सुभाष लाम्बा ने योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा 3 दिसंबर,2022 को ऊर्जा मंत्री की मौजूदगी में उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड की मेनेजमेंट द्वारा बिजली निजीकरण की मुहिम को बंद करने के लिखित समझौते को लागू करने की बजाय हड़ताली कर्मचारियों पर रासुका व एस्मा लगाने और हड़ताल में शामिल आउटसोर्स ठेका कर्मचारियों को नौकरी से बर्खास्त करने की घोर निन्दा की। उन्होंने कहा कि नेशनल कोआर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी एम्पलाइज एंड इंजीनियर और अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ इन हड़तालों पर गंभीरता से निगाहें रखें हुए हैं और किसी भी समय किसी भी समय आंदोलन में कूदने के लिए तैयार हैं।

अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष सुभाष लांबा, उपाध्यक्ष कमलेश मिश्रा व पूर्व उपाध्यक्ष एसपी सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश के बिजली कर्मचारी एवं इंजीनियर अनपरा और ओबरा की दो नई 800 मेगावाट उत्पादन इकाइयों और संबंधित पारेषण संपत्तियों के निजीकरण करने के प्रयासों के खिलाफ व ठेका कर्मचारियों को पक्का करने, पुरानी पेंशन बहाली आदि मांगों को लेकर 16 मार्च से तीन दिन की हड़ताल पर हैं।

उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश के बिजली कर्मचारी नवंबर, 2022 से निजीकरण के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं। तीन दिसंबर,2022 को ऊर्जा मंत्री की मौजूदगी में उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशनज लिमिटेड के प्रबंधकों और विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के मध्य लिखित समझौता हुआ था। इस समझौते में निजीकरण की शुरू की गई पूरी मुहिम को बन्द करने का वादा किया गया था। लेकिन अब सरकार लिखित समझौते को भी लागू करने से पीछे हट गई है।

उन्होंने कहा कि इन्ही कारण विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने 16 मार्च से तीन दिवसीय हड़ताल पर जाने पर मजबूर होना पड़ा है। सरकार लिखित समझौते को लागू करने की बजाय हड़ताली कर्मचारियों के दमन पर उतर आई है। ऊर्जा मंत्री ने हड़ताली कर्मचारियों पर रासुका व एस्मा जैसे काले कानून लागू करने और हड़ताल में शामिल होने वाले संविदाकर्मियों को नौकरी से बर्खास्त करने की धमकी दी है। इतना ही नहीं हड़ताली बिजली कर्मचारी नेताओं को कल्पना से परे परिणाम भुगतने की चेतावनी दी जा रही है और संविदाकर्मियों की बर्खास्तगी शुरू कर दी है। नेताओं को हिरासत में लिया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि इसके बावजूद यूपी में हड़ताल ऐतिहासिक एवं अभूतपूर्व है और हड़ताली कर्मचारियों की एकता मजबूत है। उन्होंने बताया कि हड़ताली बिजली कर्मचारी ऊर्जा निगमों के चेयरमैन व एमडी का चयन समिति द्वारा करने, निविदा/संविदा कर्मियों को अलग अलग निगमों में मिल रहे वेतन की विसंगतियों को दूर समान वेतन देने, तीन पदोन्नति पदों पर समयबद्ध वेतनमान के लिए आदेश जारी करने, बिजली कर्मचारियों के लिए पावर सेक्टर इम्प्लाइज प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने,नए विद्युत उप केन्द्रों का निर्माण पारेषण निगम से कराने आदि मांगों को भी उठा रहे हैं। उक्त प्रेस विज्ञप्ति उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी महासंघ के ज़िला अध्यक्ष लखनऊ एवं राष्ट्रीय पार्षद एआईएसजीएफ़ द्वारा जारी की गयी।

हमारी निष्पक्ष पत्रकारिता को कॉर्पोरेट के दबाव से मुक्त रखने के लिए आप आर्थिक सहयोग यदि करना चाहते हैं तो यहां क्लिक करें


Welcome to the emerging digital Banaras First : Omni Chanel-E Commerce Sale पापा हैं तो होइए जायेगा..

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *