पंडित नेहरू की दूरदर्शिता का नतीजा है इसरो- अधीर रंजन चौधरी
मो0 कुमेल
डेस्क: संसद के विशेष सत्र में पीएम मोदी के बाद लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने सदन को संबोधित किया। उन्होंने कहा, “जवाहरलाल नेहरू जी के साथ ही संविधान सभा के हर सदस्य ने यह शपथ ली थी कि हम देश को आगे बढ़ाएंगे और देश आगे बढ़ते-बढ़ते यहां तक पहुंचा है।”
अधीर रंजन ने कहा, “चंद्रयान की बात हो रही थी। आपको जानकारी देना चाहता हूं कि 1946 में नेहरू जी के नेतृत्व में एटॉमिक रिसर्च कमेटी बनाई गई थी। नेहरू जी की दूरदर्शिता और विक्रम साराभाई की अगुवाई में इसरो बना। 1975 में देश ने आर्यभट्ट सैटेलाइट लॉन्च किया था, लेकिन आज ‘भारत’ और ‘INDIA’ जैसी तरह-तरह की बातें लाई जा रहीं हैं।”
उन्होंने परमाणु परीक्षण में कांग्रेस पार्टी और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की भूमिका का भी ज़िक्र किया। “1974 में इंदिरा जी ने पोखरण में परमाणु परीक्षण किया था। उस समय से विदेशी ताकतों ने हमें कमजोर करने के लिए हर संभव प्रयास किया, लेकिन अटल जी रुके नहीं। नरसिम्हा राव के जमाने में भी ये परमाणु टेस्ट के बारे में सोचा गया था, लेकिन इसको साकार किया अटल बिहारी वाजपेयी जी ने और उसके साथ-साथ ये भी संदेश दिया दुनिया को कि ‘नो फर्स्ट यूज पॉलिसी’ हम अपना रहे हैं।”
अधीर रंजन ने कहा, “भारत के खिलाफ उस समय लगी पाबंदियों को हटाने का काम मनमोहन सिंह ने किया था, जिनको कहते थे कि मौन रहते थे। वे मौन नहीं रहे। जब जी-20 का सम्मेलन हुआ, तो उन्होंने कहा कि ये देश के लिए अच्छा है। वो बात कम करते थे और काम ज्यादा। बस फर्क यही है।”