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बयान की निंदा के बाद इंडियन ओवरसीज़ कांग्रेस चेयरमैंन सैम पित्रोदा ने दिया अपने पद से इस्तीफा, बोले जयराम रमेश ‘सैम ने अपनी स्वेच्छा से इस्तीफा दिया और राष्ट्रीय अध्यक्ष ने स्वीकार कर लिया’ जाने क्या है पूरा मामला

तारिक़ खान

डेस्क: इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के चेयरमैन सैम पित्रोदा ने अपने एक बयान पर शुरू हुए विवाद के बाद पद से इस्तीफ़ा दे दिया है। जयराम रमेश ने इस बारे में सोशल मीडिया पर जानकारी दी है। पित्रोदा के इस्तीफ़े को कांग्रेस अध्यक्ष ने स्वीकार कर लिया है। सैम का यह इस्तीफा अंग्रेजी अखबार स्टेटमेंट्स को दिए उनके विवादित साक्षात्कार के बाद आया है जिससे कांग्रेस ने अपना किनारा कर लिया था।

सैम पित्रोदा ने अंग्रेज़ी अख़बार स्टेट्समैन को दिए इंटरव्यू में उत्तर भारत के लोगों की तुलना गोरों, पश्चिम में रहने वालों की तुलना अरब, पूर्व में रहने वाले लोगों की तुलना चाइनीज़ और दक्षिण भारत में रहने वालों की तुलना अफ़्रीकियों से की थी। अंग्रेजी अखबार ‘द स्टेट्समैन’ को दिए इंटरव्यू में सैम पित्रोदा ने कहा था ‘हम भारत जैसे विविधता से भरे देश को एकजुट रख सकते हैं, जहाँ पूर्व में रहने वाले लोग चाइनीज़ जैसे दिखते हैं, पश्चिम में रहने वाले अरब जैसे दिखते हैं, उत्तर में रहने वाले मेरे ख़्याल से गोरे लोगों की तरह दिखते हैं, वहीं दक्षिण में रहने वाले अफ़्रीकी जैसे लगते हैं। इससे फ़र्क़ नहीं पड़ता। हम सब भाई-बहन हैं।’

पित्रोदा ने कहा कि भारत में अलग-अलग क्षेत्र के लोगों के रीति-रिवाज़, खान-पान, धर्म, भाषा अलग-अलग हैं, लेकिन वे सभी एक-दूसरे का सम्मान करते हैं। पित्रोदा ने कहा, ‘आज आइडिया ऑफ़ इंडिया को लेकर देश वाक़ई बँटा हुआ है। ये ऐसा नहीं है कि कौन सही और कौन ग़लत है लेकिन सवाल ये है कि आपकी मान्यता क्या है। दोनों तरफ़ स्थितियाँ काफ़ी कठिन हैं। एक पक्ष का मानना है कि हमें हिंदू राष्ट्र चाहिए। मेरी नज़र में उस पक्ष का प्रतिनिधित्व ऐसे लोग कर रहे हैं, जिन्होंने महात्मा गांधी को मारा। ये सही है या ग़लत, हम इस बारे में बहस कर सकते हैं। उनका विचार है कि भारत हिंदुओं का देश है, जहाँ दूसरों के लिए कोई जगह नहीं है, ख़ासतौर पर मुसलमानों के लिए। देश में 20 करोड़ मुसलमान हैं, आप उन्हें नज़रअंदाज़ नहीं कर सकते।’

सैम पित्रोदा बोले थे कि ये पक्ष राम मंदिर, इतिहास, धरोहर, हनुमान, बजरंग दल और इस तरह के सभी मुद्दों के इर्द-गिर्द रहता है। मैं उनके विचार का सम्मान करता हूँ। दूसरा पक्ष ये है कि हमारे देश की नींव रखने वालों ने ब्रिटिश राज से संघर्ष किया। ये लड़ाई हिंदू राष्ट्र के लिए नहीं थी, बल्कि एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र के लिए थी। पाकिस्तान ने धर्म को चुना और देखिए उसका क्या हश्र हुआ।’

वो बोले थे कि ‘हम दुनिया भर में लोकतंत्र का चमकता हुआ उदाहरण हैं। 70 साल तक देश में लोग ख़ुशहाल माहौल में रहे। हम सब भाई-बहन हैं। हम सब अलग संस्कृति, भाषा, भोजन सबका सम्मान करते हैं। ये वो भारत है, जिसे मैं मानता हूँ। एक ऐसा भारत जिसके मूल में लोकतंत्र, आज़ादी, बंधुता है।’ कांग्रेस पार्टी ने पित्रोदा के बयान से किनारा कर लिया है और उसके सहयोगी दलों ने भी बयान को ग़लत करार दिया है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा, “सैम पित्रोदा की ओर से भारत की अनेकताओं को जो उपमाएं दी गई हैं, वो ग़लत और दुर्भाग्यपूर्ण हैं, अस्वीकार्य हैं। कांग्रेस इन उपमाओं से अपने आप को पूर्ण रूप से अलग करती है और इसका खंडन करती है।”

पीएम नरेंद्र मोदी ने एक चुनावी सभी में सैम पित्रोदा के बयान की निंदा की है और राहुल गांधी समेत कांग्रेस को घेरा था। पीएम मोदी ने कहा, ‘मैं आज बहुत ग़ुस्से में हूँ। मुझे कोई गाली दे, मुझे ग़ुस्सा नहीं आता। मैं सहन कर लेता हूँ। लेकिन आज शहजादे के फिलॉस्फर (सैम पित्रोदा) ने इतनी बड़ी गाली दी है, जिसने मुझमें ग़ुस्सा भर दिया है। कोई मुझे ये बताए कि क्या मेरे देश में चमड़ी के आधार पर योग्यता तय होगी। संविधान सिर पर लेकर नाचने वाले लोग चमड़ी के रंग के आधार पर मेरे देशवासियों का अपमान कर रहे हैं।’ पीएम मोदी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का भी ज़िक्र किया और कांग्रेस पर निशाना साधा था।

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