अमेरिका से बिना वैध दस्तावेज़ के रह रहे प्रवासी भारतीयों हथकड़ी और बेडियो में वापस भेजे जाने पर विपक्ष ने साधा सरकार पर निशाना, बोली प्रियंका चतुर्वेदी ‘मोदी जी तो ट्रंप के दोस्त है’

सबा अंसारी
डेस्क: अमेरिका में बिना वैध दस्तावेज़ के रह रहे भारतीय प्रवासियों को वापस भारत भेजे जाने पर विपक्ष ने भारत सरकार पर निशाना साधा है। इस पर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद कल्याण बनर्जी ने न्यूज़ एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा, ‘आम तौर पर हम विदेशी मामलों पर बात नहीं करते लेकिन जिस तरह से उन्हें हथकड़ी लगाकर देश निकाला दिया गया वह स्वीकार्य नहीं है। यह मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन है। मेरा मानना है कि इस मुद्दे पर भारत सरकार को उच्च असहमति व्यक्त करनी चाहिए।’
वहीं इस पर शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, ‘जिस तरीक़े से उन्हें हाथ में हथकड़ियां और पैरों में कड़ियां लगाकर भेजा गया, उन्हें वॉशरूम तक नहीं जाने दिया गया, मैं अमेरिका को याद दिलाना चाहूंगी कि ये वहां के अपराधी नहीं हैं। जिस बेइज़्ज़ती से उन्हें भेजा गया है, ये देश को स्वीकार्य नहीं है। इसकी ज़िम्मेदारी देश की सरकार को लेनी पड़ेगी।’
उन्होने कहा कि ‘एक तरफ मोदी जी कहते हैं को ट्रंप उनके अज़ीज़ दोस्त हैं और दूसरी तरफ़ इस तरह से वह हमारे भारतीय को भेजते हैं।’ अमेरिकी सेना का एक विमान अमेरिका में बिना दस्तावेज़ों के रह रहे भारतीयों को लेकर बुधवार को अमृतसर के श्री गुरु रामदास अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरा था। डोनाल्ड ट्रंप के दूसरी बार सत्ता संभालने के बाद से ये अमेरिका में रह रहे भारतीयों का पहला निर्वासन है।
इस बीच अमेरिका के बॉर्डर पेट्रोल के प्रमुख चीफ़ माइकल डब्ल्यू बैंक्स ने भारतीय आप्रवासियों के निर्वासन को लेकर एक ट्वीट किया है और कुछ वीडियो फ़ुटेज भी साझा किए हैं, जिसमें साफ़ दिखता है कि आप्रवासियों के हाथों में हथकड़ी और पैरों में बेड़ी लगी हुई है। ट्वीट में उन्होंने लिखा है, ‘यूएसबीपी और सहयोगियों ने सफ़लतापूर्वक अवैध एलियंस को भारत भेजा, जो सैन्य ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करते हुए अब तक की सबसे सुदूर की निर्वासन उड़ान है।’
उन्होंने कहा कि ‘यह मिशन आव्रजन क़ानूनों को लागू करने और तेसी से निर्वासन सुनिश्चित करने की हमारी प्रतिबद्धता को दिखाता है। अगर आप अवैध रूप से सीमा पार करेंगे, तो आपको वापस भेज दिया जाएगा।’ इंडियन एक्सप्रेस ने भी वापस पहुंचे भारतीयों के हवाले से कहा है कि उन्हें पूरे चालीस घंटे तक हथकड़ियों और बेड़ियों में रहना पड़ा था।