संभल जामा मस्जिद प्रकरण: हाई कोर्ट एएसआई से कहा ‘मस्जिद के अन्दर जमी धुल और घांस साफ़ करवाए और साफ तौर पर जानकारी लेकर आएं कि बाहरी दीवारों की सफेदी से किस तरह का पूर्वाग्रह पैदा हो जाएगा?’

तारिक खान
प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट में संभल की शाही जामा मस्जिद को लेकर काफी अहम घटनाक्रम हुआ है। मस्जिद में सफाई, रंगाई-पुताई के मामले में आज कोर्ट में सुनवाई हुई। मस्जिद की सफेदी से जुड़े मामले की सुनवाई करते हुए, इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने एएसआई के वकील को निर्देश दिया कि वे इस बारे में साफ तौर पर जानकारी लेकर आएं कि मस्जिद की बाहरी दीवारों की सफेदी से किस तरह का पूर्वाग्रह पैदा हो जाएगा।

इस मामले में 28 फरवरी को एएसआई ने एक रिपोर्ट पेश किया था जिसमें कहा गया था कि मस्जिद के अंदरूनी हिस्से को सिरेमिक रंग से रंगा गया है और फिलहाल इस पर सफेदी कराने की जरूरत नहीं है। इसके जवाब में नकवी ने कहा कि वे सिर्फ मस्जिद की बाहरी दीवारों पर सफेदी और लाइटिंग चाहते हैं। इसके बाद कोर्ट ने एएसआई से मस्जिद परिसर में जमी धूल और उगी घास को साफ कराने को कहा।
भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण यानी एएसआई ने इलाहाबाद हाई कोर्ट से अनुरोध किया कि वे एएसआई के दो लोगों को मस्जिद की जांच करने की इजाजत दें। इस पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण विभाग के दो अधिकारी स्मारक का दौरा कर सकते हैं। इस मामले की अगली सुनवाई 12 मार्च को होगी। अदालत ने संभल के जिला मजिस्ट्रेट को मस्जिद को एएसआई को सौंपने के लिए प्रशासन और मस्जिद समिति के बीच 1927 में हुए समझौते को पेश करने का आदेश भी दिया।










