अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अली ख़ान महमूदाबाद के मामले में सुप्रीम कोर्ट का हुक्म ‘एसआईटी की जांच दो एफआईआर के सब्जेक्ट मैटर तक ही सीमित रहेगी’

आफताब फारुकी

डेस्क: अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अली ख़ान महमूदाबाद के मामले में बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। हरियाणा सरकार के वकील ने बताया कि विशेष जांच दल का गठन हो गया है और इस मामले की जांच की जा रही है। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच ने कहा, ‘हम निर्देश देते हैं कि एसआईटी की जांच दो एफआईआर के सब्जेक्ट मैटर तक ही सीमित रहेगी।’

बेंच ने ये बात तब कही जब महमूदाबाद के वकील कपिल सिब्बल ने आशंका जताई थी कि जांच का इस्तेमाल एफआईआर से परे चीजों को देखने के लिए किया जा सकता है। बेंच ने हरियाणा सरकार की ओर से पेश हुए वकील से यह भी कहा कि जांच का दायरा आगे नहीं बढ़ना चाहिए। कपिल सिब्बल ने यह भी कहा कि महमूदाबाद पर लगाई गई शर्तों में ढील दी जानी चाहिए। उन पर लगी पाबंदियों में उनका पासपोर्ट जब्त करना और भारत-पाकिस्तान संघर्ष पर बोलने की अनुमति न देना शामिल है।

लेकिन बेंच ने ऐसा करने से इनकार करते हुए कहा कि वह इस घटना के अलावा किसी और विषय पर बात करने के लिए स्वतंत्र हैं, लाइव लॉ के मुताबिक, महमूदाबाद के वकील ने यह भी कहा कि पुलिस उनसे डिवाइस मांग रही है। अदालत ने हरियाणा सरकार से पूछा, ‘दोनों एफआईआर रिकॉर्ड में दर्ज हैं। डिवाइस की क्या जरूरत है? दायरा बढ़ाने की कोशिश न करें।’ बीते हफ्ते अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफ़ेसर अली ख़ान महमूदाबाद को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर की गई एक सोशल मीडिया पोस्ट के चलते गिरफ़्तार किया गया था।

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