शहर के कुछ मोहल्लों में जलभराव से बाढ़ जैसा नजारा, जिला प्रशासन के दावों की खुल‌ गयी पोल

रानू खान

बांदा: जनपद में लगातार हो रही बारिश ने न सिर्फ जिला प्रशासन के दावों की पोल खोल कर रख दी है वहीं यहां शासन के जल भराव को लेकर दिए गए निर्देश भी हवा हवाई साबित हुए हैं। बांदा के एक बड़े हिस्से में जल भराव ने बाढ़ जैसे हालात पैदा कर दिए हैं। हालात इतने बदतर हैं कि नालियों का पानी लोगों के घरों में घुस रहा है और तकरीबन एक हजार मकानों में पानी भरा हुआ है।

शहर में कई इलाके ऐसे है जहा आपको बाढ़ जैसा नजारा देखने को मिल सकता है। यह किसी नदी का प्रकोप नहीं बल्कि यह बांदा नगर पालिका के दावों का पोस्टमार्टम है। नगर पालिका और जिला प्रशासन के दावों को 24 घंटे से हो रही बारिश ने ही गलत साबित कर दिया है। बांदा मुख्यालय के यह वह मोहल्ले हैं जिनमें यूं तो जल भराव पूरे साल रहता है। लेकिन बरसात के दिनों में सड़के डूब जाती हैं और पानी घरों के अंदर तालाब जैसी स्थिति पैदा कर देता है। बांदा शहर के शंकर नगर, आजाद नगर और सेढ़ू तलैया जैसे यह वह मोहल्ले हैं जहां हजारों लोगों की आबादी रहती है और बरसात में यह अपने ही घरों में कैद होकर रह जाते हैं।

आप तस्वीरों में खुद देख सकते हैं कि किस तरह लोगो के सड़कें छोड़े बल्कि लोगो के घर के अंदर तक स्थिति जलमग्न है। लोगों के घरों में पानी भरा हुआ है। लोगों के किचन का सामान भी पानी में डूबा है और इस हालत में भी लोग रहने को मजबूर हैं। कुछ घरों में ताले भी दिखाई दे रहे हैं। इन घरों के लोग घर में पानी भरने के बाद यहां से पलायन कर गये हैं। दूसरे क्षेत्रों में बरसात भर रहने को मजबूर होते हैं।

जिला प्रशासन और नगर पालिका के स्वच्छता और सुंदरीकरण के तमाम दावे बरसात के पानी में मानो जलसमाधि ले चुके हैं और यह हालत बांदा में देखने को मिल रही है। इन मोहल्लों के बाशिंदे बेहद परेशान है। बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं। सावन के महीने में भी सुबह लोग भगवान भोलेनाथ पर जल चढ़ाने के लिए घर से नहीं निकल पाते हैं। तो वहीं मुस्लिम समाज के लोग नमाज भी ना पढ़ने के लिए मजबूर हैं। क्योंकि नालियों का गंदा पानी लोगों के घरों तक पहुंच चुका है। जल भराव से परेशान शंकर नगर के बाशिंदे जिलाधिकारी जे रीभा की चौखट पर भी फरियाद करने पहुंच चुके हैं लेकिन यहां से भी उन्हें सिर्फ आश्वासन ही मिला है और लोग जल भराव से बुरी तरह परेशान हैं।

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