अम्बेडकरनगर के समाचार अनंत कुशवाहा के साथ

 भाजपा की सुनामी में सपा का सूपड़ा साफ
पहली बार जिले की दो सीटों पर खिला कमल
सपा सरकार के दोनों मंत्री बुरी तरह पराजित, तीन सीटों पर बसपा का कब्जा
अम्बेडकरनगर। विधानसभा चुनाव में चली भाजपा की सुनामी में जिले से समाजवादी पार्टी का सूपड़ा साफ हो गया। भाजपा ने टाण्डा व आलापुर विधानसभा क्षेत्र में धमाकेदार जीत दर्ज की और जलालपुर-कटेहरी व अकबरपुर विधानसभा क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशियों ने बहुजन समाज पार्टी को कड़ी टक्कर दी। जलालपुर व कटेहरी में भाजपा प्रत्याशी दूसरे स्थान पर रहे जबकि अकबरपुर में वह अंतिम दौर की मतगणना मंे तीसरे स्थान पर पहुंच गयी।

भाजपा के मतों में हुई जबरदस्त बढ़ोत्तरी से राजनैतिक पंडित भी आश्चर्य चकित रह गये। समाजवादी पार्टी की सरकार में दुग्ध विकास मंत्री रहे राममूर्ति वर्मा एवं समाज कल्याण मंत्री रहे शंखलाल मांझी को हार का सामना करना पड़ा। बहुजन समाज पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रामअचल राजभर व पूर्व मंत्री लालजी वर्मा ने जीत दर्ज कर जिले में बहुजन समाज पार्टी की इज्जत को बरकरार रखा। भारतीय जनता पार्टी के लिए सर्वाधिक महत्वपूर्ण सीट बनी टाण्डा से भाजपा प्रत्याशी संजू देवी ने समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी अजीमुलहक पहलवान पर कड़े संघर्ष में जीत दर्ज की। कटेहरी व जलालपुर में समाजवादी पार्टी तीसरे स्थान पर रही जबकि आलापुर में बहुजन समाज पार्टी तीसरे स्थान पर पहुंच गयी।

मतगणना प्रारम्भ होने के कुछ ही देर बाद से रूझान प्राप्त होने शुरू हो गये थे। कटेहरी से बसपा प्रत्याशी लालजी वर्मा, अकबरपुर से बसपा प्रत्याशी रामअचल राजभर, जलालपुर से बसपा प्रत्याशी रितेश पांडेय ने जो शुरूआती बढ़त बनायी वह अंतिम समय तक कायम रही। इन बसपा प्रत्याशियों ने मतगणना के दौरान कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखा। हर चक्र में मतों का अंतर बढ़ता जा रहा था। कटेहरी से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी जयशंकर पांडेय आठ चक्र की मतगणना पूरी होते-होते अकेले ही बाहर निकल गये। कुछ देर बाद जलालपुर से भाजपा प्रत्याशी राजेश सिंह भी समर्थकों के साथ बाहर निकल गये। अपने निकटतम प्रतिद्वंदियो द्वारा निर्णायक बढ़त हासिल कर लिये जाने के कारण बाहर निकलने वाले प्रत्याशियों ने अंतिम परिणाम के पहले ही अपनी हार स्वीकार कर ली। सबसे महत्वपूर्ण टक्कर टाण्डा व आलापुर विधानसभा क्षेत्र में देखने को मिला। टाण्डा में कभी संजू देवी तो कभी सपा प्रत्याशी अजीमुलहक पहलवान आगे निकल जाते थे। मतगणना के अंतिम दौर में संजू देवी ने अप्रत्याशित रूप से बढ़त बनाकर सपा प्रत्याशी को 17 सौ 23 मतो से शिकस्त दे दी। यहीं हाल आलापुर विधानसभा क्षेत्र में देखने को मिला। वहां पर शुरूआती दौर में ही भाजपा व सपा के बीच सीधा संघर्ष देखने को मिला। आलापुर में बसपा प्रत्याशी त्रिभुवन दत्त लगातार तीसरे स्थान पर बने रहे। सपा प्रत्याशी संगीता कन्नौजिया व भाजपा प्रत्याशी अनीता कमल एक-दूसरे से आगे पीछे होती रही। 17 राउंड की मतगणना तक आलापुर में समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी आगे रही लेकिन उसके बाद भाजपा प्रत्याशी द्वारा बनायी गयी बढ़त जीत में बदल गयी। भाजपा प्रत्याशी अनीता कमल ने सपा प्रत्याशी संगीता कन्नौजिया को 15 हजार पांच सौ 13 मतों से हराया। यहां पर बसपा प्रत्याशी त्रिभुवन दत्त को 58 हजार पांच सौ 91 मत मिले।
सड़क दुर्घटना में वृद्ध की मौत, छः घायल
अम्बेडकरनगर। जिले के अलग-अलग स्थानों पर हुई सड़क दुर्घटना में जहां एक वृद्ध की मौत हो गयी वहीं छः लोग गंभीर रूप से घायल हो गये। स्थानीय लोगों की मदद से एम्बुलेन्स के जरिए उन्हे जिला चिकित्सालय में भर्ती करवाया गया।
जानकारी के अनुसार मालीपुर थानान्तर्गत करीमपुर निवासी रामकुमार (60) पुत्र रामअछैवर शुक्रवार की शाम सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हो गये। स्थानीय लोगों द्वारा एम्बुलेन्स के जरिए उसे जिला चिकित्सालय में भर्ती करवाया गया जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी। चिकित्सालय प्रशासन की सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजवा दिया। वहीं दूसरी सड़क दुर्घटना में जलालपुर थानान्तर्गत छित्तन पट्टी निवासी अनिल यादव (32) पुत्र रामसूरत शुक्रवार की शाम अपने घर से मोटर साइकिल से जिला मुख्यालय आ रहे थे। जलालपुर बाजार में अचानक सामने आये साइकिल सवार युवक को बचाने के प्रयास में गंभीर रूप से घायल हो गये। अन्य सड़क दुर्घटना में अकबरपुर थानान्तर्गत उसरहवा निवासी रामचन्दर (40) पुत्र रामराज, जलालपुर थानान्तर्गत जमालपुर निवासी आशाराम (35) पुत्र बुद्धू, अहिरौली थानान्तर्गत कटेहरी निवासी अर्जुन (35) पुत्र रामफल, अकबरपुर थानान्तर्गत सोनहवा निवासी किसमता देवी (65) पत्नी यमुना प्रसाद, सुल्तानपुर जिले के अखंडनगर थानान्तर्गत बहाउद्दीनपुर निवासी महेन्द्र (40) पुत्र स्व0 विभूति शुक्रवार की शाम कहीं जाते समय घायल हो गये। सभी घायलों को जिला चिकित्सालय में भर्ती करवाया गया।
दबंगों ने जमीनी विवाद में किया बम से हमला,चार घायल
अम्बेडकरनगर। जमीनी विवाद को लेकर गांव के दबंग लोगों ने एक परिवार के चार लोगों को बम से गंभीर रूप से घायल कर दिया। मामला मालीपुर थाना क्षेत्र के कुलहिया पट्टी गांव का है। जानकारी के अनुसार उक्त थाना क्षेत्र के कुलहिया पट्टी निवासी अमरेश कुमार (25) पुत्र नंदलाल शुक्रवार की रात में अपने परिवारजनों के साथ अपने घर पर खाना खा रहे थे। उसी समय जमीनी रंजिश को लेकर गांव के दबंग श्याम नारायण शर्मा, अनूप शर्मा, प्रमोद शर्मा, पवन शर्मा ने घर पर बम फेंक कर पीड़ित परिवार के चार लोगों को घायल कर दिया जिसमें अमरेश कुमार गंभीर रूप से घायल हो गये। रात्रि में ही पीड़ित की सूचना पर पहुंची पुलिस ने घायलों को एम्बुलेन्स के जरिए जिला चिकित्सालय में इलाज के लिए भेजवा दिया। पीड़ित ने उक्त थाने में दबंगों के विरूद्ध तहरीर दे दी है। पीड़ित अमरेश कुमार की हालत गंभीर बनी हुई है। पीड़ित अमरेश कुमार ने बताया कि विपक्षी दबंग के मकान के पीछे हमारी जमीन थी जिसका विवाद काफी दिनों से चल रहा था। पीड़ित जब अपने जमीन पर कुछ भी काम करने जाते है तो उसका विरोध दबंग विपक्षी करने लगते है। घटना के दिन दबंगों ने कुछ जमीन पर निर्माणाधीन दीवार को भी ढहा दिया। पीड़ित की तहरीर पर उक्त थाने में मुकदमा दर्ज किया गया।
भाजपाईयों ने जमकर मनाया जश्न
आलापुर, अम्बेडकरनगर। आलापुर सुरक्षित विधानसभा क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशी अनीता कमल के विधायक निर्वाचित होने पर भाजपाइयों ने जमकर जश्न मनाते हुए अनीता कमल को बधाई दिया है। पूर्व विधायक त्रिवेणी राम की पुत्रवधू अनीता कमल के विधायक निर्वाचित होने पर वरिष्ठ भाजपा नेता यमुना प्रसाद चतुर्वेदी, पूर्व जिला पंचायत सदस्य दशरथ यादव, जिला उपाध्यक्ष दिनेश पांडेय, अवधेश कमल, रामप्रकाश गौतम, संतोष, अरविन्द उपाध्याय, जिला पंचायत सदस्य फूलमती यादव, रेखा यादव, प्रेमशीला यादव, भाजपा नेता मोहित भार्गव, कमलेश मिश्रा, आशीष जायसवाल, वीरेंद्र यादव, विनय पान्डेय, मनोज जायसवाल, प्रेम सिंह, विनय सिंह, अनूप सिंह, सूर्यभान, बजरंगी यादव, समेत कई अन्य भाजपा नेताओ नें प्रसन्नता व्यक्त करते हुए बधाई दी है।
टाण्डा में संजू की जीत से बुलंद हुआ हिन्दुत्व का इकबाल
दो चिर प्रतिद्वंदियो को परास्त कर प्रदेश की पंचायत में पहुंची संजू
अम्बेडकरनगर। टाण्डा विधानसभा क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी की प्रत्याशी संजू देवी की जीत हिन्दुत्व की जीत साबित हुई। टाण्डा विधानसभा के चुनाव में जिस प्रकार से मतों का धु्रवीकरण हुआ उसका ही परिणाम रहा कि भाजपा की यह प्रत्याशी हारते-हारते जीत गयी। इस विधानसभा चुनाव में संजू देवी ने अपने दो राजनीतिक नहीं बल्कि व्यक्तिगत प्रतिद्वंदिवो को पटखनी दी। भारतीय जनता पार्टी के लिए टाण्डा की सीट नाक का सवाल बन गयी थी। पार्टी ने इस सीट को जीत कर आजादी के बाद एक नया इतिहास लिख दिया। जीतने के बाद संजू देवी ने कहा कि यह हिन्दुत्व के साथ-साथ पूरे टाण्डा क्षेत्र की जनता की जीत है।
उल्लेखनीय है कि हिन्दूवादी नेता रामबाबू गुप्ता व उनके भतीजे राममोहन गुप्ता की गोली मारकर की गयी हत्या के बाद टाण्डा कस्बा साम्प्रदायिकता की आग में झुलस गया था। इसी के बाद से टाण्डा में दोनों सम्प्रदायों के बीच गहरी खायी खिंच गयी। इसी घटना के बाद संजू देवी भाजपा में एक सशक्त विकल्प के रूप में उभरी। पति व भतीजे को खोने के बाद अंदर से पूरी तरह टूट चुकी संजू देवी को लोकसभा चुनाव के दौरान जिले में जनसभा को संबोधित करने आये तत्कालीन प्रधानमंत्री पद के  दावेदार नरेन्द्र मोदी ने अपना आशीर्वाद प्रदान किया था। खुले मंच से नरेन्द्र मोदी ने संजू देवी से समय का इंतजार करने को कहा था। विधानसभा चुनाव में टिकट वितरण के दौरान संजू देवी का नाम प्रमुखता से उभरा और अंततः पार्टी ने संजू देवी पर ही दांव लगा दिया। यहां यह कहना भी महत्वपूर्ण है कि रामबाबू व राममोहन की हत्या में विधायक अजीमुलहक पहलवान तथा आइएमएम के प्रत्याशी इरफान पठान सहित अन्य लोगों को भी नामजद किया गया था। हालांकि सत्ता के दबाव में विधायक को पुलिस ने क्लीन चिट दे दी थी। संजू देवी को टिकट मिलने के बाद से ही टाण्डा विधानसभा में धु्रवीकरण की संभावना प्रबल हो गयी थी। इस धु्रवीकरण का लाभ आखिरकार संजू देवी को मिल ही गया और भाजपा के नाक की सवाल बनी यह सीट भाजपा की झोली में चली गयी।
आखिरकार खत्म हुआ भाजपा का वनवास
निर्वाचित विधायक अनीता कमल के ससुर त्रिवेणी राम ने दर्ज की थी जीत
दुष्यन्त यादव
आलापुर, अम्बेडकरनगर। आलापुर सुरक्षित विधानसभा क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशी अनीता कमल की जीत ने 1991 से चले आ रहे भाजपा के वनवास को खत्म कर दिया। बता दें कि रामलहर 1991 में अनीता कमल के ससुर त्रिवेणी राम भाजपा से विधायक निर्वाचित हुए थे लेकिन उसके बाद से इस सीट पर कभी सपा तो कभी बसपा का कब्जा रहा है।
इस विधानसभा क्षेत्र को बसपा का गढ़ भी माना जाता है। साथ ही यह सीट किस लिए खासी महत्वपूर्ण मानी जाती रही है। क्योंकि इस सीट पर बसपा प्रमुख मायावती 2002 के विधानसभा चुनाव में विधायक निर्वाचित हो चुकी हैं। विगत विधानसभा चुनाव में जहां सपा प्रत्याशी भीम प्रसाद सोनकर 79 हजार से अधिक मत पाकर बसपा के त्रिभुवन दत्त से 30 हजार से अधिक मतों से विजयी हुए थे वहीं भाजपा उम्मीदवार त्रिवेणी राम को महज नौ हजार नौ सौ 25 मत ही मिल सके थे। मौजूदा विधानसभा क्षेत्र में सपा ने अपनें सिटिंग बिधायक भीम प्रसाद सोनकर का टिकट काटकर सपा नेता चंद्रशेखर कन्नौजिया पर दांव लगाया था लेकिन प्रचार के दौरान चंदशेखर कन्नौजिया के आकस्मिक निधन के उपरांत पार्टी ने उनकी पत्नी संगीता कन्नौजिया को उम्मीदवार बनाया। वहीं बसपा नें पिछले विधानसभा चुनाव में रनर रहे पूर्व सांसद त्रिभुवन दत्त पर दाव लगाया। विधानसभा चुनाव के परिणामों पर यदि गौर करें तो सपा अपने परंपरागत मतों तक ही सीमित रही जबकि बसपा प्रत्याशी त्रिभुवन दत्त को भी उनके मूल वोटरों का ही सहारा मिला। वहीं भाजपा उम्मीदवार अनीता कमल को परंपरागत मतों के अलावां अन्य पिछड़ा वर्ग के मतदाताओं ने भी साथ दिया जिसका नतीजा रहा कि अनीता कमल ने आलापुर सुरक्षित विधानसभा क्षेत्र में 26 वर्षों के वनवास को खत्म कर भाजपा का परचम लहराया और आलापुर सुरक्षित विधानसभा क्षेत्र में कमल खिला दिया।
भाजपा की जीत पर एक साथ दिखा होली, दीवाली का जश्न
 बसखारी में जश्न मनाते भाजपा कार्यकर्ता
बसखारी, अम्बेडकरनगर। स्थानीय विकास खंड के अंतर्गत आज उस समय होली और दीपावली के त्योहार का जश्न एक साथ देखने को मिला। टांडा की बहुचर्चित विधानसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी की प्रत्याशी संजू देवी ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी अजीमुलहक पहलवान को 17 सौ 23 वोटों के अंतर से हराकर इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी की विजय पताका को फहराया। सुबह से ही इस सीट को लेकर आम लोगों में काफी उत्सुकता देखी गई। कभी सपा का प्रत्याशी आगे तो कभी भाजपा का प्रत्याशी आगे होने से लोगों में बेचैनी छाई रही लेकिन फाइनल रिजल्ट आने के बाद 17 सौ 23 मतों से भाजपा की संजू देवी की जीतने की खबर सुनते ही क्षेत्र में भाजपा समर्थकों ने पटाखे फोड़कर व एक दूसरे को अबीर-गुलाल लगाकर एक साथ होली और दिवाली का त्योहार मनाकर अपनी खुशियों का इजहार किया। क्षेत्र के बसखारी, शुक्ल बाजार, हंसवर, किछौछा, आदि अन्य स्थानों पर भाजपा समर्थको ने प्रदेश में भाजपा की पूर्ण वहुमत की सरकार बनाने व जिले की बहुचर्चित सीट टाण्डा व आलापुर सीट पर भाजपा की जीत को लेकर एक दूसरे को अबीर-गुलाल लगाकर, पटाखे फोड़कर व लड्डू बांटकर जीत का जश्न मनाया गया।
कभी बसपा का सबसे महफूज गढ़ था अम्बेडकरनगर और दरकते-दरकते रह गया बसपा का दुर्ग
मनीष मिश्र
अम्बेडकरनगर। भाजपा की सुनामी में बहुजन समाज पार्टी का यह गढ दरकते-दरकते बच गया। 2012 के विधानसभा चुनाव में जिस प्रकार से बहुजन समाज पार्टी पूरी तरह साफ हो गयी थी कम से कम 2017 के इस चुनाव में उसने अपनी लाज बचा ली। इस जिले की अकबरपुर विधानसभा सीट से जहां बसपा के प्रदेश अध्यक्ष रामअचल राजभर खुद प्रत्याशी थे वहीं कटेहरी विधानसभा क्षेत्र से पूर्व वित्त मंत्री लालजी वर्मा मैदान में थे। जलालपुर विधानसभा क्षेत्र में पूर्व सांसद राकेश पांडेय की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई थी। आलापुर में बसपा के कद्दावर नेता त्रिभुवन दत्त मैदान में थे। टाण्डा मंे बसपा में विधानसभा चुनाव की आहट के बाद अपने प्रत्याशी रामसिरोमणि वर्मा को हटाकर मनोज वर्मा को मैदान में उतार दिया था। रामअचल राजभर, लालजी वर्मा व पूर्व सांसद पुत्र रितेश पांडेय ने जीत दर्ज कराकर बसपा के इस मजबूत गढ़ को एक बार फिर से बचाने का प्रयास किया। इस चुनाव में सभी विधानसभा क्षेत्रों में भारतीय जनता पार्टी ने बसपा को जिस प्रकार की टक्कर दी है उसे बसपा के लिए शुभ संकेत नहीं माना जा सकता। आलापुर व टाण्डा में तो बसपा प्रत्याशी तीसरे स्थान पर पहुंच गये। आलापुर वह विधानसभा सीट है जहां से बसपा की प्रमुख मायावती भी चुनाव लड़कर विधानसभा में पहुंच चुकी है। इस सीट से बहुजन समाज पार्टी की दूसरी हार से साफ है कि बसपा का यह किला अब महफूज नहीं रह गया है। आलापुर विधानसभा क्षेत्र में बसपा के राष्ट्रीय महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने भी पूरा जोर लगा दिया था लेकिन वे अल्पसंख्यक मतों को अपेक्षा के अनुरूप बसपा की तरफ मोड़ पाने में सफल नहीं हो सके। संभवतः इसी का परिणाम रहा कि बहुजन समाज पार्टी यहां पर मुख्य लड़ाई से ही बाहर हो गयी। फिलहाल जिले की तीन सीटों को जीतकर बसपा ने कम से कम अपने अस्तित्व को बचाने में सफलता हासिल कर ली है।
कड़े संघर्ष में जीते प्रत्याशी
अम्बेडकरनगर। विधानसभा चुनाव में भाजपा-बसपा व सपा प्रत्याशियों में जहां जोरदार टक्कर दिखी वहीं मतदाताओं ने अन्य प्रत्याशियों को लगभग पूरी तरह नकार दिया। ज्यादातर प्रत्याशी अपनी जमानत बचा पाने में भी सफल नहीं हो सके। पांचों विधानसभा क्षेत्रों में प्रत्याशियों का विवरण इस प्रकार है।
जलालपुर विधानसभा क्षेत्र-
भाजपा-77279 – राजेश सिंह
बसपा-900309 – रितेश पांडेय-विजयी
सपा-58773 – शंखलाल मांझी
अकबरपुर विधानसभा क्षेत्र-
भाजपा-57956 – चन्द्रप्रकाश वर्मा
बसपा-72544 – रामअचल राजभर-विजयी
सपा-58492 – राममूर्ति वर्मा
टाण्डा विधानसभा क्षेत्र-
भाजपा-74768 – संजू देवी-विजयी
बसपा-49526 – मनोज कुमार वर्मा
सपा-73043 – अजीमुलहक पहलवान
आलापुर विधानसभा क्षेत्र-
भाजपा-72366 – अनीता कमल-विजयी
बसपा-58591 – त्रिभुवन दत्त
सपा-59853 – संगीता कन्नौजिया
कटेहरी विधानसभा क्षेत्र-
भाजपा-78071 – अवधेश द्विवेदी
बसपा-84358 – लालजी वर्मा-विजयी
सपा-45532 – जयशंकर पांडेय
नेशनल इंडियन शोषित दल- 18721 – अजय सिंह
चुनाव परिणाम जानने को टीवी के सामने डटे रहे लोग
अम्बेडकरनगर। विधानसभा चुनाव का परिणाम जानने के लिए लोगों में सुबह से ही जबरदस्त उत्सुकता देखी गयी। मतगणना प्रारम्भ होने के पूर्व से ही लोग टेलीविजन के सामने बैठकर मतगणना का रूझान आने का इंतजार करने लगे। घर से लेकर बाहर तक हर जगह लोग टेलीविजन के सामने बैठे देखे गये। उत्सुकता ऐसी कि कोई टस से मस नहीं हो रहा था। शुरूआती रूझान से ही भाजपा की बढ़त शुरू हो गयी। यह बढ़त ज्यो-ज्यो लगातार बढ़ती जा रही थी त्यो-त्यो लोगो की उत्सुकता परिणाम जानने को लेकर और तीव्र होती जा रही थी। शहर से लेकर ग्रामीणांचलो तक लोगों को चुनाव परिणाम के बारे में जानने की जबरदस्त लालसा देखी गयी। 11 बजते-बजते चुनाव परिणामों की स्थिति लगभग साफ होने लगी। इसी के साथ शुरू हो गया जश्न मनाने का सिलसिला। सपा समर्थकों में जहां जबरदस्त मायूसी देखी गयी वहीं भाजपा समर्थक खुशी से उछल रहे थे। बहुजन समाज पार्टी के समर्थक जिले की तीन सीटों पर जीतने से खुश तो दिख रहे थे लेकिन प्रदेश में करारी हार का असर उनके चेहरे पर साफ देखा जा रहा था।
मोदी के नोट बंदी के फैसले पर जनता ने लगायी मुहर
रामलहर के बाद फिर से हुई भाजपा की धमाकेदार वापसी
अम्बेडकरनगर। 1991 के बाद जिले की दो विधानसभा सीटों पर कमल एक बार फिर खिल गया। 1991 में तब जहांगीरगंज विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के टिकट पर त्रिवेणी राम ने जीत दर्ज की थी। रामलहर में जिले से जीत दर्ज करने वाले वह भाजपा से इकलौते विधायक थे। 2014 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने सभी विधानसभा क्षेत्रों में जीत दर्ज की थी। यह वह समय था जब नरेन्द्र मोदी का जादू लोगों के सिर चढ़कर बोल रहा था। इस विधानसभा चुनाव में विपक्षी पार्टियां जहां नोट बंदी को मुददा बनाकर मैदान में थी वहीं भाजपा भ्रष्टाचार व कालेधन के मुददे पर चुनाव लड़ रही थी। यह चुनाव नरेन्द्र मोदी के नोट बंदी के निर्णय की परीक्षा भी ले रहा था लेकिन जिले की जनता ने जिस प्रकार से भाजपा के पक्ष में मतदान किया उससे केन्द्र सरकार के निर्णयों पर मुहर लग गयी। भाजपा ने टाण्डा व आलापुर विधानसभा क्षेत्र में धमाकेदार जीत दर्ज की जबकि शेष तीन विधानसभा क्षेत्रों में वह कड़े संघर्ष में रही। इन सीटों पर प्रत्याशियों द्वारा अपनाया गया मनमाना रवैया भी हार का प्रमुख कारण बना। इसके अलावां जातीय समीकरण को साधने में भी प्रत्याशी सफल नहीं हो सके। इसी का परिणाम रहा कि भारतीय जनता पार्टी जिले की दो सीटों पर कमल खिलाकर अपनी जोरदार उपस्थिति दर्ज कराने में सफल रही।
दो महिला प्रत्याशियों की जीत से लिखा गया जिले का नया इतिहास
सफल रहा भाजपा का महिला सशक्तीकरण का प्रयोग
अम्बेडकरनगर। वैसे तो सभी राजनीतिक दल महिलाओं को बराबरी का हक देने का दम्भ भरते देखे जाते है लेकिन इस विधानसभा चुनाव में भाजपा ने जिस प्रकार से महिला सशक्तीकरण पर जोर देकर महिलाओं को टिकट देने में कोई गुरेज नहीं किया उसका परिणाम सामने ही है। जिले की पांच विधानसभा सीटों में से भारतीय जनता पार्टी ने टाण्डा व आलापुर में महिला उम्मीदवारों को टिकट देकर आधी आबादी के लिए अच्छा संकेत दे डाला। भाजपा द्वारा महिलाओं को प्राथमिकता दिये जाने का असर रहा कि टाण्डा विधानसभा क्षेत्र में पुरूष मतदाताओं के अपेक्षा महिलाओं मतदाताओं ने ज्यादा मतदान किया। महिलाओं द्वारा अधिक मतदान किये जाने का ही लाभ संजू देवी को प्राप्त हुआ और वह हारी हुई बाजी को जीतने में सफल हो गयी। इसके साथ ही सपा-बसपा सहित अन्य किसी भी दल ने किसी भी महिला प्रत्याशी को टिकट नहीं दिया। भाजपा के महिला सशक्तीकरण का प्रयोग सफल रहा और दोनों प्रत्याशियों ने जीत दर्ज कर जिले में भाजपा के खाते में एक नया इतिहास लिख दिया।

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