वाराणसी कांग्रेस शिष्टमंडल ने बीएचयू के कुलपति से भेंट कर कहा सांप्रदायिक विचारधारा के संगठनो ने किया माहोल ख़राब

अनुपम राज

वाराणसी. कांग्रेस का एक शिष्टमंडल जिला एवं महानगर अध्यक्ष प्रजानाथ शर्मा एवं सीताराम केसरी एवं पूर्व विधायक अजय राय के नेतृत्व में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के कुलपति से मिला।

प्रतिनिधि मंडल ने कुलपति का ध्यान विश्वविद्यालय में ख़राब होते शैक्षणिक माहोल पर दिलवाते हुवे कहा कि पिछले कुछ दिनों से काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में एक विचारधारा विशेष की राजनैतिक गतिविधियों ने विश्वविद्यालय के शैक्षणिक माहौल को दूषित किया है। विश्वविद्यालय में एक तरफ जहां आरएसएस, विश्व हिन्दू परिषद जैसे हिंसक सोच वाले संगठनों की गतिविधियों ने विश्वविद्यालय की गरिमा को क्षति पहुंचाई वहीं दूसरी तरफ विश्वविद्यालय के अतिथि गृह से लेकर छात्रावासों तक इन संगठनों के कब्जे ने भी विश्वविद्यालय के माहौल को दूषीत किया है। विश्वविद्यालय में आये दिन पार्टी विशेष के झंडे का लगना, साम्प्रदायिक विचारधारा को लेकर संगोष्ठियों का होना, साम्प्रदायिक और विध्वंसक सोच वाले लोगों को विशिष्ट अतिथि बनाकर व्याख्यान करवाना यह साफ-साफ दर्शाता है कि विश्वविद्यालय को किस दिशा में ले जाने का प्रयास किया जा रहा है।

प्रतिनिधि मंडल का कहना था कि महामना पण्डित मदन मोहन मालवीयजी ने काशी हिन्दू विश्वविद्यालय की स्थापना उच्च शैक्षणिक आदर्शों, उच्च मानवीय मूल्यों तथा प्रतीचि – प्राचि ज्ञान – विज्ञान की विभिन्न अधुनातन तथा पुरातन शाखाओं पर गहन शोध करने तथा उनके संवर्धन के लिए किया था। केंद्र में रही पिछली सरकारों ने कभी भी विश्वविद्यालय की स्वायत्तता के साथ कोई समझौता नही किया यही वजह है कि आज विश्व पटल पर काशी हिन्दू विश्वविद्यालय की अपनी एक विशिष्ट पहचान है। विश्वविद्यालय में छात्र हित सर्वप्रथम होना चाहिए लेकिन महामना जी की बगिया में छात्रों के साथ दुर्व्यवहार, उन पर लाठी चार्ज, उनके हितों को कुचलना, उन्हें परीक्षाओं में न बैठने देना दुर्भाग्यपूर्ण है। आख़िर ऐसा कैसे हो सकता है कि विश्वविद्यालय को राजनीति का अखाड़ा बना दिया जाय? इतिहास गवाह है कि कांग्रेस की सरकारों ने कभी भी इस तरह के कार्यों को न तो प्रश्रय दिया और नही ऐसी ताकतों को विश्वविद्यालय में टिकने दिया।

कांग्रेस शिष्टमंडल ने बीएचयू के कुलपति प्रोफ़ेसर राकेश भटनागर से मिलकर इन तमाम मसलों पर उनसे चर्चा कर कुलपति से तत्काल इन साम्प्रदायिक तथा विध्वंसक सोच वाले संगठनों को विश्वविद्यालय में प्रतिबंधित करने तथा विश्वविद्यालय के अतिथि गृहों में अड्डा बनाकर रहने वालों को निकाल बाहर करने की मांग की, जिससे कि विश्वविद्यालय की शैक्षणिक भव्यता और गरिमा बनी रहे।

कांग्रेस के इस शिष्टमंडल में जिला एवं महानगर कांग्रेस अध्यक्ष प्रजानाथ शर्मा, सीताराम केसरी, पूर्व विधायक अजय राय, डॉ. अनिल उपाध्याय, शैलेन्द्र सिंह, डॉ. नृपेन्द्र नारायण सिंह, ओम शुक्ला, चंचल शर्मा, किसलय सिंह आदि शामिल थे।

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