ईवीएम को लेकर एक बार फिर आया भूचाल, तो क्या 2014 में हुई थी ईवीएम हैक

अमेरिकी हैकर के दावे के बाद एक बार फिर भारत में ईवीएम को लेकर घमासान शुरू हो गया है।

आदिल अहमद आफ़ताब फ़ारूक़ी

प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक़ बीते दो तीन वर्षों से ईवीएम की हैकिंग का मुद्दा भारत के सियासी गलियारों में काफ़ी ज़ोरशोर से उठता रहा है और विपक्षी पार्टियां ईवीएम की हैंकिग का दावा करती रही हैं, जबकि भारतीय चुनाव आयोग ने हमेशा यही दावा किया है कि ईवीएम पूरी तरह सुरक्षित है।

इस बीच एक कथित अमेरिकी हैकर ने लंदन में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके यह दावा किया है कि भारत में ईवीएम हैक हो सकती हैं। इस हैकर ने दावा किया है कि 2014 के लोकसभा चुनाव में उसने बीजेपी के लिए भी हैकिंग की थी। हैकिंग के लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री गोपीनाथ मुंडे ने उनकी टीम से संपर्क किया था। हैकर ने ये भी दावा किया कि साल 2015 के दिल्ली विधानसभा चुनावों में उसने आम आदमी पार्टी के पक्ष में ईवीएम की हैकिंग की थी। इन दोनों चुनाव में बीजेपी और आम आदमी पार्टी की जीत हुई थी।

हैकर ने यह भी दावा किया है कि ट्रांसमीटर के ज़रिये ईवीएम की हैकिंग हो सकती है। हैकर ने कहा कि 14लोगों की उसकी टीम है, उसका दावा है कि उस पर हमले भी हो चुके हैं, जिसके चलते उसने अमेरिका में शरण ली है।

इस बीच हैकर द्वारा ईवीएम पर किए गए रहस्योद्घाटन के बाद विपक्षी पार्टियों ने सरकार और चुनाव आयोग को घेरना शुरू कर दिया है। कुछ टीकाकारों का कहना है कि देश की सर्वोच्च अदालत इस मामले को संज्ञान में लेकर इसकी पूरी निक्षपक्ष तरीक़े से जांच कराए और साथ ही 2014 के चुनाव की भी पूरी चांज होना चाहिए ताकि देश की जनता के सामने सच पेश किया जा सके।

दूसरी ओर हैकर के इस ख़ुलासे पर भारतीय चुनाव आयोग ने कहा है कि ईवीएम हैकिंग का दावा ग़लत है। चुनाव आयोग चुनाव जिन ईवीएम का इस्तेमाल करता है, वह पूरी तरह से सुरक्षित है। आयोग ने कहा कि ईवीएम मशीनें तकनीकी विशेषज्ञों की निगरानी में ही तैयार होती हैं।

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