कानपुर –  नाबालिग छात्रा के साथ गाव के युवक ने किया बलात्कार, नहीं दर्ज किया पुलिस ने पांच दिन बाद भी ऍफ़आईआर

आदिल अहमद

कानपुर। सरकार महिला सुरक्षा के लिए जितनी भी बाते कर ले। सरकार द्वारा भले लाख बेटी बचाओ और बेटी पढाओ के नारे लगते रहे। मगर ज़मीनी हकीकत ये है कि आज भी बेटिया सुरक्षित नही है। उनके साथ होने वाली यौन हिंसा के बाद उनको इन्साफ के लिए भी एक लम्बी लड़ाई लड़ना पड़ता है। सबसे शर्मनाक स्थिति तो ये होती है कि पुलिस शिकायत के बाद भी अपराध पंजीकृत नही करती है और उलटे दरोगा जी आकर जांच के नाम पर पीडिता के परिवार को इज्ज़त आबरू का डर दिखा कर उसके परिजनों को सुलह समझौते का रास्ता बता देते है। उसके बाद इंसानियत चुल्लू भर पानी में तब डूब जाती है जब क्षेत्र के एक दबंग नेता जी आकर एक गरीब की मासूम नाबालिग बेटी के आबरू की कीमत पचास हज़ार रुपया लगा देते है। पीडिता आत्महत्या न करे तो अब आप ही बताये क्या करे।

घटना 30 मार्च की है जब कानपुर के चौबेपुर थाना क्षेत्र के ग्राम संडीला पोस्ट मधना की है। घटना कुछ इस प्रकार है कि गाव की रहने वाली कक्षा 9 की एक छात्रा घर से कुछ दूरी पर कूड़ा फेकने के लिए जाती है। इस दौरान उसको अकेला पाकर उसी गाव के एक दबंग परिवार का मनबढ़ युवक अजय अपने साथी के साथ उसको पकड़ कर सुनसान जगह बलात्कार करता है और फिर धमकी देता है कि परिवार में किसी को बताया तो तेरे बाप भाई को जान से मार कर फेक दूंगा। घटना से डरी सहमी नाबालिग पीडिता घर आती है और जान देने की नियत से घर की छत से कूद जाती है। नीचे खड़े लोगो की मदद से वह बच तो जाती है मगर उसको काफी चोट आती है। इसका कारण परिजनो ने जब पूछा तो पीडिता ने रो रो कर पूरी घटना से परिजनों को अवगत करवाया।

परिजनों ने घटना की सुचना स्थानीय थाना चौबेपुर को प्रदान किया। साथ ही लिखित तहरीर दिया और अपने साथ न्याय की गुहार लगाई दुसरे दिन स्थानीय चौकी इंचार्ज मौके पर तफ्तीश के लिए आते है। शायद उनको भी स्थानीय नेता जी और दबंग परिवार के सम्बन्ध में जानकारी रही होगी। तभी तो नाबालिग के साथ हुई इस घटना के लिखित तहरीर के बावजूद भी दरोगा जी ने कोई मुकदमा लिखने की ज़हमत नही उठाई और सीधे तहरीर पर ही तफ्तीश कर रहे है। पीडिता और उनके परिजनों ने आरोप लगाते हुवे बताया कि दरोगा जी ने उलटे उनको इज्ज़त और सामाजिक बुराइयों के सम्बन्ध में बताया और आज तक फिर दुबारा नही आये। इधर आरोपी पक्ष के द्वारा बार बार धमकी और प्रलोभन दिया जा रहा है। पीडिता के परिजनों की माने तो क्षेत्र के एक दबंग नेता जी आरोपियों के तरफ से पैरोकार बनकर उनके ऊपर पचास हज़ार लेकर समझौता करने का दबाव बना रहे है।

अब सवाल यह उठता है कि जब माननीयसुप्रीम कोर्ट इस तरह के प्रकरण में तत्काल मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है। उच्चाधिकारियों और सरकार के तरफ से सख्त निर्देश तत्काल कार्यवाही का है तो फिर दरोगा जी आखिर सिर्फ तहरीर पर तफ्तीश कौन सी कर रहे है। क्या दरोगा जी खुद को सबसे ऊपर समझते है। पीडिता के परिजनों को अगर आधार माने तो दरोगा जी के लिए एक प्रश्न हमारे पास है कि दरोगा जी किस सामाजिक प्रतिष्ठा की बात कर रहे है। तब कहा थे जब वो करमजला हैवान उस मासूम बच्ची की आबरू से खेल रहा था। दूसरी बात दरोगा जी आपको मुकदमा दर्ज करने में कौन सी पेट में दर्द हो रही है साहब। इस सम्बन्ध में जब हमारे प्रतिनिधि ने दरोगा जी से संपर्क करने का प्रयास किया तो दरोगा जी किसी तरह का कोई बयान देने को तैयार नही है। वही दूसरी तरफ दबंग नेता जी है जो गरीब के आबरू की कीमत लगा रहे है। लानत है ऐसे लोगो पर और उनकी सोच पर।

खैर मामले में पुलिस ने समाचार लिखे जाने तक कोई कार्यवाही नही किया है। पीडिता का आज तक मेडिकल भी नही करवाया गया है। पीडिता बिस्तर पर दर्द से कराह रही है। वही दूसरी तरफ पुलिस कार्यवाही से कतरा रही है। खौफ के साए में जीता पीडिता का परिवार अभी भी आस लगाये बैठा है कि उसको इन्साफ मिलेगा। वही पीडिता अपने जीवन को ही समाप्त करने के लिए एक बार प्रयास कर चुकी है। इन सब बातो से शायद दरोगा जी को असर नही पड़ता दिखाई दे रहा है। स्थानीय चर्चो के अनुसार पुलिस आरोपियों का साथ दबंग नेता जी के दबाव में दे रही है।अब देखने वाली बात होगी कि आपकी सेवा में सदैव तत्पर का बोर्ड लगाये कानपुर पुलिस कब पीडिता को इन्साफ दिलवाती है। अथवा मामले को चौबेपुर पुलिस ठन्डे बसते में डाल देगी।

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