अदालत ने साक्षी-अजितेश को माना पति पत्नी, इस प्रकरण में पढ़े एक बाप की दर्द भरी दास्तान

तारिक आज़मी

डेस्क :  भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक राजेश मिश्रा उर्फ पप्पू भरतौल की बेटी साक्षी के प्रेम विवाह मामले में हर दिन एक नया मोड़ आ रहा है। आज हाई कोर्ट की इलाहाबाद बेंच ने दोनों की शादी को वैध करार दे दिया है। वही हाई कोर्ट में अजीतेश को साक्षी मिश्रा का पति माना है। दोनों का विवाह वैध करार दे दिया गया है। अजितेश खुद को दलित समुदाय से बताते है।

वही प्रकरण में आज एक और मोड़ आया जब अजीतेश पर एक बड़ा खुलासा करता हुआ हमारे पास फोन आता है। मध्य प्रदेश के हौशंगाबाद जिले के इटारसी तहसील क्षेत्र के रहने वाले अधिवक्ता जयवंत नायक ने हमको फोन करके अजितेश और साक्षी प्रकरण में अपना पक्ष रखा। इस दौरान हमारी जयवंत नायक के बड़े भाई भोपाल निवासी हेमंत नायक से भी बात हुई। उन्होंने अपना पक्ष भी रखा। बताते चले कि हेमंत नायक वही शक्स है जिनकी बेटी के साथ अजितेश की सगाई 2016 में हुई थी और फिर 9 दिसंबर 2016 में उसका विवाह होने वाला था। मगर बताया गया कि इसी दौरान अक्टूबर 2016 में अजितेश की माँ बीना कुमारी की हार्ट अटैक से मृत्यु हो गई। इसके बाद शादी टल गई।

हेमंत नायक और अधिवक्ता जयवंत नायक के बताये अनुसार अजितेश से हेमन्त नायक की सबसे छोटी बेटी की सगाई 10 जुलाई 2016 में भोपाल के होटल अनुपम में हुई थी, जिसमे अजितेश का पूरा परिवार और रिश्तेदार शामिल हुवे थे। हेमंत नायक ने बताया कि ये रिश्ता अजितेश की बहन जिनका विवाह भोपाल में ही हुआ है के द्वारा लगाया गया था। अजितेश एक हाई प्रोफाइल परिवार से सम्बंधित है और उसके पिता एक नेशनल बैंक में ब्रांच मैनेजर है। वही स्व. माँ सरकारी हायर सेकेंडरी स्कूल में लेक्चरार थी। बड़ा भाई अपने मामा के साथ साझेदारी में टाइल्स का कारोबार करता है। हेमन्त नायक ने बताया कि रिश्ता अच्छा होने के कारण हमने भी हामी भर दिया।

आलिशान हुई थी सगाई, खर्च किया था 7 लाख रुपया

हेमंत नायक ने बताया कि अजितेश के परिवार का कहना था कि सगाई भोपाल में होगी और शादी बरेली में होगी। भोपाल में होने वाली सगाई के लिए अजितेश के परिजनों ने आलीशान व्यवस्था की मांग किया था। कुल 70 लोग अजितेश के परिवार के तरफ से इस सगाई समारोह में थे। इस सगाई समारोह का आयोजन उनके मांग के अनुसार एक आलीशान होटल में किया गया था। यही नहीं आने वाले सभी वर पक्ष के लोगो को उपहार में शानदार सूट और साड़िया भी दिया गया था। सब कुछ ठीक ठाक था। गुरुद्वारा में कुंडली मिलान के अनुसार निकली तिथि के अनुसार 9 दिसंबर 2016 को विवाह तय हो गया। इसी दौरान अक्टूबर 2016 में अजितेश की माँ का देहांत हो गया। इस देहांत में धार्मिक रीति रिवाजो के अनुसार नायक परिवार ने अपनी बेटी के साथ हिस्सा लिया और सभी धार्मिक अनुष्ठान किया।

हेमंत नायक जो खुद तत्कालीन कलर्क थे और वर्ष 2018 में वह रिटायर्ड हो चुके है इस सगाई में लगभग 7 लाख रुपया खर्च कर बैठे और एक बड़े क़र्ज़ के बोझ के नीचे आ गए। ये क़र्ज़ एक माध्यम वर्गीय परिवार के लिए बड़ा होता है और वह आज भी इस क़र्ज़ को उतार रहे है। अपनी 5 बेटियों और एक बेटे को पढ़ा लिखा कर काबिल बनाने वाले हेमंत नायक दो भाई है। छोटा भाई जयवंत नायक इटारसी में अधिवक्ता है और बड़े खुद हेमंत नायक एविगेशन में स्टोर कीपर क्लर्क के पोस्ट पर थे। बेटियों में तीन की शादी कर चुके हेमंत नायक ने बताया कि उनको जब यह वीडियो सोशल मीडिया पर मिला तब हमारे पैर के नीचे से ज़मीन सरक गई। एक दुखो का पहाड़ टूट पड़ा है। तीन सालो से लगा हुआ रिश्ता जिसमे सगाई आधा विवाह समझा जाता है में सगाई तोड़े बगैर अजीतेश उर्फ़ अवि ने इस प्रकार विवाह कर लिया है।

हेमंत नायक का दावा दलित नही बंजारा समुदाय से है अजितेश

अजितेश के सम्बन्ध में बात करते हुवे हेमंत नायक ने बताया कि दलित बता कर खुद के लिये सहानुभूति लेने वाले अजितेश वास्तव में बंजारा समुदाय से है। हम बंजारे समुदाय के लोगो का समस्त कार्यक्रम गुरुद्वारा से शुरू होता है। सगाई होने पर भी गुरुद्वारा जाया जाता है और तोड़ने के लिए भी गुरूद्वारे में समाज के सामने टूटती है। कोई रस्म सगाई तोड़ने की नही होने के बावजूद हम सबको धोखे में रख कर अजीतेश ने विवाह किया है।

हेमंत ने कहा कि साक्षी भी हमारी बेटी समान है, हम उसको सिर्फ शुभकामनाये दे सकते है और उज्वल भविष्य की कामना कर रहे है। मगर हमारे साथ जो छल हुआ है उसका क्या ? हमको सिर्फ अजितेश अथवा उसका परिवार इस बात को बता तो देता आखिर हमारे अन्दर कौन सी कमी रह गई थी जो चार समाज में हमको यु शर्मिदगी उठानी पड़ी है। हम आज भी क़र्ज़ में है। हमने तो क़र्ज़ सिर्फ इस लिए लिया था कि बेटी रुखसत हो जायेगी और जब हम रिटायर्ड होंगे तो पीएफ से मिले पैसो से क़र्ज़ भर देंगे। अभी तो बेटी के भविष्य पर जहा प्रश्न चिन्ह लगा है वही क़र्ज़ सर पर खड़ा है और हमको अभी तक पेंशन भी नही मिली है।

बेटी से नहीं मिला पा रहा हु नज़रे

हेमंत नायक और उनकी पत्नी ने बड़े अरमानो के साथ अपनी बेटी की सगाई किया था। पूरी तरह से अरेंज मैरेज के लिए संस्कारों के साथ पलकर बड़ी हुई बेटी ने कोई आपत्ति नही किया और माँ पिता के फैसले को सर आँखों पर लगा लिया। हेमंत नायक कहते है कि आज स्थिति ऐसी हो चुकी है कि खुद की बेटी से नज़रे चुराना पड़ता है। बेटी जुबांन से तो कोई सवाल नही कर रही है। मगर उदास चेहरे और सवाल पूछती निगाहों के बीच बेटी से खुद की नज़रे नही मिला पा रहा हु। लोग सवाल पूछते है कि ये क्या हुआ तो जवाब हमारे पास नही है। मीडिया के कई लोग आकर हमारे साक्षात्कार लेकर जा रहे है। मगर हमारे दिल पर जो जख्म है वह कोई नही देख पा रहा है।

साक्षी-अजीतेश की शादी, मगर इस बेटी का क्या ?

साक्षी और अजितेश अब पति पत्नी है। अदालत ने उनके विवाह को वैध माना है और उनको पति पत्नी माना है। उत्तर प्रदेश के प्रशासन से दोनों नवविवाहित जोड़े हेतु सुरक्षा का भी निर्देश जारी किया है। मगर इस सबके बीच एक बेक़सूर हेमंत नायक की बेटी का क्या कसूर हो गया। एक लड़की जिसकी सगाई हो जाती है वह अपने मंगेतर में खुद के सपनो का शहजादा तलाशती है। पिछले तीन सालो से जिसको वह अपना समझ रही थी, आज अचानक उस बेटी को पता चला है कि वह तो उसका अपना है ही नही। अमूमन ऐसी स्थिति में लडकिया डिप्रेशन का शिकार हो जाती है। हमको नही मालूम कि इस खबर का कितना असर दिलो दिमाग पर उस बेटी के पड़ा है। मगर असर तो होगा ही न।

वही दूसरी तरफ खुद को ठगा सा महसूस करने वाला एक रिटायर्ड बाप है। जो बेटी की आलीशान सगाई में क़र्ज़ में डूब चूका है। क़र्ज़ लेकर बेटी को रुखसत करने का सपना देखे इस बाप की स्थिति तो ऐसी है कि वर पक्ष के आलीशान की फरमाईश पर यह बाप खुद क़र्ज़ में डूब चूका है। घर की रोटी शायद बेटे की प्राइवेट नौकरी से चल रही होगी क्योकि पेंशन अभी तक मध्य प्रदेश सरकार ने दिया नहीं है। इन सबके बीच ऐसा लम्हा देखना पड़ा। इस स्थिति का हम अंदाज़ कर सकते है। हेमंत नायक ने हमको कई तस्वीरे सगाई की व्हाट्सअप पर भेजी है। हम उसमें से सिर्फ 2 तस्वीरो का इस्तेमाल यहाँ कर रहे है। तस्वीरे बयान कर रही है कि हेमंत नायक के दावे खोखले नही है। मगर सवाल अभी भी अधुरा है कि एक बेटी साक्षी को इन्साफ मिल रहा है और लोग उसके साथ खड़े दिखाई दे रहे है। मगर एक और बेटी भोपाल में अपनी आखो से छुप छुप के अश्क सिर्फ इस लिए बहा रही होगी कि उसके माँ बाबा को और तकलीफ न पहुचे, उस बेटी को इन्साफ कैसे मिलेगा ?

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