शहीद का परिवार रह रहा था टूटी झोपड़ी ने, 27 साल तक नही किया सरकार ने सहायता तो ग्रामीणों ने खुद मिलकर बनवा दिया आलीशान मकान

आफताब फारुकी

मध्यप्रदेश के देपालपुर के पीर पीपलिया गांव के लोगों ने कुछ ऐसा किया जिसको देखकर आपके चेहरे पर भी मुस्कान आ जाएगी। पीर पीपलिया गांव के रहने वाले हवलदार मोहन सिंह सुनेर त्रिपुरा में बीएसएफ की ओर से आतंकियों से लड़ते हुए शहीद हो गये।

27 साल से उनका परिवार गांव में इस टूटे फूटे कच्चे मकान में रहने को मजबूर था। सरकार ने उनकी कभी सुध नहीं ली। कुछ दिनों पहले गांववालों ने चंदा जुटाया, 11 लाख रूपये जमा किये और शहीद की विधवा राजू बाई को ये घर रक्षाबंधन के दिन तोहफे में दिया।

तोहफा देने का तरीका भी शानदार, बहन ने अपने भाइयों के हाथ पर सवार होकर अपने नये घर में गृहप्रवेश किया। सीमा सुरक्षा बल में तैनात मोहन लाल सुनेर का परिवार मजदूरी कर के अपना पेट पाल रहा था, क्योंकि 700 रुपये की पेंशन तीन लोगों के लिये पर्याप्त नहीं थी। जिसे देखकर गांव के नौजवानों ने एक अभियान शुरू किया और देखते ही देखते 11 लाख रुपए जमा कर लिए इससे मकान तैयार हो गया और पिछले साल की तरह इस साल भी उन्होंने शहीद की पत्नी से राखी बंधवाकर उन्हें रक्षाबंधन के तोहफे में नये घर की चाबी सौंप दी। गांववालों ने पीरपिपल्या मुख्य मार्ग पर शहीद की प्रतिमा लगाने की योजना भी बनाई है, साथ ही जिस सरकारी स्कूल में उन्होंने पढ़ाई की है, उसका नाम भी उनके नाम पर करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।

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