आसमान की तरफ टकटकी लगाए बैठे किसान

मुकेश कुमार

चचाईपार (मऊ) सावन का महीना रिमझिम बारिश का महीना होता है लेकिन यह सावन तो कड़ी धूप काअर्थात फीका सावन हो गया क्योंकि छ: बजे ही इतनी तेज धूप हो जा रही है आदमी की हालत खराब हो जा रही है तो पशु पक्षी और पेड़-पौधों की क्या स्थिति होगी इधर आसमान में बादल तो रोज लगते हैं लेकिन बारिश नहीं उमस अपने चरम सीमा पर है

किसान धान की रोपाई कर बारिश की आस लगाए बैठे हैं क्योंकि किसी तरह ट्यूबवेल और नहर से तो रोपाई हो गई लेकिन आज इतनी तेज धूप हो रही है की धान की खेती होना मुश्किल ही दिखाई दे रहा है क्योंकि बिना बारिश ट्यूबेल से तो खेती होना बहुत मुश्किल है क्योंकि समय से विद्युत ही नहीं रहेगी विद्युत की समस्या बहुत बृहद है

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