उन्नाव बलात्कार पीडिता दुर्घटना प्रकरण में सीबीआई की दर्ज ऍफ़आईआर में उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री का दामाद भी नामज़द

करिश्मा अग्रवाल

नई दिल्ली: रायबरेली में तेज गति से जा रहे एक ट्रक ने रविवार को एक कार को टक्कर मार दी थी, जिसमें भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली युवती, उसकी रिश्तेदार और वकील सवार थे। इस घटना में पीड़िता की दो रिश्तेदारों की मौत हो गई थी, जबकि पीड़िता एवं वकील गंभीर रूप से घायल हो गये और वे अस्पताल में भर्ती हैं।

इस प्रकरण में सीबीआई द्वारा दर्ज करवाए गये मुक़दमे में कुलदीप सिंह सेगर सहित जिन 10 लोगो को सीबीआई ने मुकदमा दर्ज किया है उनमे भाजपा विधायक और उत्तर प्रदेश के मंत्री रणवेंद्र प्रताप सिंह ‘धुन्नी’ के दामाद अरुण सिंह का भी नाम शामिल है। अरुण सिंह उन्नाव में नवाबगंज पंचायत समिति के ब्लॉक प्रमुख हैं। हुसैनगंज विधानसभा क्षेत्र से विधायक उनके ससुर रणवेंद्र सिंह उत्तर प्रदेश सरकार में कृषि, कृषि शिक्षा और कृषि अनुसंधान मंत्री हैं।

उन्नाव बलात्कार पीड़िता के साथ हुई दुर्घटना के मामले में अरुण सिंह का नाम आने के बारे में पूछे जाने पर प्रदेश भाजपा प्रवक्ता हरीश श्रीवास्तव ने कहा, योगी आदित्यनाथ के शपथ लेने के बाद उन्होंने कहा था कि अब से कानून की आंखों में आम और खास सब बराबर होंगे। भाजपा सरकार उस बयान के साथ खड़ी है। उन्होंने कहा, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है कि कोई कितना प्रभावशाली है, अगर वे अपराध में शामिल पाए जाएंगे तो कानून के प्रावधानों के अनुसार उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

बुधवार को एफआईआर दर्ज करने के कुछ ही घंटों बाद पुलिस अधीक्षक रैंक के एक अधिकारी के नेतृत्व सीबीआई की एक टीम ने फोरेंसिक एक्सपर्ट की टीम के साथ रायबरेली स्थित दुर्घटनास्थल का दौरा किया। वहां से फोरेंसिक टीम ने जांच नमूने इकट्ठा किए। टीम ने हादसे में शामिल ट्रक की तलाशी ली जो कि दुर्घटनास्थल से कुछ ही दूर खड़ी है।

शुरू से ही इस प्रकरण में गवाहों और पीडिता के साथ अत्याचार होने का आरोप पीड़ित पक्ष लगाता रहा है। इसी कड़ी में पिछले साल इस मामले के एक गवाह की कथित तौर पर बीमारी से मौत हो गई है। मृतक का नाम यूनुस था और कथित बलात्कार पीड़िता के चाचा के मुताबिक यूनुस पीड़िता के पिता को भाजपा विधायक के भाई तथा अन्य लोगों द्वारा बेरहमी से पीटा जाने का गवाह था। इस संबंध में पीड़ित लड़की के चाचा ने उन्नाव के पुलिस अधीक्षक को एक पत्र लिखकर आरोप लगाया था कि यूनुस के शव को पोस्टमॉर्टम कराए बगैर दफना दिया गया। उसके शव को कब्र खोदकर निकलवाया जाना चाहिए और पोस्टमॉर्टम कराया जाना चाहिए ताकि उसकी मौत का असली कारण पता लग सके। हालांकि, यूनुस के भाइयों रईस और जान मोहम्मद ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय जाकर बताया था कि उनके भाई की मौत लीवर की बीमारी की वजह से हुई है। इसके बाद लाश का पोस्टमार्टम नही हुआ था।

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