फर्रुखाबाद प्रेस क्लब के तत्वाधान में हिन्दी दिवस का हुआ आयोजन

रॉबिन कपूर

फर्रुखाबाद। “हिन्दी है तो हैं हम, बिन हिन्दी हम क्या हैं, हिन्दी से बढ़ती देश की शान, इससे ही होगा हमारा सम्मान….“ के भाव के साथ फर्रुखाबाद प्रेस क्लब के तत्वाधान में हिन्दी दिवस के अवसर पर हिन्दी की समकालीन कविता एवं साहित्यिक पत्रकारिता पर आयोजित कार्यक्रम में हिन्दी पुरोधाओं ने कहा कि हिन्दी ने हमें दुनियाभर में पहचान दिलाई है। भारत ही नहीं बल्कि दुनिया भर के कई देशों में हिन्दी बोली जाती है। हिन्दी विश्व की प्राचीन, समृद्ध और सरल भाषा है। इस दौरान हिन्दी पुरोधाओं ने ’अंग्रेजी पढि़ के जदपि, सब गुन होत प्रवीन पर निज भाषा-ज्ञान बिन रहत हीन के हीन’ की पंक्तियों को रेंखांकित करते हुए एक मत से हिन्दी भाषा को राष्ट्रभाषा का दर्जा दिलाए जाने की मांग की। इस दौरान मुख्य अतिथि नगर मैजिस्ट्रेट आरए चौहान ने हिन्दी भाषा को रेखांकित करने के साथ ही हिन्दी में उत्कृष्ट योगदान देने वाले साहित्यकारों, कवियों एवं पत्रकारों को स्मृति चिन्ह व प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।

नगर के लालसरायं स्थित कलमकार भवन में फर्रुखाबाद प्रेस क्लब के तत्वाधान में हिन्दी दिवस पर “काव्योत्सव“ का जिले में ऐतिहासिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि नगर मैजिस्ट्रेट रामअक्षवर चौहान ने दीप प्रज्जवलित व मां सरस्वती के चित्र पर मार्ल्यापण कर किया। इससे पूर्व मुख्य अतिथि नगर मैजिस्ट्रेट आरए चौहान ने फर्रुखाबाद प्रेस क्लब के नवनिर्मित भवन का रिबन काटकर उद्घाटन करते हुए कहा कि फर्रुखाबाद प्रेस क्लब के अध्यक्ष सर्वेन्द्र कुमार अवस्थी ने जिले के पत्रकारों को एक छत के नीचे लाकर बहुत बड़ा काम किया है। श्री अवस्थी ने बिना किसी की सहायता के निज संसाधनों से आवश्यक सुविधाओं से लैस फर्रुखाबाद प्रेस क्लब को बना कर बहुत ही बड़ा क्रांतिकारी कार्य किया है। जिसकी जितनी प्रशंसा की जाए वो कम है। काव्योत्सव की अध्यक्षता कर रहे डा. शिवओम अंबर ने काव्यपाठ करते हुए कहा कि बहुत बेकल हूं घबराई हूं कि मैं अपनो से ठुकराई हुई हूं। कवि इंदू शर्मा ने कहा कि संस्कृति का भार भारतीय ध्वज दण्ड, हिन्दी पूज्यनीय मान्यनीय देवनागरी।

मंच का संचालन कर रहे महेशपाल सिंह ’उपकारी’ ने कहा कि जैसे साधना नारी शोभित होती है बिंदी से वैसे ही हिन्दुस्तान सुशोभित होता है हिन्दी से। प्रीती पवन तिवारी ने कहा कि दिलों के दुखते जख्मों पर दवा का काम करती है, तेरी मुस्कान गर्मी में हवा का काम करती है। इस दौरान कार्यक्रम आयोजक व फर्रुखाबाद प्रेस क्लब के अध्यक्ष सर्वेन्द्र कुमार अवस्थी ने आए हुए अतिथियों का आभार व्यक्त करने के साथ ही कहा कि वैसे तो भारत विभिन्नताओं वाला देश है। यहां हर राज्य अपनी सांस्कृतिक, राजनीतिक और एतिहासिक पहचान है। यही नहीं सभी जगह बोली भी अलग है।

इसके बावजूद हिन्दी भारत में सर्वाधिक बोले जाने वाली भाषा है। यही वजह कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने हिन्दी जनमानस की भाषा कहा था। इस इस अवसर पर निमिष टंडन, उपकार मणि ’उपकार’, शालिनी वर्मा बैयार, रामशंकर अवस्थी, गीता भारद्वाज, उत्कर्ष अग्निहोत्री, वासू पाण्डेय, अंजना कुमार (कानपुर), देवेश दीक्षित, राखी सिंह शब्दिता (आगरा), शिवओम चौहान,दीक्षा दीक्षित आदि कवियों ने काव्य पाठ कर हिन्दी भाषा को रेंखाकित किया।

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