दीवाली आते ही सक्रीय हो गए जुआरी, लगने लगे दांव, पलिया, चंदन चौकी और निघासन के फंडों पर लगने लगी भीड़

फारुख हुसैन

पलिया कलां खीरी. दीवाली का त्योहार आते ही जुआरी सक्रिय हो गए हैं। हर गांवों में जुआरियों का कारोबार शुरू हो चुका है। सूत्रों की माने तो पलिया कोतवाल व चंदन चौकी क्षेत्र के गांवों में लाखों का जुआ हो रहा है। इन्हें पकडऩे कोई भी प्रयास नहीं कर रही है।

धन की देवी लक्ष्मी का त्योहार दीपावली को अब पखवाड़े भर शेष रह गया है। इस त्योहार में धन दुगुना करने यानी जुआं में दांव लगाने वालों की संख्या गांवों में अधिक रहती है। जुआ खेलाने वालों का गैंग पूरी तरह से कमर कसकर तैयार हो चुका है। जुआ खिलाने वालों का गैंग पहले ही सेटिंग कर अपनी तैयारी में हैं।

मोबाइल के इशारे पर पूरा काम-

जंगल के मुहाने से लेकर मौके तक तकरीबन आधा दर्जन वॉच मेन तैनात रहते हैं, जो जुआ खेलाने वाले को मोबाइल पर लाइव रिपोटंग करते हैं। किसी भी संदिग्ध व्यक्ति के जंगल में घुसने की ताजा जानकारी जुआ संचालक को मोबाइल पर उपलब्ध हो जाती है। दिलचस्प बात यह है कि वॉचमेन अपने हर जुआरी ग्राहकों को पहचानता है। बिना पहचान का व्यक्ति जंगल के अंदर घुसते ही जुआरी तीतर बीतर हो जाते हैं।

खाने पीने सहित तमाम सुविधा-

जुआ अड्डे में जुआरियों के लिए सारी व्यवस्थाएं रहती हैं। नानवेज खाने वाले को मटन, चिकन भी मौके पर ही उपलब्ध कराया जाता है। भोजन के बदले जुआरियों को कीमत अदा करनी पड़ती है। मौके पर गुटका, पाउच और शराब भी उपलब्ध होता है। जुआरी दांव लगाते हैं और जब उसे जिस चीज की जरूरत होती है वह पा लेता है। सप्ताह में एक बार जुआरियों के लिए बकरा भी काटा जाता है। इस दिन शाकाहारी जुआरियों के लिए बाकायदा खीर पुड़ी की व्यवस्था की जाती है।

साहूकार भी उपलब्ध-

जुआरी अगर मौके पर जुआ में पैसे हार जाता है तो उसे साहूकार ब्याज में पैसे भी उपलब्ध करा देता है। बताया जाता है कि जुआरी को 10 प्रतिशत प्रति दिन के हिसाब से यहां ब्याज पर पैसा मिलता है।

हमारी निष्पक्ष पत्रकारिता को कॉर्पोरेट के दबाव से मुक्त रखने के लिए आप आर्थिक सहयोग यदि करना चाहते हैं तो यहां क्लिक करें


Welcome to the emerging digital Banaras First : Omni Chanel-E Commerce Sale पापा हैं तो होइए जायेगा..

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *