योगी राज में दर दर की ठोकरें खाते गौवंशीय पशु

वरुण जैन

स्वार। उपजिलाधिकारी के निर्देशों के बावजूद भी सड़कों पर आवारा घूमने वाले गौवंशीय पशुओं के संरक्षण की नगर पंचायत प्रशासन ने कोई व्यवस्था नहीं की है। बीते दिन उपजिलाधिकारी   अधिशासी अधिकारी आवारा घूमने वाले गौवंशीय पशुओं को आश्रय स्थल में रखने के सख्त निर्देश भी दिए थे। लेकिन एसडीएम के निर्देशों को भी अधिशासी अधिकारी ने हवा में उड़ा दिया।

गौवंशीय पशुओं की देखरेख व उनकी सुरक्षा के लिए योगी सरकार बेहद सख्त है। जिसके लिए सभी नगरों में उनके लिए आश्रय स्थल बनाये गए हैं। जहाँ सड़कों पर आवारा घूमने वाले गौवंशीय पशुओं की सुरक्षित रखा जा सके। लेकिन नगर पंचायत प्रशासन गौवंशीय पशुओं की सुरक्षा के प्रति बिल्कुल भी सजग नहीं है। नगर पंचायत प्रशासन की उदासीनता के चलते पूर्व में भी एक गौवंशीय पशु का वध हो चुका है। गौवंशीय पशुओं की सुरक्षा के प्रति लापरवाह हुई आदर्श नगर पंचायत प्रशासन पर न तो सरकार के और न ही किसी अधिकारी के निर्देशों का कोई असर होता है। जिसके चलते गौवंशीय पशुओं पर हर समय खतरा बना रहता है।

यहाँ बता दे कि बीते दिन लॉक डाउन के निरक्षण पर निकले उपजिलाधिकारी राकेश गुप्ता ने जब सड़क पर आवारा घूमते हुए गौवंशीय पशुओं को देखा तो अधिशासी अधिकारी अवदेश मिश्रा की जमकर फटकार लगाई थी। जानकारी पर पता चला कि नगर पंचायत ने आवारा घूमने वाले गौवंशीय पशुओं के लिए आश्रय स्थल बना हुआ है। लेकिन यह आश्रय स्थल केवल दिखावे के लिए है। यहाँ गौवंशीय पशुओं के रख रखाव की कोई व्यवस्था नहीं है। उपजिलाधिकारी ने सभी आवारा गौवंशीय पशुओं को आश्रय स्थल में रखने के निर्देश भी दिए थे। उपजिलाधिकारी ने नगर पंचायत क्षेत्र में बने आश्रय स्थल का निरक्षण भी किया था। लेकिन अधिशासी अधिकारी ने  उपजिलाधिकारी के सख्त निर्देशों को हवा में उड़ा दिया। जिसके चलते गौवंशीय पशु अभी भी दर दर की ठोकरे खाने को मजबूर हैं।

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