वो कहता था कि “जुगनू को देखकर ताले मुस्कुराते है,” मगर थानेदार साहब न समझे और पुलिस अभिरक्षा से हो गया जुगनू फुर्र

आदिल अहमद/ मो० कुमेल
कानपुर। कल रविवार को चमनगंज पुलिस ने जावेद उर्फ जुगनू को गिरफ्तार किया था जिसके पास से एक अवैध तमंचा व नाजायज़ चरस बरामद हुई थी। जुगनू एक शातिर चोर है। उसका डायलाग है कि “जुगनू को देख कर ताले मुस्कुराते है।” जुगनू पर अभी तक कुल 37 गंभीर मामलों में मुकदमे दर्ज है। कल गिरफ्तारी के बाद 38वा मामला दर्ज हो गया। चमनगंज पुलिस अपनी इस सफलता पर खुद की पीठ थपथाप कर वाहवाही कर रही थी कि अचानक जुगनू पुलिस अभिरक्षा से फुर्र हो गया।
मिले समाचार के अनुसार कल रविवार को जुगनू उर्फ जावेद को चमनगंज पुलिस ने चरस और अवैध असलहे के साथ हिरासत में लिया था। जिसके बाद जावेद उर्फ जुगनू के खिलाफ कार्यवाही करते हुए जुगनू को आज सोमवार को न्यायालय में पेश करना था। पुलिस  पुलिस सुबह होने का इंतजार कर रही थी कि सुबह होते ही जावेद उर्फ जुगनू को माननीय न्यायालय में पेश करेंगे। लेकिन जुगनू पुलिस के अरमानों पर पानी फेर दिया और दिल के अरमा आंसुओ में बह गए जुगनू सुबह करीब 8 बजे मौका देखकर फरार हो गया।
जुगनू के फरार हो जाने की जानकारी मिलते ही पुलिस महकमे में हड़कम्प मच गया। जिसके बाद से ही पुलिस लगातार जुगनू के ठिकानों पर दबिश दे रही हैं और साथ ही साथ आरोपो का भी दौर जारी हो गया है।
पुलिसिया सूत्रों की माने तो कुछ लोग रात्रि मुंशी को दोषी मान रहे हैं कि मुंशी ने उसको हवालात में न डालकर उसको मुंशियाने में बैठाया था, लेकिन वहीं जानकारों की माने तो कहीं न कहीं थानेदार की भी लापरवाही भी सामने आ रही कि आखिर अगर मुंशी ने उसको हवालात में नही डाला था तो थानेदार क्या कर रहे थे। उन्होंने क्यूँ नही जुगनू को हवालात में डाला। आखिर थानेदार कहाँ थे ?
वही कुछ सूत्रों का यह भी कहना है कि जुगनू हवालात का ताला तोड़कर फरार हो गया। अब सवाल यह भी उठता है कि अगर जुगनू हवालात का ताला तोड़कर फरार हुआ तो हवालात में बंद जुएं के 5 आरोपियों में कोई क्यूँ नही फरार हुआ।  सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिस हवालात का जुगनू द्वारा ताला तोड़े जाने की बात सामने आ रही है उसी हवालात में 5 और जुएं के आरोपी बन्द थे उनमें से कोई भी फरार नही हुआ। ताला तोड़े जाने की बात भी थानेदार के एक बहुत करीबी पत्रकार द्वारा ही समाचार ग्रुपो में कही गई है। तो हो सकता हैं कि यह बात भी सही भी हो कि जुगनू ताला तोड़कर भागा और किसी ने न ही ताला टूटने की आवाज़ सुनी और न ही किसी को भनक लगी। जुगनू फरार हो गया।
 खैर अब तो ये जांच का विषय है कि आखिर इसका जिम्मेदार कौन है ? और थानेदार कितने लापरवाह हैं। थानेदार की लापरवाही इसलिए लाज़मी है कि उन्होंने जो प्रेस नोट जारी किया था, उसमें उन्होने जुगनू चोर का एक डायलॉग भी लिखा है कि “जुगनू को देखकर ताले भी मुस्कुराते हैं।” साहेब जब आपको पता था कि जुगनू को देखकर ताले मुस्कुराते हैं तो सुरक्षा में लापरवाही क्यूँ हुई ? अब देखना यह है कि थानेदार पर कार्यवाही होती है या केवल मात्र सिपाहियों पर ही सारे आरोप थोप दिये जाएंगे।

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