अमेठी – दलित प्रधानपति को जिंदा जलाया, अस्पताल ले जाते समय हुई मौत, पांच नामज़द में तीन गिरफ्तार, दो फरार, सभी मांगो पर आश्वासन के बाद हुआ अंतिम संस्कार

आफताब फारुकी

अमेठी: केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के संसदीय क्षेत्र अमेठी के एक गांव में एक दलित प्रधान के पति को ज़िंदा जलाने का मामला सामने आया है। पीड़ित शख्स 90 फीसद जली हालत में गांव के ही एक ऊंची जाति के शख्स के घर के हाते में मिले, लेकिन अस्पताल जाते हुए उनकी मौत हो गई। प्रधान ने गांव के ही पांच लोगों पर पति को जिंदा जलाने का आरोप लगाया है। परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया है। इस मामले में अब तक तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।

घटना के सम्बन्ध में प्राप्त जानकारी के अनुसार अमेठी के बंदुहिया गांव की प्रधान छोटका के पति अर्जुन गुरुवार शाम करीब साढ़े छह बजे गांव के चौराहे पर चाय पीने गए थे। वहां से वो गायब हो गए। प्रधान छोटका का आरोप है कि गांव के कृष्ण कुमार तिवारी और उनके चार साथी उन्हें चौराहे से उठा ले गए और अपने घर के हाते में जिंदा जला दिया। उनका आरोप है कि कृष्ण कुमार उन्हें धन उगाही के लिए धमकी देते थे। उनका कहना था कि प्रधान के पास काफी सरकारी पैसा होता है। उन्हें उसमें से “कट” दिया जाए। उनका कहना है कि उनके पास ऐसा कोई पैसा नहीं है, जिसमें उन्हें हिस्सा दिया जाता। इसलिए रंजिश में उन्होंने उन्हें जल दिया।

अमेठी के एसपी दिनेश सिंह ने इस घटना के सम्बन्ध में जारी बयान में कहा है कि पुलिस को कल रात करीब 12 बजे सूचना मिली कि प्रधानपति अर्जुन जली हालत में कृष्णा कुमार के अहाते में पड़े हैं। उन्हें फौरन लोकल पीएचसी में प्राथमिक उपचार के लिए ले जाया गया। वहां से उन्हें सुल्तानपुर ज़िला अस्पताल में रेफर किया गया। आज सुबह जब उन्हें वहां से बेहतर इलाज के लिए लखनऊ ले जाया जा रहा था, तभी रास्ते में उनकी मौत हो गयी।

अर्जुन के घर वालों ने जली हुई हालत में उनका बयान मोबाइल फ़ोन में रिकॉर्ड किया है, जिसमें वह गांव के ही पांच लोगों का नाम ले रहे हैं जिन्होंने उन्हें जलाया था। बयान में इन पांच लोगों- केके तिवारी, आशुतोष, राजेश, रवि और संतोष- के नाम लिए गए हैं। प्रधानपति के घर वालों की तहरीर पर पुलिस ने पांचों आरोपियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया है। खबर लिखे जाने के वक़्त तक पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।

सभी मांगो पर आश्वासन के बाद हुआ अंतिम संस्कार

ताज़े घटनाक्रम में शुक्रवार को पूरे दिन मृतक के घर जिले के पुलिस अधिकारियों ,राजस्व टीम, जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक सहित भीम आर्मी पार्टी व भारी संख्या में ग्रामीणों का तांता लगा रहा। लोगों के बीच यह बात भी फैली की मृतक की मृत्यु से पूर्व का कोई ऑडियो भी वायरल हुआ है जिसमें वह एक नाबालिग सहित पांच लोगों का नाम भी बता रहा है।

मामला गहराते देख पुलिस ने शव का अंतिम संस्कार कराना चाहा लेकिन परिजनों ने अपनी मांगों को पूरी होने से पहले अंतिम संस्कार को मना कर दिया। परिजनों व भीम आर्मी पार्टी के लोगों ने अधिकारियों के सामने परिवार को सुरक्षा मुहैया कराने के साथ शस्त्र लाइसेंस, पांच लाख किसान बीमा, आठ लाख बारह हजार एस सी, एस टी एक्ट की अनुग्रह राशि, तीन बीघे जमीन व अभियुक्तों की गिरफ्तारी आदि की मांग की।

उच्चाधिकारियों ने परिजनों की समस्त मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया व शुक्रवार शाम तक ही नाबालिग समेत पांचों अभियुक्तों में तीन अभियुक्त गिरफ्तार भी कर लिए। जिसके बाद शनिवार सुबह परिजनों ने मृतक का अंतिम संस्कार कर दिया। अंतिम संस्कार गांव के ही बाग में किया गया। मौके पर उपजिलाधिकारी अमेठी योगेंद्र सिंह, तहसीलदार अमेठी, कानून गो, लेखपाल व सी ओ सन्तोष सिंह, कोतवाली अमेठी प्रभारी श्याम सुंदर, कोतवाली गौरीगंज प्रभारी अरुण कुमार, फुरसत गंज प्रभारी प्रेम चन्द्र सिंह, मुंशीगंज थानाध्यक्ष मिथिलेश कुमार सिंह व भारी पुलिस बल के साथ भीम आर्मी पार्टी के जिलाध्यक्ष अरुण कुमार, सेक्टर प्रभारी अयोध्या बसपा राम अभिलाष बौद्ध, बसपा के जिलाध्यक्ष दिलीप कुमार, बेसिक शिक्षक संघ के जिला महामंत्री राम सुमिरन के साथ बड़ी तादाद में ग्रामीण मौजूद रहे।

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