किसान आन्दोलन – आन्दोलनकारी किसान ने किया आत्महत्या, जाने घटना के बाद किसने क्या दिया प्रतिक्रिया

आफताब फारुकी

नई दिल्ली: नोएडा से दिल्ली आने वाली सड़क सिंघू बॉर्डर पर कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों में से करनाल के एक किसान की आत्महत्या करने की खबर मिली है। सिंघू बॉर्डर पर आत्महत्या करने वाले किसान ने सुसाइड नोट भी छोड़ा है। मिली जानकारी के मुताबिक, करनाल से आए संत बाबा राम सिंह ने खुद को गोली मारकर खुदकुशी की है। सुसाइड नोट में चल रहे किसान आंदोलन के प्रति सरकार के रवैये को लेकर बात कही है। 65 वर्षीय संत बाबा राम सिंह नानकसर, सिंघड़ा की जगह पर एक गुरुद्वारे के प्रमुख थे। उन्होंने सुसाइड नोट में किसानों के नए कृषि कानूनों को लेकर चल रहे संघर्ष के ऊपर चिंता जताया और सरकार के रवैये से आहत थे।

मृतक ने अपने सुसाइड नोट में लिखा है, ‘मैं किसानों की तकलीफ को महसूस करता हूं जो अपने अधिकारो के लिए लड़ रहे हैं। मैं उनका दुख समझता हूं क्योंकि सरकार उनके साथ न्याय नहीं कर रही। अन्याय करना पाप है, लेकिन अन्याय सहन करना भी पाप है। किसानों के समर्थन में कुछ लोगों ने सरकार को अपने पुरस्कार लौटा दिए। मैंने खुद को ही कुर्बान करने का फैसला किया है।’ पुलिस ने बताया कि 65 वर्षीय बाबा राम सिंह ने खुद को गोली मार ली। सोनीपत के डेप्यूटी पुलिस कमिश्नर श्याम लाल पूनिया ने बताया, ‘उन्हें पानीपत के पार्क अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।’ उन्होंने कहा कि उनके पार्थ‍िव शरीर को करनाल भेजा गया है जहां वो रहते थे।

क्या आई किसकी प्रतिक्रिया

प्रतिक्रियाओं के दरमियान कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि करनाल के संत बाबा राम सिंह जी ने कुंडली बॉर्डर पर किसानों की दुर्दशा देखकर आत्महत्या कर ली। इस दुख की घड़ी में मेरी संवेदनाएं और श्रद्धांजलि। कई किसान अपने जीवन की आहुति दे चुके हैं। मोदी सरकार की क्रूरता हर हद पार कर चुकी है। ज़िद छोड़ो और तुरंत कृषि विरोधी क़ानून वापस लो।

कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने घटना पर दुख जताते हुए मोदी सरकार पर प्रहार किया है। उन्होंने कहा है कि राजहठ आत्मघाती है क्योंकि ये देश की आत्मा-अन्नदाता की जान का दुश्मन बन बैठा है। सांसद रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट करके सिख संत के आत्महत्या करने पर दुख जताया। उन्होंने कहा कि कुंडली बार्डर पर किसानों के लिए संघर्षरत करनाल के संत राम सिंह की आत्महत्या बेहद दुखद है। विनम्र श्रद्धांजलि! मोदी जी, शीतलहर के बीच किसानों की भावनाओं से खिलवाड़ को तत्काल छोड़िए। ये राजहठ आत्मघाती है क्योंकि ये देश की आत्मा-अन्नदाता की जान का दुश्मन बन बैठा है।

शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने ट्वीटर पर कहा कि ”यह सुनकर दुख हुआ कि संत बाबा राम सिंह जी नानकसर सिंघरा वाले ने किसानों की पीड़ा को देखते हुए किसानों के धरने में सिंघू बॉर्डर पर खुद को गोली मार ली। संत जी के बलिदान को व्यर्थ नहीं जाने दिया जाएगा। मैं केंद्र सरकार से आग्रह करता हूं कि स्थिति को और खराब न होने दें और तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करें।”

शिरोमणि अकाली दल की नेत्री हरसिमरत कौर बादल ने ट्वीट करके मोदी सरकार को लताड़ा। उन्होंने कहा कि ”केंद्र सरकार यहां तक जिद्दी बनी हुई है और किसानों की पीड़ा को नकार रही है। बाबा राम सिंह जी सिंघरा वाले ने कुंडली सीमा पर अपने आसपास के लोगों के कष्टों को देखने में असमर्थ होने के बाद आत्महत्या कर ली है। आशा है कि केंद्र सरकार इस त्रासदी के बाद जागेगी और इससे पहले कि बहुत देर हो जाए तीनों कृषि कानूनों को वापस लेगी।”

कांग्रेस के नेता गौरव ने ट्वीट करके सिख संत के निधन पर दुख प्रकट किया। उन्होंने कहा कि  करनाल के संत राम सिंह जी सिंघरा, जिन्होंने आज आत्महत्या कर ली, के अंतिम शब्दों को पढ़ना बेहद दर्दनाक और चौंकाने वाला है। उन्होंने लिखा, “सरकार किसानों के साथ जो कर रही है वह अन्यायपूर्ण है और मैं इस अन्याय के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के रूप में अपना जीवन समाप्त कर रहा हूं।” ओम शांति। कांग्रेस की नेत्री कुमारी शैलजा ने ट्वीट किया- किसान आंदोलन में करनाल के संत बाबा राम सिंह जी की खुदकुशी करने की खबर मन को व्यथित करने वाली है। उन्हें मेरी भावभीनी श्रद्धांजलि। सरकार अपना अड़ियल रवैया छोड़कर तुरंत किसानों की मांगों को माने और कृषि विरोधी काले कानूनों को रद्द करे।

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