महंत पंडित लोकपति के परिवार के प्रतिनिधि ने डीएम वाराणसी को ज्ञापन देकर किया दावा – बाबा की असली रजत प्रतिमा है उनके पास, रंगभरी एकादशी पर हो उसकी स्थापना

उत्पल दादा

वाराणसी। मंगलवार को श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के पूर्व महंत पंडित लोकपति तिवारी के परिवार का एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यालय स्थित जिलाधिकारी के कार्यालय पहुंच कर 24 मार्च को रंगभरी एकादशी के अवसर पर पालकी यात्रा के संबंध में एक ज्ञापन सौंपा।

पंडित लोकपति तिवारी के पुत्र पंडित शशांक तिवारी ने बताया कि, जिलाधिकारी के व्यस्तता के कारण मुलाकात नहीं हो सकी, जिससे पर्व से संबंधित पत्र को उनके स्टेनो को दिया गया है, जिसकी प्रतिलिपि पुलिस अधीक्षक प्रोटोकॉल को और मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी को भी दी गई है। उन्होंने बताया कि पत्र में रंगभरी एकादशी के अवसर पर निकलने वाली पालकी यात्रा के संबंध में प्रशासन से न्याय उचित कार्रवाई करने की गुहार लगाया गया है। जिसको संज्ञान में लेते हुए प्रशासन द्वारा महंत परिवार के प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया गया।

पंडित लोकपति तिवारी द्वारा दिए गए ज्ञापन में कहा गया है की 24 मार्च को होने वाली रंगभरी एकादशी महोत्सव पर जिला प्रशासन को गुमराह करके उनके भाई कुलपति तिवारी ने एक डुप्लीकेट प्रतिमा बनवा कर बारात निकलने कि साजिश किया है, जबकि बाबा विश्वनाथ की असली रजत चल प्रतिमा मेरे आवास पर है।  अगर उनके द्वारा बाबा की कोई डुप्लीकेट प्रतिमा मंदिर में विराजमान करवाई गई तो इससे इस महान परंपरा को खंडित किया जाएगा जो धर्म के विरुद्ध है।

लोकपति तिवारी ने जिला प्रशासन से यह अपील की है कि जिस प्रकार बीते वर्ष में तीन परंपरा में से दो परंपराएं रक्षाबंधन और अन्नकूट महोत्सव पर्व पर दोनों व्यक्तियों को इस प्रकार आदेशित किया गया था की परंपराओं से संबंधित झूला पालकी सिंहासन इत्यादि और बाबा की रजत चल प्रतिमा जिसके पास है वह मंदिर में समय से उपलब्ध कराएं जिससे इन परंपराओं का निर्वहन किया जा सके। यह आदेश मंदिर प्रशासन द्वारा 2 अगस्त 2020 एवं 13 नवंबर 2020 को दोनों परिवार को दिया गया था। जब तक कि हमारे मामले का माननीय उच्च न्यायालय से कोई आदेश नहीं आता है, तब तक जिला प्रशासन के द्वारा बीते वर्ष की तरह ही कुछ ऐसा आदेश दिया जाए कि, पूर्व महंत लोकपति तिवारी के आवास में रखे गए रजत चल प्रतिमा को यात्रा स्वरूप श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में प्रवेश करने की अनुमति दी जाए।

उन्होंने काशी की जनता से भी अपील करते हुवे कहा है कि रंगभरी एकादशी महोत्सव के दिन काशी की जनता ही इसका फैसला करें की क्या बाबा की असली रजत चल प्रतिमा को रोक कर दुकान से खरीदी गई प्रतिमा को मंदिर में स्थापित करना है, अथवा असली प्रतिमा को स्थापित करना है।

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