मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दुसरे कार्यकाल की पहली वीडियो कांफ्रेसिंग में बहुत कुछ कर दिया स्पष्ट, प्रदेश में कानून का राज चलेगा, कानून से खेलने की इजाज़त किसी को नही होगी

तारिक़ आज़मी

कल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने दुसरे कार्यकाल में बहुत कुछ साफ कर दिया है। इस वीडियो कांफ्रेंसिंग के सार को अगर देखे तो मुख्यमंत्री ने नफरत के सौदागरी को लगाम लगा दिया है। इस वीडियो कांफ्रेंसिंग में साफ़ साफ़ बता दिया गया कि किसी को भी कानून से खेलने की इजाज़त नही होगी। गलत करने पर कार्यवाही होगी चाहे वह किसी भी पक्ष का हो। मुख्यमंत्री ने अपनी मंशा साफ़ ज़ाहिर कर दिया है कि अफवाह या फिर उन्मांद फ़ैलाने वाला किसी भी पक्ष का हो उसकी हरकत बर्दाश्त नही किया जायेगा और कड़ी कार्यवाही होगी।

बेशक मुख्यमंत्री के निर्देशों का सबसे बड़ा असर उनके ऊपर पड़ेगा जिनके मन में ये चल रहा था कि हम अपनी मनमानी करेगे और पक्ष विशेष का होने के कारण उनको रियायत मिलेगी और उनकी ही सिर्फ सुनी जाएगी। वो चाहे जैसा भी मनमानी करे तो उनकी चलेगी। मगर मुख्यमंत्री ने साफ़ साफ कह दिया कि पक्षपात तो नही होगा। प्रदेश में सिर्फ कानून का राज चलेगा और माहोल को बिगाड़ने के लिए किसी को भी ढील नही दिया जायेगा। मुख्यमंत्री ने साफ़ साफ़ निर्देश दिया कि कानून व्यवस्था से कोई समझौता नही होगा।

देखा गया कि बिना अनुमति के इस बार कई शहरों में उन्मांदी नवजवानो ने जुलूस खूब निकाला था। जिसके कारण आपसी सौहार्द बिगड़ने जैसे माहोल हो गए थे। मुख्यमंत्री ने अधिकारियो को साफ़ साफ़ कहा है कि बिना अनुमति के कोई भी शोभायात्रा या धार्मिक जुलूस नही निकलने दिया जाएगा। अनुमति भी केवल उन्हें दी जाएगी जो परंपरागत है। किसी नई परंपरा की शुरूआत नही होने देने के लिए उन्होंने अपने मतहतो को साफ़ साफ़ निर्देश दिए है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के तेवर इस बार सख्त थे। उन्होंने अलीगढ़, सहारनपुर और लखनऊ के गुडंबा की घटना पर नाराजगी जाहिर की और वरिष्ठ अधिकारियों को सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए।

लखनऊ में सरेशाम हुई फायरिंग की घटना में किसी पुलिस कर्मी पर कार्रवाई न करने पर नाराजगी जाहिर करते हुए मुख्यमंत्री ने गुडंबा के थाना प्रभारी को तत्काल निलंबित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि हल्के के दरोगा और बीट के सिपाहियों पर भी कार्रवाई की जाए और इस कार्रवाई से मुख्यमंत्री कार्यालय को अवगत कराया जाए। वहीं अलीगढ़ और सहारनपुर में अफवाह फैलाने वालों पर कार्रवाई न करने पर नाराजगी जाहिर की। इस वीडियो कांफ्रेंसिंग में मुख्यमंत्री ने साफ़ साफ कहा कि अपनी धार्मिक विचारधारा के अनुसार सभी को अपनी उपासना पद्धति को मानने की स्वतंत्रता है।

माईक को लेकर चल रहे अजीब-ओ-गरीब विवाद पर मुख्यमंत्री ने अपना नजरिया साफ़ कर दिया और मतहतो को स्पष्ट निर्देश दे दिया कि माइक का प्रयोग किया जा सकता है। लेकिन यह सुनिश्चित हो कि माइक की आवाज़ उस परिसर से बाहर न आए। अन्य लोगों को कोई असुविधा नहीं होनी चाहिए। नए स्थलों पर माइक लगाने की अनुमति न दी जाए। हर त्यौहार शांति और सौहार्द के साथ संपन्न हो। इसके लिए स्थानीय जरूरतों को देखते हुए सभी जरूरी प्रयास किए जाएं। शरारतपूर्ण बयान जारी करने वालों के साथ कड़ाई से पेश आएं। माहौल खराब करने की कोशिश करने वाले अराजक तत्वों के साथ पूरी कठोरता की जाए। ऐसे लोगों के लिए सभ्य समाज में कोई स्थान नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि धार्मिक कार्यक्रम, पूजा-पाठ निर्धारित स्थान पर ही हों। यह सुनिश्चित करें कि सड़क मार्ग, यातायात बाधित कर कोई धार्मिक आयोजन न हो।

मुख्यमंत्री ने कहा कि तहसीलदार, एसडीएम, सीओ व थानाध्यक्ष सभी अपनी तैनाती के क्षेत्र में ही रात्रि विश्राम करें। शासकीय आवास है तो वहां रहें नहीं तो किराए का आवास लें। लेकिन रात्रि में अपने ही क्षेत्र में रहें। इस व्यवस्था का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराने को निर्देश मुख्यमंत्री ने दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हालिया दिनों में विभिन्न धर्मों के कई पवित्र पर्वों का आयोजन हुआ। यह सुखद है कि पूरे प्रदेश में शांति और सौहार्द का माहौल बना रहा। उत्तर प्रदेश में हर एक नागरिक की सुरक्षा हम सभी की पहली जिम्मेदारी है। हमें अपनी इस जिम्मेदारी के प्रति सदैव सतर्क व सावधान रहना होगा। संवेदनशील क्षेत्रों में अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती, ड्रोन का उपयोग कर स्थिति पर नजर रखने और प्रतिदिन शाम को पुलिस बल फुट पेट्रोलिंग जरूर करें। पीआरवी 112 भी सक्रिय रहे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले दिनों में कई महत्वपूर्ण धार्मिक पर्व त्योहार हैं। रमजान का महीना चल रहा है। ईद का त्योहार और अक्षय तृतीया एक ही दिन होना संभावित है। ऐसे में वर्तमान परिवेश को देखते हुए पुलिस को अतिरिक्त संवेदनशील रहना होगा। थानाध्यक्ष से लेकर एडीजी तक अगले 24 घंटे के भीतर अपने अपने क्षेत्र के धर्मगुरुओं, समाज के अन्य प्रतिष्ठित जनों के साथ सतत संवाद बनाएं। मुख्यमंत्री ने 4 मई तक सभी पुलिस अधिकारियों व कर्मियों की छुट्टियां निरस्त करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि थानाध्यक्ष, सीओ और पुलिस कप्तान से लेकर जिलाधिकारी, मंडलायुक्त तक सभी प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों का अवकाश तत्काल प्रभाव से निरस्त होगा। जो वर्तमान में अवकाश पर हैं व अगले 24 घंटे के भीतर तैनाती स्थल पर वापस लौटें।

इस दुसरे कार्यकाल के पहले वीडियो कांफ्रेंसिंग में मुख्यमंत्री ने स्पष्ट रूप से यह मंशा ज़ाहिर कर दिया है कि किसी को कानून से खिलवाड़ की अनुमति नही रहेगी। देखा गया कि सरकार के गठन होने के बाद से ही कुछ उन्मादियो ने कानून से खेलने की कोशिश किया था। मगर मुख्यमंत्री ने उनकी मंशाओं पर ही पूर्ण विराम लगाते हुवे साफ़ कर दिया कि कार्यवाही होगी भले वह किसी भी पक्ष का हो। बेशक सियासी जानकारी इसको राजधर्म से जोड़ कर देख रहे है। बेशक मुख्यमंत्री के इन फरमानों की हर एक हलके में चर्चा और तारीफ के साथ स्वागत होना चाहिए।

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