आईपीएस देवेंद्र सिंह चौहान बने उत्तर प्रदेश के कार्यवाहक डीजीपी, मुख्यमंत्री के भरोसेमंद आईपीएस में होती है चौहान की गिनती

आदिल अहमद

उत्तर प्रदेश। कल बुद्धवार को मुकुल गोयल को डीजीपी पद से हटा दिया गया था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मुकुल गोयल से उनकी लापरवाही के कारण नाराज़ थे और इसी नाराज़गी के कारण डीजीपी पद से गोयल को हटा दिया गया था। मुकुल गोयल के पद से हटाये जाने के बाद देवेंद्र सिंह चौहान को यूपी का कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक नियुक्त किया गया है।

बताते चले कि गोयल को पिछले साल एक जुलाई को तत्कालीन डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी की सेवानिवृत्ति के बाद डीजीपी बनाया गया था। वह केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से वापस लौटे थेे। शुरू से ही उनका कार्यकाल विवादों से घिरा रहा। एक मामले में तो मुख्यमंत्री तक को बयान देना पड़ा। वरिष्ठता के आधार पर 1987 बैच के आईपीएस अफसर आरपी सिंह सबसे वरिष्ठ डीजी हैं और मौजूदा समय में प्रशिक्षण निदेशालय में हैं। दूसरे नंबर पर 1987 बैच के ही सीबीसीआईडी में डीजी जीएल मीना, तीसरे पर 1988 बैच के डीजी भर्ती बोर्ड राज कुमार विश्वकर्मा, चौथे पर 1988 बैच के डीजी इंटेलीजेंस देवेंद्र सिंह चौहान और पांचवें पर 1988 बैच के डीजी जेल आनंद कुमार हैं।

इनमें देवेंद्र सिंह चौहान डीजीपी की रेस में सबसे आगे हैं। उनकी गिनती मुख्यमंत्री के भरोसेमंद में होती है। पर अभी केंद्र से पैनल मांगा जाता है तो उसमें चौहान का नाम शामिल होना मुश्किल है। क्योंकि चौहान वरिष्ठता क्रम में चौथे नंबर पर हैं। लेकिन पैनल जुलाई के बाद मांगा जाता है तो उसमें चौहान का नाम शामिल हो सकता है। क्योंकि तब जीएल मीना का सेवाकाल 6 माह से कम रह जाएगा और यूपीएससी के नियमों के तहत 6 माह से कम कार्यकाल वाले को पैनल में शामिल नहीं किया जा सकता।

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