पूरी अकीदत और संजीदगी के साथ अपने रब को राज़ी करने के लिए इबादत में गुज़ारी रात, अपने बुजुर्गो की कब्रों पर जाकर पेश किया फूलो की सौगात, गरीबो को तकसीम किये गए अच्छे पकवान, पुरसुकून गुजरी शब-ए-बारात

शाहीन बनारसी

डेस्क: मुस्लिम समुदाय का बड़ा त्यौहार शब-ए-बारात कल पुरे मुल्क में अमन-ओ-सुकून के साथ गुज़र गया। इस मुक़द्दस रात में मुस्लिम समुदाय ने अपने राव को राज़ी करने के लिए पूरी रात इबादत किया और आज रोज़े रखे। रब से अपनी गुनाहों के लिए माफ़ी मांगी वही अपने इन्तेकाल फरमा चुके बुजुर्गो और अजीजो के लिए दुआ-ए-मगफिरत किया।

हर एक मुस्लिम परिवार में लगभग हर एक इंसान में पूरी रात इबादत किया। इस्लामी शरियत के मुताबिक यह रात बड़ी मुक़द्दस है। इस्लामिक कैलेंडर हिजरी के मुताबिक यह त्यौहार ‘शाबान’ महीनें की 14 तारीख को सूरज गुरूब होने के बाद शुरु होता है और 15वीं तारीख के सूरज गुरूब होने तक मनाया जाता है। 14वी की शब पूरी रात इबादत में गुजारी जाती है और सूरज निकलने के पहले से सूरज गुरूब होने तक रोज़े रखे जाते है। शब-ए-बारात दो लफ्जों से मिलकर बना हुआ है। शब और बारात, शब का अर्थ होता है रात और ‘बारात’ का मतलब बरी होना, इस रात इस्लाम के मुताबिक बड़ी अहमियत रखती है।

इस्लाम के मुताबिक इस रात पिछले साल के किए गये कामो का लेखा-जोखा तैयार होने के साथ ही आने वाले साल की तकदीर भी तय होती है। यहीं वजह है कि इस दिन को इस्लाम में ख़ास मुकाम है। इस दिन लोग अपना वक्त अल्लाह की इबादत में बिताते है। पूरी रात लोग नफिल नमाजो और तिलावत-ए-कुरआन में गुजारते है। इसकी तैयारी कई दिनों पहले से किया जाता है। घरो और मस्जिदों की साफ़ सफाई और रंग रोगन किया जाता है। शब होते ही घरो में चरागों को रोशन किया जाता है। कब्रस्तान पर भी साफ़ सफाई होती है और लोग अपने पुरखो के कब्रों पर जाकर उन्हें फूलो का नजराना पेश करते है और उनकी मगफिरत के लिए दुआ करते है। इस रात इस्लाम में गुनाहों से तौबा का सबसे अच्छा वक्त माना जाता है।

तकसीम होते है गरीबो-मिस्कीनो को अच्छे पकवान

इस्लाम में दान का बड़ा महत्व है। इस्लाम के मुताबिक दान सय्यद को छोड़ कर हर एक गरीब मिस्कीन को दिया जाता है। इस मुक़द्दस मौके पर लोग अपने पूर्वजो के रिसाल-ए-सबाब के लिए गरीबो को अच्छे पकवान अपनी हैसियत के मुताबिक देते है। हर एक गरीब का पेट अच्छे पकवान से भर जाये ये लोगो की नीयत रहती है। कल रात को गरीबो को खाने बाटे गये।

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