सुप्रीम कोर्ट ने ईडी को कहा साफ़ साफ़ ‘बार बार सप्लीमेंट्री चार्जशीट डाल कर आप किसी को जेल में नही रख सकते है, कानून के तहत आप किसी शख्स को जाँच पूरी होने से पहले गिरफ़्तार नहीं कर सकते’

आफताब फारुकी

डेस्क: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को एक मामले की सुनवाई के दौरान सप्लीमेंट्री चार्जशीट दायर करने और जाँच को खींचने को लेकर प्रवर्तन निदेशालय पर कड़ी टिप्पणी की है। यह तल्खी सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस संजीव खन्ना और दिपांकर दत्ता की बेंच ने प्रेम प्रकाश की बेल याचिका पर सुनवाई के दरमियान ज़ाहिर किया। प्रेम प्रकाश एक मनी लॉन्ड्रिंग केस में कथित तौर पर झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेने के करीबी सहयोगी थे।

प्रेम प्रकाश अगस्त 2022 से हिरासत में हैं। उस समय रांची के उनके आवास पर हथियार बरामद हुए थे। उनपर आर्म्स एक्ट और प्रिवेंशन ऑफ़ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। इस केस में अभी तक चार सप्लीमेंट्री चार्जशीट दायर की जा चुकी है। जस्टिस खन्ना ने कहा, ‘हम आपको (ईडी) को ये ध्यान दिलाना चाहते हैं कि कानून के तहत आप किसी शख्स को जाँच पूरी होने से पहले गिरफ़्तार नहीं कर सकते। किसी व्यक्ति को ट्रायल शुरू होने से पहले हिरासत में नहीं रखा जा सकता।’

जस्टिस खन्ना ने कहा कि डिफॉल्ट बेल का प्रावधान ये सुनिश्चित करने के लिए किया गया था कि अगर पुलिस तय समय में चार्जशीट दायर नहीं करती है, तो अभियुक्त को जेल से रिहा किया जा सके। हालांकि, इस मामले में सप्लीमेंट्री चार्जशीट दायर कर-कर के, जाँच अभी भी जारी है। जस्टिस खन्ना ने कहा, ‘आप बिना सुनवाई सप्लीमेंट्री चार्जशीट दायर करते-करते किसी शख्स को जेल में नहीं रख सकते।’ उन्होंने कहा कि अगर सुनवाई में अत्यधिक या असामान्य तौर पर देरी हो रही है तो पीएमएलए के तहत कड़े प्रावधानों के बावजूद, अदालत अभियुक्त को बेल दे सकती है। इस मामले में अगली सुनवाई 29 अप्रैल को होगी।

हमारी निष्पक्ष पत्रकारिता को कॉर्पोरेट के दबाव से मुक्त रखने के लिए आप आर्थिक सहयोग यदि करना चाहते हैं तो यहां क्लिक करें


Welcome to the emerging digital Banaras First : Omni Chanel-E Commerce Sale पापा हैं तो होइए जायेगा..

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *