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महज़ 35 दिन ही तो गुज़रा था इस बहादुर कोरोना योद्धा महिला सिपाही के शादी को, आखिर क्या थी वजह जो झूल गई फंदे से ?

मो0 कुमैल

कानपुर. अभी उसके हाथो की मेहंदी भी तो नही उतरी थी। महज़ 35 दिन ही तो गुज़रे थे जब लॉक डाउन मे उसकी शादी हुई थी। अरमानो का न जाने कौन सा ऐसा बोझ था कि एक कोरोना योद्धा, एक बहादुर बेटी, महिला सिपाही ने महज़ शादी के 35 दिनों में ही पंखे से लटक कर खुद की ज़िन्दगी खत्म कर डाला। औरैया में तैनात महिला सिपाही ने कल सोमवार की रात फंदे पर लटक कर जान दे दी। वह स्टेट बैंक के पीछे मोहल्ला किशोरगंज में किराये के मकान में रहती थी। पुलिस ने कमरे का दरवाजा तोड़कर शव फंदे से नीचे उतारा। 35 दिन पहले ही उसका विवाह हुआ था।

बागपत जिले के बलैनी थाना क्षेत्र के गांव लतीफपुर दत्त नगर निवासी शालू गिरी (22) पुत्री गजेंद्र गिरी की 16 दिसंबर 2019 को बिधूना कोतवाली में तैनाती हुई थी। मंगलवार को सुबह वह ड्यूटी पर नहीं पहुंची तो साथी पुलिसकर्मियों ने उसे फोन किया, लेकिन उसका फोन नहीं उठा। इस पर एक महिला सिपाही को उसके कमरे पर देखने के लिए भेजा गया। महिला सिपाही वहां पहुंची तो कमरे का दरवाजा अंदर से बंद था। उसने खिड़की से झांककर देखा तो शालू गिरी का शव पंखे के कुंडे से झूलता दिखा।

उसने तुरंत कोतवाली पुलिस को इसकी जानकारी दी। इंस्पेक्टर विनोद कुमार शुक्ला व सीओ मुकेश प्रताप सिंह फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे। थोड़ी देर में एसपी सुनीति भी पहुंच गईं। इसके बाद फॉरेंसिक टीम को बुलाकर कमरे का दरवाजा तोड़कर शव को नीचे उतारा गया। मौके पर सुचना पाकर पहुचे परिजनों के अनुसार पारिवारिक कलह के चलते उसने फांसी लगाई। वहीं, पुलिस को सुसाइड नोट भी मिला है।

एसपी सुनीति ने बताया कि महिला सिपाही शालू गिरी की शादी 26 अप्रैल 2020 को बागपत निवासी राहुल गिरी के साथ हुई थी, पति शिक्षक है। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। मामले की जांच की जा रही है। वहीं मौके पर पहुंची उसकी मां ने फांसी लगाने की वजह पारिवारिक कलह बताई।

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