डबल मर्डर केस के पीड़ित परिवार जान माल की सुरक्षा की लगा रहे गुहार, पुलिस नही सुन रही फरियाद

  • आदिल अहमद

कानपुर। कानपुर वैसे तो कानपुर पुलिस के आला अफसर अपने थानेदारों के साथ कई कई घण्टे अपराध पर अंकुश लगाने के लिए मीटिंग करते हैं। लेकिन शायद बाद मीटिंग थानेदार साहब सब भूल जाते हैं। ऐसा ही एक मामला जनपद कानपुर नगर के थाना नवाबगंज अंतर्गत परमिया पुरवा का प्रकाश में आया है जहाँ बीती 19 फरवरी को एक मंदिर प्रांगण में दो दोस्तों की जघन्य हत्या कर दी गई थी। हत्या करने का तरीका कुछ इस प्रकार था कि युवकों को गोली मारने के बाद चेहरे पर हत्यारो ने चापड़ से कई वार किये थे।

इन हत्याओं से आसपास के इलाकों में दहशत फैल गई थी। इस हत्या में करीब आधा दर्जन से अधिक लोगो के नाम प्रकाश में आये थे जिसमें मुख्य आरोपी दीपू सागर, आकाश (अक्का) विकास (बिक्का) को नवाबगंज पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। अन्य की गिरफ्तारी नही हो सकी थी, यह शायद जांच का विषय रहा होगा या फिर पुलिस पर कोई राजनीतिक दबाव अथवा रहा होगा।

बताते चलें मृतक रवि गौतम और राज कुमार आपस मे एक अच्छे मित्र थे। बाद हत्या के इनके परिजनों ने इन्हें तो खो ही दिया, लेकिन इनके जाने के बाद से परिवारजनों की मुश्किलें और भी ज्यादा बढ़ चुकी हैं। मृतक राज कुमार की पत्नी ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि मेरी गोद मे चंद माह का बच्चा है और आरोपी जनों के साथियों ने धमकी दी है कि अगर तुम लोगो ने हत्या का मुकदमा वापस नही लिया तो तुम्हारे बच्चे को भी तुम्हारे पति के पास भेज दूंगा। मीडिया के माध्यम से मैं कहना चाहती हूँ कि यही बच्चा मेरी जिंदगी सहारा है। अब इसे कुछ हो गया तो मैं तो जीते जी मर जाऊंगी। वहीं मृतक राज कुमार के भाई शिव कुमार का आरोप है कि जब भी हम खेत पर काम करने के लिए जाते हैं तो मुख्य अभियुक्त दीपू सागर के पिता गुंडों को भेज देते है और वो असलहा लगाकर मुकदमा वापस लेने के लिए जान से मारने की धमकी देते हैं। इस सम्बंध में हम कई बार पुलिस के पास लिखित शिकायत लेकर गए। पुलिस प्रार्थना पत्र तो रख लेती है, लेकिन कोई कार्यवाही नही करती है हमारे पूरे परिवार को दीपू सागर के पिता व उनके साथियों से जान माल खतरा है।

 वहीं मृतक रवि गौतम के बुजुर्ग पिता का कहना है कि मेरे बुढ़ापे का एक ही सहारा था। अब हमारा गुज़र बसर करना मुश्किल हो चुका है, और ऊपर से दबाव बनाने के लिए बार बार दीपू सागर का पिता बार बार मुझे बुलवाता है और मेरे जख्मो पर मिर्च लगाने का लगातार प्रयास करता रहता है। अब सवाल यह उठता है कि मंदिर प्रांगण में हुई दो जघन्य हत्याओं को अभी दोनों परिवार भूल भी नही पाए थे और अब उनके सर पर मौत मंडराने लगी है और उसके बाद भी स्थानीय पुलिस हाथ पर हाथ रखे बैठी है और शायद फिर किसी बड़ी अप्रिय घटना होने का इंतजार कर रही है

हमारी निष्पक्ष पत्रकारिता को कॉर्पोरेट के दबाव से मुक्त रखने के लिए आप आर्थिक सहयोग यदि करना चाहते हैं तो यहां क्लिक करें


Welcome to the emerging digital Banaras First : Omni Chanel-E Commerce Sale पापा हैं तो होइए जायेगा..

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *