दालमंडी के गुलाम अशरफ और शाहनवाज़ “शानू” पर जानलेवा हमला प्रकरण : वजह कही कारोबारी अदावत तो नही ? पुलिस सूत्रों के मुताबिक जानलेवा हमले से सम्बंधित अहम् साक्ष्य लगे पुलिस के हाथ

तारिक़ आज़मी

वाराणसी। वाराणसी जनपद के पडोसी जिले चंदौली से सम्बंधित मुग़लसराय कोतवाली के कटेसर में चौक थाना क्षेत्र स्थित दालमंडी के आसपास रहने वाले कारोबारियों गुलाम अशरफ और शाहनवाज़ “शानू” पर जानलेवा हमले के सम्बन्ध में आज पुलिस के हाथ पुख्ता सबुत मिला है कि हमला हुआ है, ऐसा हमारे पुलिस सूत्र बताते है। पुलिस सूत्रों के अनुसार हमले से सम्बंधित सीसीटीवी फुटेज भी मिला है। पुलिस सूत्रों के अनुसार फुटेज के अनुसार हमलावर जिस कार से आये थे वह मस्टर्ड रंग की स्वीफ्ट डिजायर कार से हमलावर सवार थे। वही गोली चलने की पुष्टि से सम्बंधित साक्ष्य अभी पुलिस के हाथ नही लगे है। पुलिस सूत्रों के अनुसार हमलावर जिस गाडी से आये थे वह रामनगर के तरफ से आई थी।

गौरतलब हो कि कल रविवार को नई सड़क निवासी चर्चित पूर्व बिल्डर मुख़्तार उर्फ़ नाटे पप्पू के भाई चाँद की रिंग सेरेमनी कटेसर स्थित एक लाँन में थी। इस कार्यक्रम में वर पक्ष की तरफ से दालमंडी, नई सड़क और अन्य क्षेत्र के काफी बिल्डर्स की दावत थी। कार्यक्रम में नई सड़क के युवा कारोबारी और दालमंडी व्यापार मंडल के पदाधिकारी शाहनवाज़ “शानू” और मशहूर दुपट्टा कारोबारी तथा बिल्डर गुलाम अशरफ भी शामिल होने के लिए अपनी एक्सयुवी कार से गए थे। कार्यक्रम में शामिल होने के बाद गुलाम अशरफ कार ड्राइव गुलाम अशरफ कर रहे थे और कार में उनके पार्टनर शाहनवाज़ “शानू”, जावेद और नाटे पप्पू के भाई रियाज़ भी बैठे थे। इसके अलावा रियाज़ के तीन बच्चे भी कार में थे। कार जैसे ही कटेसर स्थित बागेश्वरी देवी धर्म काटा पार की तभी एक कार और कुछ बाइक सवार युवको ने कार को अचानक रोक कर हमला कर दिया गया। इस दरमियान पीडितो का आरोप है कि हमलावरों ने फायर भी किया था। वैसे गोली चलने की घटना से सम्बंधित साक्ष्य पुलिस अभी तक नही जुटा पाने के कारण गोली चलने की घटना से इन्कार कर रही है।

बहरहाल, मुग़लसराय पुलिस है साहब, कल तो जलीलपुर चौकी इंचार्ज घटना के बाद इस पूरी घटना से ही इन्कार कर रहे थे। अब जब घटना से सम्बंधित साक्ष्य मिल रहे है तो वह घटना होना तो कम से कम मान लेंगे। जबकि कल जलीलपुर चौकी इंचार्ज में घटना स्थल पर तो कहा था कि घटना नही हुई है किसी से पार्टी में मारपीट हो गई होगी। अब जैसा कि हमारे पुलिस सूत्र बता रहे है कि साक्ष्य घटना से सम्बंधित मिल रहे है तो वही दरोगा जी अब मामले में जांच करेगे। हम मुद्दे पर ही रहते है। हमला होते ही कार चला रहे गुलाम अशरफ ने अपनी फुर्ती दिखाई और तेज़ रफ़्तार में गाडी राम नगर थाने के तरफ भगाया और फिर पुलिस से संपर्क किया। घटना रात 9 से 9:15 के बीच होने के बाद पुलिस मौके पर पहुची और जांच शुरू किया। रात 11 बजे के करीब सोशल मीडिया पर मामला उछलने के बाद पुलिस कुछ हरकत में आई। वरना उसके पहले तो चौकी इंचार्ज जलीलपुर केके गुप्ता के द्वारा हमसे खुद ये शब्द कहा गया था कि अगर घटना होती तो क्या स्थानीय पत्रकार नही आते। शायद दरोगा जी घटना की पुष्टि स्थानीय पत्रकारों के आने से ही करते होंगे।

बहरहाल, घटना के सम्बन्ध में कल देर रात से ही दालमंडी-नई सड़क इलाके में खुसुर फुसुर वाली चर्चा जोरो पर जारी रही। आज चर्चाओं का दौर और भी चल रहा था। वही घटना से दोनों कारोबारी काफी भयभीत भी है। होंगे भी क्यों नही, किसी के साथ भी ऐसी घटना होने के बाद उसके अन्दर खौफ तो पैदा होगा ही। दोनों कारोबारी आज दिन भर खौफ के साए में जिए। शाम होते ही अपने कारोबार से फारिग होकर वक्त के पहले ही अपने घरो में चले गए। कल देर रात घर आने के बाद ही खौफज़दा दोनों कारोबारियों ने अपने मोबाइल बंद कर लिए थे। वही चन्दौली पुलिस मामले को हलके में अभी भी ले रही है। प्रकरण में पुलिस सूत्र बताते है कि अब पुलिस सोच रही है कि किसी अन्य ऐसी ही गाडी वाले से विवाद हुआ होगा, जिसके बाद केवल भ्रम वश इस गाडी पर हमला हो गया। मगर सवाल ये है कि जैसा हमारे पुलिस सूत्र बताते है कि हमला करने वाली गाड़ी फुटेज में रामनगर की तरफ से आती दिखाई दे रही है तो फिर वह गाडी रामनगर के तरफ जाने वाली गाडी पर क्यों हमला करेगी। किसी विवाद होने पर अमूमन जिस गाडी वाले से विवाद होता है उसको लोग गाडी से नीचे उतारने की कोशिश करते है। फिर कैसे भ्रम की बात विवेचक सोच रहे है ये समझ से परे है। मामले कही इसके अलग ही समझ आ रहा है।

क्या एक बड़ा कॉन्ट्रैक्ट है घटना के पीछे

बताते चले कि गुलाम अशरफ और शाहनवाज़ “शानू” अच्छे मित्र है और साथ में पार्टनर भी है। बिल्डिंग के काम में दोनों ने कम समय में काफी नाम कमाया है। इनकी कार्यशैली पर अगर गौर करे तो “दो पैसा कम कमाओ, मगर सुकून से नियमो के तहत कमाओ” के तर्ज पर ये पार्टनरशिप काम करती है। हर एक हिसाब पूरी तरह आना पाई नक्की के तर्ज पर रहता है। “खाओ पियो लाख, हिसाब एक एक मुट्ठी ख़ाक” के तर्ज पर ये पार्टनरशिप चल रही है। अब इलाके के सूत्रों की माने तो इस पार्टनरशिप की तरक्की काफी लोगो के आँखों की किरकिरी बनी हुई है। इस दरमियान एक बड़े काम को इन दोनों कारोबारियों को उठाना कई लोगो के आँखों में किरकिरी के तरह चुभ गया है ऐसा भी इलाके के हमारे सूत्र बताते है।

सूत्रों की माने तो नवेद काम्प्लेक्स के पीछे स्थित संपत्ति “कोयले वाला बाड़ा” के काम की रजिस्ट्री इन दोनों कारोबारियों ने अभी विगत दिनों ही करवाया था। इस बड़ी संपत्ति के सभी हिस्सेदारों के द्वारा ये रजिस्ट्री किया गया था। इस भवन के एक हिस्सेदार जो बताया जाता है कि काफी छोटे अंश के मालिक है ने इसका नोट्रियल एग्रीमेंट एक अन्य बिल्डर से लगभग 2 साल पहले किया था। मगर वह बिल्डर दो सालो से इस संपत्ति पर काम नही लगवा सके थे। इसका कारण अन्य हिस्सेदारों के द्वारा इस एग्रीमेंट पर अपनी सहमती नही जताना था। सूत्रों की माने तो अभी तीन चार दिन पहले ही दोनों कारोबारी इस संपत्ति पर गए और इसके काम की रूप रेखा बनाया। अगर कारोबारी नज़रिये से देखे तो ये एक बड़ी कामयाबी और काफी फायदे का सौदा इन दोनों मित्रो/पार्टनर को था। जिसके ऊपर तिरछी नज़र भी कुछ लोगो की जम गई।

वही सूत्र बताते है कि लगभग दो साल पहले नोट्रियल एग्रीमेंट करके बैठे दुसरे बिल्डर ने भी जानकारी होने पर उसी दिन रात को उस संपत्ति पर पहुच कर मुआयना किया था। सूत्र बताते है कि इसके बाद एक हिस्सेदार द्वारा अदालत का दरवाज़ा खटखटाने की चर्चा भी है। मगर इसकी पुष्टि अभी तक तो नही हुई है। मगर ये एगिर्मेंट इस कारोबारी गुट की बड़ी उपलब्धि थी जिसको कुछ लोग नही पचा पाए है। यदि इस नज़रिए से देखे तो फिर ये घटना की जड़ दालमंडी-नई सड़क से जुडती दिखाई देगी। वही दूसरी जड़ भी दालमंडी से जुडी दिखाई दे रही है वह है घुंघरानी गली में शाहनवाज़ “शानू” के भवन में एक दबंग किरायदार का विवाद। अगर ये जड़ घटना की है तो फिर इसकी भी जड़ दालमंडी से जुडी है।

घटना की जगह भी बड़े सवाल पैदा कर रही है। इस सम्बन्ध में हम आपको अपने अगले अंक में बतायेगे। जुड़े रहे हमारे साथ।

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