अनिल कुमार
पटना: सुशासन बाबु नितीश कुमार के बिहार स्वास्थ विभाग ने कोरोना संक्रमण के दौरान भारी फजीहत झेलने के बाद सुशासन बाबु ने बिहार की स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में आमूल बदलाव का दावा किया था। स्वास्थ्य विभाग ने आधुनिक मशीनों के साथ ही एम्बुलेंस की व्यवस्था की घोषणा की थी लेकिन यह दावा खोखला ही साबित हो रहा है। ताज़ा मामला नवादा जनपद के सदर अस्पताल का सामने आ रहा है। नवादा सदर अस्पताल में ही कुव्यवस्था से आम लोगों को रूबरू होना पड़ रहा है। किसी को स्ट्रेचर नहीं मिलता तो किसी जरुरतमंद को समय पर एम्बुलेंस उपल्बध नहीं हो पाती है। हद तो तब हो गई जब एक बुज़ुर्ग को मय्यत गोद में उठा कर अस्पताल का चक्कर काटना पड़ा और न उसको स्ट्रेचर मिला और न ही एम्बुलेंस।
हालांकि अस्पताल लाये जाने के बाद डॉक्टरों के महिला को मृत घोषित करने के बाद परिजनों से अपने साथ ले जाने के लिए कहा। जबकि नियम के अनुसार अस्पताल प्रबंधन को एम्बुलेंस के जरिये डेड बॉडी को उसके घर तक भिजवाना है। मगर नवादा सदर अस्पताल में ऐसा कई दिनों से देखा जा रहा है। इस मामले पर जब सिविल सर्जन डॉ0 निर्मला कुमारी का बयान मीडिया कर्मियों ने लिया तो उन्होंने एम्बुलेंस न होने की कहने दोहराते हुवे कहा कि एंबुलेंस की कमी अस्पताल में है। आए दिन एम्बुलेंस कहीं ना कहीं अलग-अलग स्थानों पर भेजा जाता है। आज भी मुख्य सचिव के कार्यक्रम में एम्बुलेंस गया है। स्ट्रेचर की बात पर उन्होंने कहा कि इस मामले में वह कर्मीयो से जवाब लेंगी। किसी भी प्रोग्राम में एक या दो एंबुलेंस चला जाता है। जिसके कारण थोड़ा एंबुलेंस की परेशानी है। एंबुलेंस की मांग की गई है। मरीज को स्ट्रेचर नहीं मिलने पर सिविल सर्जन ने कहा कि उन्हें ऐसी कोई जानकारी नही है।
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