खबर का असर: VDA ने सुधारी अपनी गलती, फिल्ड कार्मिको के खिलाफ अनुशानात्मक कार्यवाही होगी, अवर अभियंता से किया जवाब तलब, क्या थाना प्रभारी सिगरा की जवाबदेही होगी तय ?

तारिक़ आज़मी

वाराणसी: वाराणसी विकास प्राधिकरण द्वारा सोनिया में कल आंधी आने के दरमियान हुई दुर्घटना में अपनी गलती आखिर सुधार लिया है और फिल्ड कार्मिको के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की संस्तुति किया है। साथ ही इलाके के अवर अभियंता से प्राधिकरण ने जवाब तलब किया है। अब सवाल उठता है कि क्या वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस सिगरा इस्पेक्टर से इस प्रकरण में जवाब तलब करेगी कि जब विकास प्राधिकरण द्वारा इस निर्माण को रुकवाने का पत्र प्रेषित किया था तो फिर निर्माण कैसे हो रहा था।

बताते चले कि एक निर्माणाधीन भवन की दिवार गिर जाने के कारण कल एक युवती की मौत हो गई थी। इस प्रकरण में सबसे अछूती स्थिति ऐसी रही कि इस भवन का निर्माण सील होने के बाद भी हो रहा था। इसके ऊपर हमारे समाचारों का संज्ञान आखिर विकास प्राधिकरण की उपद्याक्षा इशा दोहन के द्वारा लिया गया। हमारे समाचार पर वाराणसी विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष ईशा दोहन ने सर्वप्रथम को इस बात को साफ़ साफ़ व्हाट्सएप पर मना किया गया कि भवन सील नही था। जिसके प्रतिउत्तर में जब हमने ये जवाब दिया कि इस बात की पुष्टि स्थानीय जोनल अधिकारी के द्वारा किया गया और इस सम्बन्ध में साक्ष्य भी उन्हें उपलब्ध करवाया गया कि जोनल अधिकारी के द्वारा इस बात की पुष्टि किया गया था कि उक्त भवन सील था। जिसके प्रतिउत्तर में उन्होंने एक बार फिर सभी जानकारी को गलत होने की बात कही।

मगर मामले में ऐसा प्रतीत होता है कि नए सिरे से इस मामले की जाँच हुई और विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष को हमारे समाचार की सत्यता प्राप्त हुई और उनके द्वारा हमको अपने सीयुजी नंबर से प्रदान किया गया कि हमारे द्वारा उठाया गया मामला सत्य था और मामले में कार्यवाही की गई थी। साथ ही उन्होंने अवगत करवाया कि फिल्ड कार्मिको के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रचलित है। जबकि मामले में अवर अभियंता से जवाब तलब किया गया है। विकास प्राधिकरण के द्वारा भेजे गए प्रेस नोट में लिखा है कि “श्री राजू सोनकर पुत्र श्री पेडा लाल, अनन्ति गेस्ट हाउस के सामने सोनिया रोड दशाश्वमेघ पर बिना मानचित्र स्वीकृत करवाए जी0+2 तलो का निर्माण करते हुवे तीसरे तल पर शटरिंग का कार्य कराये जाने पर उत्तर प्रदेश नगर नियोजन एवं विकास अधिनियम 1973 की सुसंगत धाराओं के अंतर्गत दिनांक 17/09/2020 को नोटिस की कार्यवाही की गई तथा निर्माण कार्य रुकवाने हेतु थानाध्यक्ष सिगरा को पत्र प्रेषित किया गया था। पक्ष द्वारा काफी समय व्यतीत हो जाने के उपरांत भी शमन मानचित्र नही दाखिल किया गया है। जिसके विरूद्ध दिनांक 17/05/2022 को अवैध निर्माण के विरुद्ध ध्वस्तीकरण आदेश पारित किया गया है। प्रकरण में क्षेत्रीय फिल्ड कार्मिक के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही संस्थित की जा रही है एवं अवर अभियंता का इस पर स्पष्टीकरण माँगा गया है।”

वाराणसी विकास प्राधिकरण द्वारा जारी इस प्रेस नोट ने ये तो साबित कर दिया कि वर्ष 2020 में ही थानाध्यक्ष सिगरा को निर्माण कार्य रुकवाने के लिए पत्र प्राधिकरण ने जारी किया था। अब सवाल ये उठता है कि इस मामले में सिगरा इस्पेक्टर की जवाबदेही क्या तय होगी कि आखिर कैसे फिर ये सब हो रहा था। या फिर सिगरा इस्पेक्टर की जवाबदेही नही बनेगी। ये तो कल आने वाला दिन ही बतायेगा। देखते है।

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