और आखिर गिर ही पड़ी दालमंडी की ये विवादित जर्जर दूकान, एक सदी गुजारी थी खड़े ही खड़े, शुरू हुआ खुसुर फुसुर का दौर

तारिक़ आज़मी

वाराणसी: दशको से विवादित जर्जर दूकान आज आखिर बैठ ही गई। शायद खड़े खड़े इस विवादों को देखते देखते अपनी बुज़ुर्गी में यह दूकान भी अब थक गई होगी। लगभग 100 साल की बुज़ुर्ग उम्र में पहुच चुकी ये दूकान अब शायद थक गई होगी और देर रात किसी समय आराम तलब करने के लिए बैठ गई। इस दूकान के बैठने की जानकारी आज उस समय सबको हुई जब सुबह दूकान में कथित किरायदार के द्वारा आकर अपनी दूकान का दरवाज़ा खोला गया।

मामला कुछ इस प्रकार है कि दालमंडी में माजिद चद्दर की दूकान है। इस दूकान में चाँद इलाही नाम के व्यक्ति बतौर किरायदार आबाद है। चाँद इलाही दालमंडी के इलाही परिवार से सम्बन्धित है। अब यहाँ दूकान के मालिक माजिद चद्दर की माने तो नगर निगम से लेकर हर जगह बतौर किरायदार प्य्वारे हसन चले आ रहे है। लगभग 3 दशक से चाँद इलाही बतौर किरायदार खुद को साबित करते हुवे दूकान पर काबिज़ थे। वही चाँद इलाही की माने तो उन्होंने किरायदारी इकरारनामा किया हुआ है। इसी मुद्दे को लेकर दोनों पक्षों के बीच दशको से मुकदमो का दौर चल रहा था।

इस दरमियान सदी देख चुकी ये दूकान जर्जर होते होते इस विवाद को दशको से देख रही थी। उम्मीद थी कि कभी तो विवाद खत्म हो और कोई मेरी दवा इलाज (मरम्मत) करवा दे। मगर दोनों ही पक्ष एक दुसरे के मुखालिफ अदालत में दलील और जिरह कर रहे थे। वक्त गुज़रता गया और जर्जर दूकान की हाल और भी बदत्तर होती गई। दूकान अपनी बुज़ुर्गी की भी उम्र पार कर चुकी थी तो उसको अब खड़े रहने में भी दिक्कत थी। आखिर जर्जर बुज़ुर्गी की उम्र पार कर चुकी ये दूकान ने खुद की आखरी साँस ले लिया।

“कर चले हम फ़िदा खुद की जा दोस्तों, अब तुम्हारे हवाले मुकदमा दोस्तों” कह कर कल रात किसी समय ये जर्जर दूकान बैठ गई। दूकान के छत की पाटिया जिसने लगभग एक सदी तक इस दूकान को हर बरसात और धुप तथा ठण्ड से महफूज़ रखा आखिर खुद की हार मान बैठी और उसकी हिम्मत ने कुछ शायद ऐसा साथ छोड़ा कि धडाम से नीचे आ गई होगी। अपने योगदान के लिए तवारीख-ए-दालमंडी में याद रखी जाने वाली इस दुकान की छत हिम्मत हार कर बैठ गई है इसकी जानकारी सुबह जब चाँद मियाँ के परिवार के लोग दूकान खोलने आये तब जानकारी में आई।

दरवाज़ा खोला तो छत की गिरी हुई मिटटी और ईंट बाहर सडको पर आने को बेताब हो रही थी। धीरे धीरे करके इलाही कुनबा इकठ्ठा होने लगा। समाचार लिखे जाने तक दोनों पक्षों में शांति है। मौके पर पुलिस आकर मुआयना करने चली जा चुकी है। दोनों पक्ष शांत होकर हालात का जायजा ले रहे है। दुकान अपनी जर्जर हाल पर दीवारों के आंसू बहा रही है। विस्तृत समाचार प्रतीक्षारत

हमारी निष्पक्ष पत्रकारिता को कॉर्पोरेट के दबाव से मुक्त रखने के लिए आप आर्थिक सहयोग यदि करना चाहते हैं तो यहां क्लिक करें


Welcome to the emerging digital Banaras First : Omni Chanel-E Commerce Sale पापा हैं तो होइए जायेगा..

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *