ज्ञानवापी मस्जिद प्रकरण: मिली आकृति के कार्बन डेटिंग जाँच पुरातत्व सर्वेक्षण के एक्सपर्ट से करवाने की किया वादी पक्ष ने मांग, मस्जिद कमेटी से अदालत ने माँगा 29 तक आपत्ति

ए0 जावेद

वाराणसी: ज्ञानवापी मस्जिद प्रकरण में आज जिला जज की अदालत में सुनवाई हुई। यह मामला श्रृंगार गौरी के नियमित दर्शन व अन्य विग्रहों के संरक्षण का मुकदमा सुनवाई योग्य करार दिए जाने के बाद सुनवाई हो रही है। जिला जज डॉ अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में आज गुरुवार को सुनवाई के दौरान हिंदू पक्ष की तरफ से सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता विष्णु जैन ने सर्वे के दौरान मिले कथित शिवलिंग जिसको मस्जिद समिति फव्वारा होने का दावा कर रही है की भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण के एक्सपर्ट से कार्बन डेटिंग कराने का अनुरोध किया है।

वादी मुक़दमे के जानिब से आज ज्ञानवापी परिसर में मिले शिवलिंग की कार्बन डेटिंग की मांग के पक्ष में कहा गया कि इससे यह स्पष्ट होगा कि वह शिवलिंग है या फव्वारा। केमिकल के जरिये 62 हजार वर्ष तक का आकलन किया जा सकेगा। ऐसे में यह भी पता चल सकेगा कि कितनी पुरानी है। मुस्लिम पक्ष का दावा है कि ये शिवलिंग नहीं बल्कि एक फव्वारा है। अदालत ने इस आवेदन पर अंजुमन इंतजामिया से 29 सितंबर तक आपत्ति दाखिल करने को कहा है।

अंजुमन इंतजामिया कमेटी की ओर से ऑर्डर 7 रूल 11 के आवेदन के निपटारे के बाद आठ सप्ताह सुनवाई टाले जाने के आवेदन पर जिला जज की कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 20 मई के आदेश में ट्रायल पर स्थगन का आदेश नहीं दिया है। ऐसे में सुनवाई जारी रहेगी। वही अंजुमन की तरफ से अधिवक्ता रईस अहमद, मेराजुद्दीन सिद्दीकी व मुमताज अहमद ने श्रृंगार गौरी वाद के सभी 52 बिंदुओं पर जवाबदेही दाखिल की। जिस पर हिंदू पक्ष की तरफ से अधिवक्ता मानबहादुर सिंह ने कड़ा विरोध किया और कहा कि 90 दिनों की मियाद समाप्त होने के बाद यह दाखिल की गई है। ऐसे में देरी के बाबत बिना उचित कारण बताए और शपथपत्र लिए बगैर इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता। इस दलील के बाद अदालत ने इस मामले में उचित कारणों के साथ शपथपत्र दाखिल करने को कहा है।

हमारी निष्पक्ष पत्रकारिता को कॉर्पोरेट के दबाव से मुक्त रखने के लिए आप आर्थिक सहयोग यदि करना चाहते हैं तो यहां क्लिक करें


Welcome to the emerging digital Banaras First : Omni Chanel-E Commerce Sale पापा हैं तो होइए जायेगा..

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *