लापरवाही वाराणसी विकास प्राधिकरण की और झेले वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस, युवती के मौत से जागा प्राधिकरण, टूट रही केसीएम के बगल में निर्माणाधीन अवैध इमारत

शाहीन बनारसी

वाराणसी: कहावत आपने अपने बनारस में सुनी होगी कि “मजा मारे गाजी मियाँ, धक्का खाए मुजावर।” ऐसा ही कुछ हाल वाराणसी में इस समय है कि लापरवाही करता है वाराणसी विकास प्राधिकरण और परेशानी झेलने के लिए वाराणसी पुलिस कमिश्नरेट है। मामला दशाश्वमेघ थाना क्षेत्र स्थित केसीएम के बगल में निर्माणाधीन अवैध भवन का है, जहा एक युवती की मौत के बाद आखिर नींद से वाराणसी विकास प्राधिकरण जागा। मामले में संज्ञान आया और पता चला कि पूरा निर्माण ही अवैध रूप से है।

आनन फानन में डीओ पास होता है। डीओ मतलब डिमोलाइजेशन आर्डर। तेज़ तर्रार रही वाराणसी विकास प्राधिकरण की वीसी ईशा दोहन जो अभी दो दिन पूर्व ही चंदेली डीएम बनी है ने त्वरित कार्यवाही करते हुवे इस भवन के ध्वस्तीकरण का आदेश पारित कर दिया। आदेश तो हो गया। इतने व्यस्त इलाके में अब इस ध्वस्तीकरण की कार्यवाही को किया कैसे जाए ये मुश्किल की गेंद आ जाती है वाराणसी कमिश्नरेट के पाले में। व्यस्त इलाका है। चालू सड़क है। ये भी नही कि कार्यवाही रात को हो। रात को ध्वस्तीकरण की कार्यवाही हो नही सकती क्योकि प्राधिकरण के नियमानुसार 5 बजे के बाद काम ये नही हो सकता है।

आदेश थाने पर आता है कि ध्वस्तीकरण की कार्यवाही होनी है, सुरक्षा उपलब्ध करवाया जाए। वीआईपी ड्यूटी से लेकर सड़क पर यातायात तक सुचारू करने वाली पुलिस शांति व्यवस्था हेतु उपलब्ध तो है। मगर पुलिस के लिए सबसे बड़ा अगर कोई मसला था तो इतने व्यस्त सड़क पर कैसे सब कुछ नियंत्रित करे। प्राधिकरण का क्या है जब निर्माण हो रहा था तो शांति के साथ देख रहा था, और जब स्थिति सामान्य नही रही तो सामने आ गये कि निर्माण अवैध है।

बहरहाल, इस समस्या से थानाध्यक्ष दशाश्वमेघ ने एसीपी दशाश्वमेघ अवधेश पाण्डेय को अवगत करवाया। इस समस्या को हल करने के लिए अनुभवी एसीपी दशाश्वमेघ ने कल शाम से ही मेहनत करना शुरू कर दिया। आसपास के एक एक दुकानदार को अवगत करवाया और उनको विश्वास में लिया कि ध्वस्तीकरण के समय वह अपनी दूकान बंद रखे ताकि किसी प्रकार की कोई अप्रिय घटना दुर्घटना न हो सके। देर रात तक एसीपी अवधेश कुमार पाण्डेय और दशाश्वमेघ थानाध्यक्ष ने मेहनत किया और आज समस्त सुरक्षा के बीच इस ध्वस्तीकरण की कार्यवाही को प्राधिकरण के द्वारा करवाया जा रहा है।  गोकुल पाण्डेय की इस इमारत को गिराने के लिए 25 मजदूर लगाए गए हैं। मौके पर एसीपी दशाश्वमेध अवधेश पांडेय, वीडीए के संयुक्त सचिव परमानंद यादव समेत अन्य अधिकारी और पुलिस व पीएसी के जवान मौजूद हैं।

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